सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली के इस 'नियम' को कहा- NO!
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सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली के इस 'नियम' को कहा- NO!

हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर खत्म हुई वन-डे सीरीज के बारे में सचिन ने कहा, हमने देखा कि पिचें स्पिनर की मदद कर रही थीं.

विराट कोहली की इस बात से सहमत नहीं हैं सचिन तेंदुलकर (PIC : PTI)

नई दिल्ली: इंग्लैंड दौरे के लिए अंबाती रायडू के चयन के बाद यो-यो टेस्ट में फेल होने की वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा. इस मामले के बाद से यो-यो टेस्ट एक बार फिर से चर्चा में बना हुआ है. यूं तो यो-यो टेस्ट को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं कि क्या इसे टीम में सलेक्शन का मानक माना जाना चाहिए. यो-यो टेस्ट के मुद्दे पर बीसीसीआई, एक्पर्ट और खिलाड़ी सभी बंटे हुए नजर आते हैं. टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली का कहना है कि टीम इंडिया में एंट्री पानी है तो आपको इस टेस्ट को पास करना ही होगा. हाल ही में क्रिकेट के 'भगवान' सचिन तेंदुलकर ने यो-यो टेस्ट को लेकर अपनी राय दी है. 

  1. अंबाती रायडू यो-यो टेस्ट की वजह से इंग्लैंड दौरे में नहीं हो पाए शामिल
  2. युवराज सिंह भी यो-यो टेस्ट में फेल होने के बाद से वापसी नहीं कर पाए
  3. सुरेश रैना लंबे समय बाहर रहने के बाद टीम इंडिया में लौट आए हैं

युवराज सिंह, सुरेश रैना, अंबाती रायडू को किसी न किसी स्टेज पर यो-यो टेस्ट में असफल हो जाने के कारण टीम में नहीं चुना गया. मोहम्मद शमी को अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में इसी कारण ड्रॉप किया गया था. हालांकि, बाद में यो-यो टेस्ट पास करने के बाद वह इंग्लैंड टीम में लौट आए हैं. अब दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी यो-यो टेस्ट को लेकर चल रही बहस में कूद पड़े हैं. 

यो-यो टेस्ट को सचिन की ना
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मैं इस बात का समर्थक नहीं हूं कि टीम में चयन का एकमात्र आधार यो-यो टेस्ट हो. हालांकि मुझे लगता है कि फिटनेस आज महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन खिलाड़ी की फिटनेस को मापने के लिए और भी कई माध्यम हो सकते हैं.' सचिन तेंदुलकर ने इस दौरान इंग्लैंड दौरे पर भी चर्चा की. सचिन को लगता है कि आधुनिक क्रिकेट में फील्डिंग के मानक लगातार ऊपर जा रहे हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि यो-यो टेस्ट के अलावा भी फिटनेस को देखने के कई माध्यम हो सकते हैं. 

फिटनेस जरुरी, लेकिन यो-यो चयन का आधार नहीं 
इस दिग्गज क्रिकेटर ने कहा, मुझे लगता है फिल्डिंग के कुछ मानक फिटनेस के मानक हो सकते हैं. मैंने कभी यो-यो टेस्ट पास नहीं किया. हमें बीप टेस्ट से गुजरना पड़ता था. फिर भी मुझे लगता है यो-यो टेस्ट चयन का एकमात्र आधार नहीं हो सकता. खिलाड़ी की खेलने की क्षमता और कैसे वह खुद को फिट रखता है यह महत्वपूर्ण है. 

टेस्ट में स्पिनर्स को मिलेगा फायदा
हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर खत्म हुई वन-डे सीरीज के बारे में सचिन ने कहा, हमने देखा कि पिचें स्पिनर की मदद कर रही थीं. आदिल राशिद और कुलदीप यादव को इसका फायदा मिला. तेंदुलकर को लगता है कि यदि परिस्थितियां वही रहीं तो स्पिनर विपक्षियों को अवश्य परेशान करेंगे. सचिन ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होगा. सचिन टीम में बार बार बदलावों के भी पक्षधर नहीं दिखे. 

उन्होंने कहा, मुझे लगता है आपको धैर्य से काम लेना चाहिए और संतुलन बनाए रखना चाहिए. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप टीम में कोई बदलाव कर ही नहीं सकते. परिस्थितियों के अनुसार आपको टीम में बदलाव करना चाहिए और खिलाड़ी जानते हैं कि अनावश्यक बदलावों से कुछ नहीं होता.

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विराट-शास्त्री का फरमान
भले ही भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए यो-यो टेस्ट को बेंचमार्क माने जाने के कोई भी आलोचना करे, लेकिन मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली का कहना है कि आप टेस्ट पास कीजिए और भारत के लिए खेलिए. शास्त्री और कोहली ने यह स्पष्ट किया है कि यो-यो टेस्ट बरकरार रहेगा और कोहली ने भी कहा कि इसे भावुक होने के बजाय ‘कड़े फैसले’ के रूप में देखा जाना चाहिए जिससे टीम को फायदा ही मिलेगा.

 

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