सिडनी में (Sydney) भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) बीच खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) का तीसरा मैच ड्रॉ हो गया. ऐसी कई वजहें रहीं जिसने ऑस्ट्रेलियाई टीम के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) और ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के आउट होने पर भारतीय उम्मीदों को झटका लगा था, लेकिन हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने बेहद संयम से खेलते हुए मैच को हारने से बचा लिया. दोनों के बीच 62 रन की अहम पार्टनरशिप हुई जो ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए निराशा की वजह बन गई. विहारी ने 161 गेंदों में 23 और अश्विन ने 128 गेंदो में 39 रन बनाए.
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) चोट की वजह से दर्द का सामना कर रहे थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 118 गेंदों में शानदार 97 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे. वो नाथन लॉयन (Nathan Lyon) के शिकार बने. पंत को 5वें नंबर पर प्रोमोट किया गया. कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) ने उन्हें हनुमा विहारी (Hanuma Vihari)) पर तरजीह दी.
जिस चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को पहली पारी में स्लो बैटिंग के लिए कोसा जा रहा था, उसी बल्लेबाज से दूसरी पारी में संयम भरी बल्लेबाजी की उम्मीद की जाने लगी. पुजारा भी इन उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरे और उन्होंने 205 गेंदों में 77 रन बनाए और मैच को बचाने में अहम योगदान दिया.
इस मैच को ड्रॉ कराने के लिए अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की कप्तानी को जरूर याद किया जाएगा. पंत को 5वें नंबर पर उतारना. नवदीप सैनी (Navdeep Saini) को मौका देना, जिन्होंने मैच में 4 विकेट लिए. इसके अलावा मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को हटाकर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) से ओपनिंग करना भी फायदेमंद रहा. इस मैच से पहले नाकाम रहने वाले हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) पर भरोसा करना भी रहाणे के बेहतरीन फैसलों में शामिल रहा.
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इस मैच में हालात काफी उतार चढ़ाव से भरे रहे. 407 रन का विशाल लक्ष्य मिलने के बावजूद टीम इंडिया ने फाइट करना नहीं छोड़ा. इसका श्रेय अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंता, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी के साथ-साथ पूरी इंडियन टीम को जाता है.
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