'क्रिकेट का मक्का' कहे जाने वाले इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक ठोकने का अवसर चुनिंदा क्रिकेटरों को ही मिला है. इन क्रिकेटरों में से एक नाम है टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का.
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नई दिल्ली: 1996 का लार्ड्स टेस्ट अधिकांश क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहा था. इस टेस्ट मैच में दो युवा खिलाड़ी डेब्यू कर रहे थे. सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़. माइक आथर्टन के नेतृत्व में इंग्लैंड की टीम खेल रही थी. यहीं, गांगुली तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे. गांगुली ने इस टेस्ट में शतक लगाया और राहुल द्रविड़ 95 रनों पर आउट हो गए थे. द्रविड़ को क्रिस लेविस ने आउट किया. गांगुली ने हाल ही में अपनी इस अविश्वसनीय पारी को याद किया.
'क्रिकेट का मक्का' कहे जाने वाले इंग्लैंड के लॉर्ड्स के मैदान पर अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक ठोकने का अवसर चुनिंदा क्रिकेटरों को ही मिला है. इन क्रिकेटरों में से एक नाम है टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का. अपने टेस्ट डेब्यू में गांगुली ने लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 131 रन बनाए थे. वहीं, टेंटब्रिज में हुए दूसरे टेस्ट में उन्होंने मेजबान टीम के खिलाफ 136 रन बनाए थे. गांगुली ने अपना तीसरा टेस्ट शतक भी विदेशी धरती (कोलंबो, श्रीलंका) पर बनाया था.
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सौरव गांगुली ने टि्वटर पर अपनी एक फोटो भी शेयर की. उन्होंने लिखा, इससे बेहतर यादगार कोई और नहीं हो सकती.
At Office ..just saw star showing my first test hundred ..no better memories ... pic.twitter.com/yK2J5Qktbl
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) March 20, 2018
गांगुली ने 131 मिनट की पारी में 301 गेंदें खेलीं और 20 चौके लगाए. उन्होंने 131 रन बनाए. लार्ड्स के इसी टेस्ट मैच में डिकी बर्ड ने आखिरी बार अंपायरिंग की थी. इस शतक के साथ ही गांगुली डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले 10वें भारतीय बन गए थे. अब तक 14 खिलाड़ी ऐसे हो चुके हैं, जिन्होंने भारत में टेस्ट डेब्यू में शतक लगाया है.
टेस्ट डेब्यू में शतक लगाने वाले लाला अमरनाथ पहले खिलाड़ी थी. उन्होंने 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 38 और दूसरी पारी में 118 रन बनाए थे. अपनी इस शतकीय पारी में उन्होंने 21 चौके लगाए थे.
20 मार्च 2003 को ही भारत ने वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में केन्या को पराजित किया था. इस मैच में भी सौरव गांगुली ने 114 गेंदों पर 111 रनों की पारी खेली थी. भारत ने केन्या को 91 रनों से पराजित किया था और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका हासिल किया था.