लारा ने सचिन की सिडनी में खेली गई पारी को किया याद, जानिए क्या कहा
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लारा ने सचिन की सिडनी में खेली गई पारी को किया याद, जानिए क्या कहा

वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा ने एक बार फिर सचिन तेंदुलकर की तारीफ करके हुए कहा है कि मास्टर ब्लास्टर की सिडनी वाली पारी हमें सीख लेने की जरूरत है.

ब्रायन लारा हमेशा से सचिन तेंदुलकर के मुरीद रहे हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2004 में सिडनी में खेली गयी 241 रन की बेहतरीन पारी को ब्रायन लारा ने अनुशासित पारियों में से एक करार देते हुए जीवन में इससे सीख लेने की सलाह दी है. तेंदुलकर ने इस पारी में आफ स्टंप से बाहर शॉट नहीं लगाने का फैसला किया था और अपने 241 में से 188 रन केवल लेग साइड में बनाये थे. लारा ने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘‘वह हमारे शानदार खेल के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं. हम आस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी 241 रन की पारी से जीवन में कुछ भी करने के लिये आवश्यक अनुशासन सीख सकते हैं. ’’

  1. ब्रायन लारा ने की सचिन की तारीफ.
  2. सिडनी वाली पारी को याद किया.
  3. सचिन से सीखने की जरूरत-लारा.

तेंदुलकर ने यह पारी तब खेली थी जब उनका फॉर्म अच्छा नहीं चल रहा था. ये आस्ट्रेलिया का 2003-04 का दौरा था. तेंदुलकर इस श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में 16.40 की औसत से 82 रन ही बना पाये थे. आस्ट्रेलिया की रणनीति ऑफ साइड में फील्डर्स की फौज खड़ी करके लगातार ऑफ स्टंप से बाहर की तरफ गेंदबाजी करना था और तेंदुलकर उनके जाल में फंस गए थे.

इसलिए जब तेंदुलकर सिडनी में अंतिम टेस्ट मैच खेलने के लिये पहुंचे तो उनकी रणनीति साफ थी, आफ साइड से बाहर जाती गेंदों को नहीं खेलेंगे. कवर ड्राइव नहीं लगाएंगे. तेंदुलकर 10 घंटे 13 मिनट और कुल 436 गेंदों पर अपनी रणनीति पर कायम रहे. मास्टर ब्लास्टर ने तब नाबाद 241 रन बनाये जो उस समय उनका सर्वाधिक निजी स्कोर था. उन्होंने इनमें से 188 रन लेग साइड में बनाए और 33 में से 28 चौके इस क्षेत्र में लगाए.

तेंदुलकर ने तब कहा था, ‘‘मैं 2 बार ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर आउट हुआ था. इसलिए मैंने वो स्ट्रोक (कवर ड्राइव) नहीं खेलने का फैसला किया. वो लगातार ऑफ स्टंप से बाहर गेंदबाजी कर रहे थे और मैंने उन सभी गेंदों को छोड़ने का फैसला किया. इसके बाद उन्हें मेरी सीध में गेंदबाजी करनी पड़ी और मैंने गेंद की तेजी का फायदा उठाया.’’
(इनपुट-भाषा) 

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