'क्रिकेट के भगवान' ने लिया गुरू पूर्णिमा पर अपने गुरू का आशीर्वाद
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'क्रिकेट के भगवान' ने लिया गुरू पूर्णिमा पर अपने गुरू का आशीर्वाद

सचिन तेंदुलकर को उनके बड़े भाई अजीत ने रमाकांत आचरेकर से मिलाया था.

फोटो- @sachin_rt

नई दिल्ली: 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रमाकांत आचरेकर से आशीर्वाद लिया. तेंदुलकर ने ट्विटर पर दो तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें वह और अतुल रानाडे को आचरेकर से आशीर्वाद लेते देखा जा सकता है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 'गुरुपूर्णिमा के दिन हम उन्हें याद करते हैं, जिन्होंने हमें बेहतर से भी बेहतर बनना सिखाया. आचरेकर सर, आपके बिना मैं यह सब नहीं कर सकता था. अपने गुरुओं का शुक्रिया अदा करना न भूलें और उनका आशीर्वाद लें.' गौरतलब है कि आचरेकर मध्य मुंबई के दादर के शिवाजी पार्क में सचिन तेंदुलकर को कोचिंग देते थे. 

 

 

गुरू आचरेकर ने बनाया 'क्रिकेट का भगवान'
सचिन तेंदुलकर को उनके बड़े भाई अजीत ने रमाकांत आचरेकर से मिलाया था. इस मुलाकात के बाद से ही सचिन के 'क्रिकेट के भगवान' बनने की पटकथा लिखी गई. कोच रमाकांत आचरेकर शहर की विभिन्न जगहों पर युवा तेंदुलकर को अभ्यास के लिए ले जाते थे. वहीं, अच्छे प्रदर्शन पर आचरेकर उन्हें वड़ा पाव खिलाने के साथ ही पैसे भी देते थे. छोटी-छोटी चीजों को मिलाकर कोच आचरेकर ने तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान बना दिया. साल 2010 में भारत में प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्मश्री (देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) और साल 1990 में द्रोणाचार्य पुरस्कार (खेल और खेलों में उत्कृष्ट कोच के लिए) से रमाकांत आचरेकर को सम्मानित किया गया. 

तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र में खेला था पहला मैच
आपको बता दें कि तेंदुलकर ने कराची में पाकिस्तान के खिलाफ 16 साल की उम्र में अपनी अंतरराष्ट्रीय शुरुआत की थी. इसके साथ ही क्रिकेट में उनके महानतम बल्लेबाज बनने की शुरुआत हुई. दाएं हाथ के इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 53.78 के शानदार औसत से 15,921 रन बनाए. उन्होंने 463 एकदिवसीय मैच खेले, जिसमें उन्होंने 44.83 के औसत से 18,426 रन बनाए. उन्होंने 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक (टेस्ट में 51 और एकदिवसीय मैचों में 49) बनाए. वह एकदिवसीय मैचों में 200 रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर भी बने.

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