टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 2007 के कैलेंडर ईयर में 12 अर्धशतकों की मदद से वनडे में 1,240 रन बनाए थे, फिर भी उन्हें टीम बाहर कर दिया गया था.
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कोलकाता: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने कहा है कि वो अभी भी इस बात को पचा नहीं पाते हैं कि साल 2007 में सबसे ज्यादा रन बनाने के बाद भी उन्हें वनडे टीम में से हटा दिया गया गया था. गांगुली को सबसे पहले कोच ग्रैग चैपल के साथ मतभेदों की वजह से 2005 में कप्तानी और टीम में से हाथ धोना पड़ा था. गांगुली ने हालांकि 2006 में दमदार वापसी की थी और लगातार रन बनाते चले गए.
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गंगुली को हालांकि 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर राहुल द्रविड़ के साथ टीम से बाहर कर दिया गया. इसके एक साल बाद गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. गांगुली ने बंगाल के अखबार संगबाद प्रतिदिन से बात करते हुए कहा, 'ये अविश्वसनीय चीज थी. मुझे वनडे टीम में से तब हटाया गया था जब मैंने उस कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाए थे. आपका प्रदर्शन चाहे कितना भी अच्छा है, लेकिन अगर आपसे मंच छीन लिया जाए तो आप क्या साबित करोगे? और किसे साबित करोगे? यह चीज मेरे साथ हुई.'
उन्होंने कहा, 'अगर मुझे दो और वनडे सीरीज मिलती तो मैं और ज्यादा रन बनाता. अगर मैं नागपुर में संन्यास नहीं लेता तो मैं अगली 2 सीरीज में भी रन बनाता.' गांगुली ने कहा कि अगर वो थोड़ा अभ्यास करें तो अभी भी भारत के लिए रन बना सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'अभी भी, मुझे 6 महीने दीजिए ट्रेनिंग के लिए, कुछ रणजी ट्रॉफी मैच खेलने दीजिए, मैं टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए अभी भी रन कर सकता हूं. मुझे 6 महीने भी नहीं चाहिए, 3 महीने काफी हैं, मैं रन बना दूंगा.' बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष ने कहा, 'आप मुझे खेलने का मौका नहीं दे सकते लेकिन आप मेरे अंदर के विश्वास को कैसे खत्म करोगे.' गांगुली ने हालांकि 2012 तक आईपीएल खेला था.
(इनपुट-आईएएनएस)