पार्थिव पटेल ने माना कि अगर वे और दिनेश कार्तिक टीम इंडिया में अपने चयन के बाद सही प्रदर्शन कर पाते तो धोनी को मौका ही नहीं मिलता और धोनी इल मुकाम पर नहीं पहुंच पाते जहां वे हैं.
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नई दिल्ली : क्या टीम इंडिया के महान धुरंधर बल्लेबाज और विकेटकीपर महेंद्रसिंह धोनी के टीम में आने की वजह कोई और खिलाड़ी था. जीहां, अगर भारत के एक दूसरे विकेटकीपर खिलाड़ी का मानना है कि अगर उनका खराब प्रदर्शन नहीं होता तो धोनी आज उस मुकाम पर न होते जहां वे हैं. जब एमएस धोनी टीम में आए थे उस समय टीम इंडिया को सही विकेटकीपर की तलाश थी आलम यह था कि टीम के दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रवि़ड़, जो नियमित विकेटकीपर नहीं थे, तक को विकेटकीपर के तौर पर आजमाया जा चुका था और उनके अलावा कई और विकेटकीपर की असफल आजमाइश भी हुई थी.
ऐसे में जब एमएस धोनी को जब मौका मिला तो फिर लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए विकेटकीपर की तलाश ही खत्म हो गई. अब जबकि धोनी टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं तो टीम में विकेटकीपर की जगह के लिए प्रतिस्पर्धा एक बार फिर खुल गई है. लेकिन धोनी से पहले जिस विकेटकीपर को लगाता है कि उनके खराब प्रदर्शन की वजह से धोनी अपने मुकाम को पा सके वे हैं पार्थिव पटेल.
पार्थिव पटेल कोई गुमनाम क्रिकेटर नहीं हैं आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शनों से लेकर रणजी ट्रॉफी में गुजरात तक को खिताब दिलवाने वाले पार्थिव की प्रतिभा पर शायद ही किसी को शक होगा. लेकिन पार्थिव का मानना है जब धोनी का चयन हुआ था उससे पहले अगर उनका और उनके साथ कुछ और खिलाड़़ियों को खराब प्रदर्शन नहीं होता तो आज धोनी वहां नहीं होते जहां वे हैं. पार्थिव ने गौरव कपूर के शो ब्रेकफास्ट विद चैम्पियन्स के दौरान यह बातें कहीं.
पार्थिव ने बातचीत में माना कि धोनी बेशक आज लीजेंड हैं लेकिन जब धोनी के आने से पहले जब टीम इंडिया के चयनकर्ता उन्हें और दूसरे विकेटकीपरों को आजमा रहे थे, तब यदि वे या बाकी विकेटकीपर में से कोई और बढ़िया प्रदर्शन कर पाता तो धोनी के नाम पर विचार ही नहीं हो पाता और धोनी उन ऊंचाइयों को हासिल नहीं कर पाते जहां वे हैं. पार्थिव ने इसके अलावा भी अपने करियर की कई रोचक बातें भी शेयर कीं.
धोनी का चयन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दिसंबर 2004 को हुआ था. जबकि पार्थिव पटेल ने अगस्त 2002 में और दिनेश कार्तिक ने सितंबर 2004 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरु किया था यानि उन दोनों को धोनी से पहले मौका तो मिला था लेकिन उनका प्रदर्शन आशा के अनुरूप न होने की वजह से धोनी के नाम पर न केवल विचार किया गया बल्कि उन्हें मौका भी दिया गया जिसके बाद धोनी ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
शो के दौरान जब पार्थिव से पूछा गया कि लगता है के आप और दिनेश कार्तिक जैसे कई अच्छे विकेटकीपर गलत दौर में पैदा हुए क्योंकि धोनी की वजह से आप लोगों को लंबे सयम तक टीम में रहने का मौका नहीं मिल सका, तब पार्थिव ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि धोनी इस समय लिविंग लीजेंड हैं और इस तरह के सवाल हमसे कई बार पूछे जाते हैं. लेकिन मेरा यह मानना है, पार्थिव ने कहा, कि हमने धोनी से पहले खेलना शुरू किया था. अगर हम खराब परफॉर्म नहीं करते तो धोनी को मौका ही कैसे मिलता. इस बारे में तो सोचने से अच्छा है कि हम यह मान लें कि हमने अपनी क्षमता का सही उपयोग नहीं किया जिससे उसे मौका मिल सका. हम गलत दौर में पैदा हुए ऐसा मानना तो दिल बहलाने वाली बात हो जाएगी. इससे कुछ समय के लिए दिल खुश हो सकता है लेकिन सच तो सभी जानते हैं कि हम परफॉर्म नहीं कर सके इसीलिए धोनी वहां पहुंच सके.
जन्म के समय रोचक किस्सा हुआ था
इसके अलावा पार्थिव ने अपने बारे में भी कई रोचक बातें शेयर कीं उन्होंने अपने जन्म के बारे में भी दिलचस्प वाक्या सुनाया. पार्थिव ने बताया कि 1985 में जब वे पैदा होने वाले थे तब अहमदाबाद में दंगों की वजह से कर्फ्यू लगा हुआ था. इस वजह से उनकी मां को पुलिस की गाड़ी में ही अस्पताल पहुंचाया गया और दो तीन दिन बाद वे पुलिस की गाड़ी में ही पार्थिव को लेकर अस्पताल से घर जा सकी थीं. पार्थिव ने एक मजेदार बात बताई के 2002 में जब उन्हें टीम इंडिया में शामिल होने के लिए जाना था तब भी गुजरात में दंगे हुए थे और वे एयरपोर्ट पुलिस की गाड़ी में गए थे.