Team India WC 2011 Winning Moment: सचिन तेंदुलकर के 2011 विश्व कप के यादगार लम्हे ने लारेस 20 स्पोर्टिंग मोमेंट का पुरस्कार जीता है.
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नई दिल्ली: भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. टीम इंडिया के साल 2011 का विश्व कप जीतने के बाद मास्टर ब्लास्टर की विश्व कप उठाते हुए लम्हों को लारेयस बेस्ट स्पोर्टिंग मोमेंट (Laureus Sporting Moment award) का खिताब मिला है.
तेंदलुकर को बर्लिन में आयोजित लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड कार्यक्रम में सबसे ज्यादा वोट मिले. इस क्षण को बीते दो दशकों में से 20 दावेदारों में चुना गया है. भारतीय फैंस के लिए यादगार रहे इस क्षण को 'कैरीड आन द शोल्डर्स आफ ए नेशन' शीर्षक दिया गया था.
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सचिन ने 2011 में अपना छठा और आखिरी वर्ल्ड कप खेला था. टीम इंडिया का उस समय यह सपना था कि वे सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का ख्वाब पूरा करे और टीम ने एमएस धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था.
श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए इस फाइनल मुकाबले को धोनी की छक्के से जीतने के बाद टीम के खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर उठा लिया था. ऑस्ट्रेलिया के पू्र्व कप्तान स्टीव वॉ ने सचिन को यह खिताब दिया.
दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन ने अवार्ड जीतने के बाद कहा, "यह बेमिसाल है. विश्व कप जीतने का बाद का अहसास शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. कितनी बार ऐसा होता है कि ऐसा मौका होता है कि आप के पास इस तरह के अहसास होते हैं. बहुत कम ही पूरा देश इस तरह से जश्न मनाता है. "
सचिन ने आगे कहा, "यह हमें याद दिलाता है कि खेल कितना शक्तिशाली है और वह हमारे जीवन में कितना चमत्कार कर सकता है. आज भी मैं देखता हूं यह मेरे साथ है. मेरा सफर 1983 में शुरू हुआ था जब मैं दस साल का था. भारत ने तब पहला वर्ल्ड कप जीता था. मुझे उसकी अहमियत तब समझ में नहीं आई थी. चूंकि सभी जश्न मना रहे थे, मैंने भी उसमें शामिल हो गया था. लेकिन कहीं मैं जानता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ है और एक दिन मैं इसका अहसास करना चाहता था. इस तरह मेरा सफर शुरू हुआ. जिस ट्रॉफी के लिए मैं 22 साल तक लगा रहा उसे थामना मेरे जीवन का सबसे गर्वीला क्षण था, लेकिन मैंने उसके लिए उम्मीद कभी नहीं छोड़ी थी. यह केवल मेरे देशवासियों के लिए ट्रॉफी उठाना था."