जीत के बाद भी टीम इंडिया को दूर करनी होंगी 4 खामियां नहीं तो भुगतना होगा अंजाम
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जीत के बाद भी टीम इंडिया को दूर करनी होंगी 4 खामियां नहीं तो भुगतना होगा अंजाम

अभी भी टीम में ऐसी कई बड़ी कमियां, जिन्हें जल्द दूर नहीं किया गया तो, उसे आने वाले दिनों में बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

ऊपरी क्रम में रोहित शर्मा विदेशी पिचों में उतने कामयाब नहीं हैं. फोटो : सीएसए

नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद टीम इंडिया अब टी 20 सीरीज जीतने की दहलीज पर खड़ी है. यहां तक कि टीम टी20 फॉर्मेट में भी टेस्ट और वनडे के बाद नंबर 1 बनने की कगार पर है. अफ्रीका में उसने न सिर्फ मेजबान को 5-1 से हराया, बल्कि उसने 9वीं बाइलेटरल सीरीज भी अपने नाम की. अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार को छोड़ दिया जाए तो उसे हर टूर्नामेंट में जीत ही मिली है. क्रिकेट के बड़े से बड़े दिग्गज इस समय टीम इंडिया के प्रदर्शन का लोहा मान रहे हैं.

  1. टीम का मध्यक्रम अभी भी बड़ी कमजोरी बना हुआ है.
  2. तेज गेंदबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता अब भी नहीं है
  3. टीम की बल्लेबाजी सिर्फ विराट कोहली के आसपास सिमटी है
     

ऐसे में जब टीम जीत पर जीत दर्ज कर रही है, ऐसे में अभी भी टीम में ऐसी कई बड़ी कमियां, जिन्हें जल्द दूर नहीं किया गया तो, उसे आने वाले दिनों में बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. खासकर तब जब उसके सामने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे कठिन दौरे सामने हों. क्योंकि जरा सी चूक में टीम को अफ्रीका में मिली टेस्ट सीरीज के समान हार का सामना पड़ सकता है.

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1. मध्यक्रम की कमजोरी टीम के लिए बड़ा संकट
वनडे में टीम इंडिया ने अफ्रीकी टीम को 5-1 के बड़े अंतर से शिकस्त दी. लेकिन अगर हम आंकड़ों पर ध्यान दें तो पाएंगे कि पूरी सीरीज में सिर्फ विराट कोहली और शिखर धवन का बल्ला लगातार बोला. बाकी के बल्लेबाज इक्का दुक्का मैचों में चले. खासकर मध्यक्रम के बल्लेबाज तो बहुत बुरी तरह से फ्लॉप रहे. कोहली ने 6 मैचों में 558 रन बनाए. शिखर ने 323 रन बनाए. रोहित ने एक शतक लगाकर अपनी स्थिति को थोड़ा संभाल लिया. टीम के बाकी के बल्लेबाज रनों के मामले में दहाई के आंकड़े को भी पार नहीं कर सके. ऐसा ही कुछ कुछ पहले टी20 में देखने को मिला.

2. टीम का सिर्फ विराट कोहली पर निर्भर पर रहना
इस दौरे को देखने के बाद यह कहने में जरा भी गुरेज नहीं है कि टीम इंडिया की बल्लेबाजी इस समय पूरी तरह से विराट कोहली के इर्द गिर्द घूम रही है. उनके फ्लॉप होते ही टीम भी बिखरने लगती है. विराट जब भी बड़ी पारी खेलते हैं, टीम को परिणाम तक लेकर जाते हैं. जबकि बाकी के बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाते हैं.

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3. टी20 फॉर्मेट में अंतिम ओवर्स में पिछड़ जाना
टीम इंडिया को शिखर धवन और विराट कोहली को ऊपरी क्रम में शानदार शुरुआत दे रहे हैं. लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों के फ्लॉप होने के कारण टीम उसे बड़े स्कोर में बदल नहीं पा रही है. वनडे सीरीज में टीम इंडिया ने एक ही मैच हारा. जोहानिसबर्ग में शिखर धवन और विराट ने 35 ओवर में टीम इंडिया को 200 के पार पहुंचा दिया था. उस समय लग रहा था कि टीम इंडिया 350 रन तक पहुंच जाएगी. लेकिन धोनी, पांड्या और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों के नहीं चल पाने के कारण टीम बहुत पहले सिमट गई. पोर्ट एलिजाबेथ में भी अच्छी शुरुआत के बाद टीम इंडिया की पारी 274 रनों पर सिमट गई. खुद विराट कोहली ने माना कि पहले टी 20 में टीम का स्कोर 230 के पार जाना चाहिए था. लेकिन पारी 203 रन पर सिमट गई.

4. ऑलराउंडर के रूप में सिर्फ पांड्या के भरोसे रहना
टीम इंडिया इस समय ऑलराउंडर के तौर पर सिर्फ हार्दिक पांड्या पर निर्भर है. अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पहले टेस्ट मैच को छोड़कर वह बल्ले और गेंद दोनों से फ्लॉप रहे. हां फील्डिंग में जरूर उन्होंने कुछ कमाल किया. वनडे सीरीज में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. ऐसे में टीम को उनके अलावा ऑलराउंडर के रूप में अपना एक और हथियार तैयार रखना होगा.

विराट ने स्वीकारा है कि टीम में कमियां हैं
भारतीय कप्तान विराट कोहली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में 5-1 से जीत के बाद कहा कि उन्होंने उन क्षेत्रों की पहचान कर ली है जिनमें अगले साल होने वाले वर्ल्डकप से पहले सुधार की जरूरत है. कोहली ने वनडे सीरीज की समाप्ति के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर टीम के रूप में एक साथ बैठकर उन क्षेत्रों पर बात करेंगे जिनमें सुधार की जरूरत है. मैं इससे इन्कार नहीं कर रहा हूं कि ऐसे क्षेत्र नहीं हैं जिनमें सुधार की गुंजाइश नहीं है. हम जानते हैं कि एक टीम के तौर पर कुछ चीजों में सुधार की जरूरत है. हमने इनकी पहचान कर ली है। अब इन पर चर्चा करना और उनमें सुधार करना हमारी जिम्मेदारी है.’

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