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जब लंदन से भारत वापस भेज दिए गए थे लाला अमरनाथ

लाला अमरनाथ का नाम भारतीय क्रिकेट में काफी सम्मान के साथ लिया जाता है, लेकिन एक समय में उन्हें अपमानित भी किया गया था.

क्रिकेट में महाराजकुमार ऑफ विजियानगरम की दिलचस्पी

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क्रिकेट में महाराजकुमार ऑफ विजियानगरम की दिलचस्पी

ये बात 1936 की है, तब कई महाराजाओं की अपनी क्रिकेट टीम हुआ करती थी, उन सभी के खिलाड़ियों से मिलकर क्रिकेट टीम बना करती थी. भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रेसीडेंट तब भोपाल के नवाब हुआ करते थे, उस समय एक राजघराना और हुआ करता था विजियानगरम, ये कृष्णदेव राय वाला विजय नगर साम्राज्य नहीं था बल्कि अब आंध्रप्रदेश का एक जिला है. राजा की मौत के बाद उनके बड़े बेटे ने राजपाट संभाला तो छोटा बेटा बनारस के पास अपनी फैमिल एस्टेट में चला गया. नाम था पशुपति विजय आनंदा गणपति राजू उर्फ महाराजकुमार ऑफ विजियानगरम उर्फ विज्जी. वहां उसने 1926 में अपनी क्रिकेट टीम बनाई और पूरे भारत और श्रीलंका का दौरा किया. उसकी वायसराय लॉर्ड विलिंगटन से भी नजदीकी हो गई.(फोटो-Wikipedia)

विज्जी की वायसराय से नजदीकी

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विज्जी की वायसराय से नजदीकी

वायसराय लॉर्ड विलिंगटन की उसने ऐसी चापलूसी की कि वो उसका मुरीद हो गया, फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में उसके नाम का एक पवेलियन बनवाया, फिर नेशनल चैम्पियनशिप शुरू होने पर उसके नाम की एक गोल्ड ट्रॉफी बनाने की योजना बनाई, लेकिन पटियाला के राजा ने रणजी ट्रॉफी देकर बाजी मार ली. टीम बनाने के बाद उसने 1932 में क्रिकेट बोर्ड को सीधे सीधे पचास हजार रुपए की रिश्वत दी और वो डिप्टी वाइस कैप्टन चुन भी लिया गया, लेकिन बीमारी के चलते इंग्लैंड नहीं जा पाया.  (फोटो-Wikipedia)

दिखा पैसे का दम

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दिखा पैसे का दम

लेकिन विज्जी पैसा काम आया और वो लंदन दौरे के लिए 1936 में कैप्टन चुन लिया गया. लाला अमरनाथ, विजय मर्चेंन्ट और सीके नायडू को पता था कि उसे खेलना ढंग से नहीं आता, सो वो हैरान थे, लेकिन कुछ कर नहीं सकते थे. उसने अपने ही खिलाड़ी विजय मर्चेन्ट को आउट करवाने के लिए अपने ही दूसरे खिलाड़ी मुश्ताक अली को गोल्ड वॉच ऑफर की, जबकि सीके नायडू की बेइज्जती करने के लिए बाका जिलानी को अपनी इकलौती टेस्ट कैप मिली.

लाला का बैटिंग ऑर्डर बदला

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लाला का बैटिंग ऑर्डर बदला

जब उसने लाला अमरनाथ का बल्लेबाजी क्रम बदलकर उसकी जगह किसी दूसरे खिलाड़ी को भेज दिया, लाला को पूरे दिन बैठाए रखा तो लाला को गुस्सा आ गया और दिन के आखिर में उन्होंने अपनी किट उतारकर कमरे में फेंक दी, अपना गुस्सा वो छिपा नहीं सके और पंजाबी में कुछ कह भी डाला. टीम का मैनेजर मेजर जैक ब्रिटैन जोन्स और विजी दोनों ही विलिंगटन के करीबी थी, बताया तो ये जाता है कि जोंस ने तो लाला को कहा था कि आप महिलाओं का पीछा करते हो, इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है.(फाइल फोटो)

लाला के बेटे ने किताब के जरिए किया खुलासा

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लाला के बेटे ने किताब के जरिए किया खुलासा

लाला अमरनाथ के बेटे राजेन्द्र अमरनाथ ने उनकी बायोग्राफी ‘लाला अमरनाथ लाइफ एंड टाइम्स, द मेकिंग ऑफ ए लीजेंड’ में लिखा है कि साथी खिलाड़ियों पर दवाब डालकर लाला के खिलाफ शिकायत ली गई और उनको फौरन बीच टुअर में से वापस भेज दिया. जब बोर्ड के प्रेसीडेंट भोपाल के नवाब को पता चला तो उन्होंने वापस भेजने की बात कही, लेकिन विलिंगडन के दवाब में वो भी झुक गए, हजारों लोगों ने लाला का स्वागत मुंबई के पोर्ट पर किया था.

बुरे खिलाड़ी थे विज्जी

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बुरे खिलाड़ी थे विज्जी

विज्जी इतना बुरा खिलाड़ी और कप्तान था कि 6 पारियों में केवल 33 रन बनाए. हारने के बावजूद लंदन के राजा ने उसको नाइट की उपाधि दी. लेकिन भारत में उसके खिलाफ इतना गुस्सा था कि ब्यूमोंट कमेटी जांच के लिए बैठाई गई, कमेटी ने लाला अमरनाथ की कोई गलती नहीं बताई, कमेटी ने विज्जी की कप्तानी को एकदम घटिया बताया. विज्जी को फिर कभी इंडिया के लिए क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला.(फोटो-Wikipedia)

2 दशक बाद क्रिकेट प्रशासक बने विज्जी

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2 दशक बाद क्रिकेट प्रशासक बने विज्जी

इस घटना के बाद विज्जी करीब 2 दशक तक गायब रहे, वो जब लौटा तो काफी बदला हुआ था. अब वो क्रिकेट प्रशासक बनकर लौटे थे, 1954 से 1957 तक बीसीसीआई का प्रेसीडेंट रहे. उससे पहले 1952 में जब वो बीसीसीआई का वाइस प्रेसीडेंट थे, लाला अमरनाथ से पुरानी दुश्मनी भुलाते हुए विज्जी ने उन्हें दोबारा कप्तानी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. सीके नायडू से भी रिश्ते सुधारे और उनके कहने पर नायडू ने 61 साल की उम्र में 1956-57 में यूपी की कप्तानी की. कानपुर को टेस्ट किक्रेट का गढ़ बनाने में भी विज्जी का रोल रहा. इससे पहले विज्जी ने बीबीसी के लिए क्रिकेट कमेंट्री भी की. 2 बार सांसद भी रहे.(फोटो-IANS)

लाला बने भारत के कप्तान

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लाला बने भारत के कप्तान

1947-48 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में लाला अमरनाथ कप्तान बने और उसके बाद उन्हें 1952 में कप्तानी का मौका मिला उसी विज्जी की वजह से, जिसने कभी उनको अपमानित करके लंदन से वापस भेज दिया था, तो लाला ने भी इस दौरान पाकिस्तान को पहले ही टेस्ट में मात देकर इतिहास बना दिया था. (फोटो-Twitter/@BCCI)  

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