कभी इंजीनियर-कांट्रेक्टर का था क्रिकेट में जलवा, लंबे समय बाद उभरा एक और पारसी सितारा
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कभी इंजीनियर-कांट्रेक्टर का था क्रिकेट में जलवा, लंबे समय बाद उभरा एक और पारसी सितारा

भारतीय क्रिकेट में पारसियों का अहम योगदान है, जिसमें पॉली उमरीगर, नारी कॉट्रेक्टर, रूसी सुरती, फारुख इंजीनियर जैसे दिग्गज शामिल हैं.

अरजन नगवासवाला ने गुजरात की ओर से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में मुंबई के खिलाफ 5 विकेट लिए.

नई दिल्ली: पहली बार इंग्लैंड जाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम पारसियों की ही थी जो साल 1886 में इंग्लैंड गई थी. भारतीय क्रिकेट इतिहास में अब तक करीब 12 पारसी, जिनमें  पॉली उमरीगर, नारी कॉट्रेक्टर, रूसी सुरती, फारुख इंजीनियर जैसे दिग्गज शामिल हैं, टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. इनमें से सबसे आखिरी खिलाड़ी महिला टीम इंडिया की कप्तान रह चुकी डायना एडुल्जी हैं. अब भारतीय क्रिकेट से गायब हो रहे पारसियों के लिए अरजन नगवासवाला उम्मीद की नई किरण बनकर आए हैं. 

  1. भारतीय क्रिकेट में पारसियों की अहम भूमिका रही है
  2. कई दिग्गज पारसी खिलाड़ी मिले हैं टीम इंडिया को
  3. काफी दिनों के बाद पारसी खिलाड़ी चमका है रणजी में 

आज भी मुंबई में कुछ पारसी क्लब कायम हैं जो मशहूर मानसून क्रिकेट कांगा लीग में खेलते हैं, लेकिन आज के क्रिकेट परिदृश्य से पारसी क्रिकेटर लगभग गायब ही हो चुके हैं. हमारी सहयोगी वेबसाइट डीएनए के मुताबिक, बुधवार सुबह एक पारसी क्रिकेटर अरजन नगवासवाला ने शानदार गेंदबाजी कर अपने समुदाय का नाम रौशन कर दिया. रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप ए के मैच में मुंबई के वानखेड़े स्टे़डियम की घास वाली पिच पर गुजरात की ओर से खेलते हुए अरजन ने मुंबई के पांच विकेट लेकर जता दिया कि अभी पारसियों का दौर क्रिकेट में खत्म नहीं हुआ है. 

मुंबई की पारी ढेर की अरजन ने
नगवासवाला मुंबई की पारी ढहाने में अहम भूमिका निभाने वाले गेंदबाज रहे. एक समय मुंबई का स्कोर दो विकेट के नुकसान पर 74 रन बने थे जिसके बाद अरजन ने एक-एक करके सूर्यकुमार यादव, अरमान जाफर और आदित्य तारे को आउट किया. अरजन ने मुंबई के लिए बढ़िया बल्लेबाजी कर रहे सिद्धेश लाड और अंत में दुर्मिल माटकर को आउट कर अपना पांच विकेट हॉल पूरा किया.

पहले सीजन और तीसरे मैच में ही किया कमाल
अरजन ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा, “ यह मेरा पहला रणजी सीजन और तीसरा रणजी मैच है. मैं गुजरात के लिए एज ग्रुप क्रिकेट में खेला था, जहां के प्रदर्शन के आधार पर मुझे रणजी टीम में जगह मिली.” नगवासवाला ने कहा कि जब उन्हें वानखेड़े में नई गेंद दी गई तब वे काफी नर्वस थे. “पहले ओवर के बाद सारी बेचैनी खत्म हो गई. इस मैदान पर मेरा यह पहला मैच था. मुझे सही जगह पर गेंद करने का इनाम मिला.”

इस युवा खिलाड़ी ने क्लब क्रिकेट नहीं खेला है , बल्कि उसे पूर्व रणजी खिलाड़ियों से ट्रेनिंग मिली है. अरजन ने कहा “ वहां कोई क्लब नहीं हैं. मेरा गांव अंबरगांव महाराष्ट्र की सीमा पर है. हमारे पास कुछ रणजी खिलाड़ी थे और मैंने उनके साथ काम किया. मेरी दिलचस्पी बढ़ी और एक के बाद एक मौके मिलते गए.”

पता नहीं कितने पारसी क्रिकेट खेल रहे हैं
नगवासवाला इस बात से वाकिफ नहीं  हैं कि घरेलू क्रिकेट में पारसी क्रिकेटर खेल रहे हैं कि नहीं. मेरा क्रिकेट बैकग्राउंड नहीं है. मैं जानता था था कि कुछ पारसी खिलाड़ी थे, जो भारत के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. उनमें से कुछ के नाम भी मुझे मालूम है. मुझे हालाकि अभी की स्थिति के बारे में पता नहीं है कि कौन खेल रहा है या नहीं.” जहीर खान और वसीम अकरम को आदर्श मानने वाले अरजन ने कहा, “मैं अपने शहर में सबसे युवा खिलाड़ी हूं. मेरे समुदाय के लोग ज्यादा नहीं हैं वहां. या तो वे मुंबई चले गए हैं या कहीं और.”

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