पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद ने इस बहस पर कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद क्रिकेट को निशाना बनाना निराशाजनक है.
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कराची: भारतीय क्रिकेट जगत में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि पाकिस्तान का विश्व कप (World Cup 2019) में बहिष्कार करना चाहिए या नहीं. सौरव गांगुली और हरभजन सिंह समेत कई क्रिकेटर पाकिस्तान के बायकॉट की मांग कर रहे हैं. सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान से खेलकर उसे हराने के पक्ष में हैं. बायकॉट की इस बहस की धमक पाकिस्तान भी पहुंच रही है. पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद (Sarfraz Ahmed) ने इस बहस पर कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद क्रिकेट को निशाना बनाना निराशाजनक है.
सरफराज अहमद ने शुक्रवार (22 फरवरी) को कहा कि विश्व कप में भारत और पाकिस्तान का मैच पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होना चाहिए. उन्होंने खेलों को राजनीति से दूर रखने की अपील की. सरफराज ने क्रिकेटपाकिस्तान.कॉम.पीके से कहा, ‘भारत और पाकिस्तान का मैच पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होना चाहिए क्योंकि लाखों लोग हैं जो इस मैच को देखना चाहते हैं. मेरा मानना है कि राजनीतिक हितों के लिए क्रिकेट का निशाना नहीं बनाना चाहिए.’
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सरफराज अहमद ने कहा, ‘यह निराशाजनक है कि पुलवामा घटना के बाद क्रिकेट को निशाना बनाया जा रहा है. मुझे याद नहीं है कि पाकिस्तान ने कभी खेलों के साथ राजनीति को जोड़ा हो.’ विकेटकीपर बल्लेबाज सरफराज अहमद का यह दूसरा विश्व कप होगा. उन्होंने 2015 के विश्व कप में तीन मैच खेले थे. इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियादाद और पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भारतीय क्रिकेटरों की आलोचना की थी.
जावेद मियादाद ने सौरव गांगुली पर संगीन आरोप लगए. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सौरव गांगुली ने चुनाव में हिस्सा लेना चाहते हैं. वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. इसलिए अपने देश के लोगों का ध्यान खींचने के लिए और सहानुभूति पाने के लिए सस्ता खोज तरीके खोज रहे हैं.’ वहीं, शोएब अख्तर ने एक टीवी चैनल से कहा कि भारत-पाक मैच से सबसे अधिक पैसे स्टार स्पोर्ट्स चैनल और बीसीसीआई को मिलते हैं. ऐसे में भारत के हाथ में है कि वह विश्व कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करना चाहता है या नहीं.
(इनपुट: भाषा)