17 अप्रैल 1972 के दिन श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन का जन्म कैंडी शहर में हुआ था, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1347 विकेट लिए हैं.
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नई दिल्ली: क्रिकेट के खेल को पसंद करने वाला शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जो मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के नाम से वाकिफ नहीं होगा. जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्लेबाजी के रिकॉर्ड देखें तो ज्यादातर मौके पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का नाम आता है, वहीं जब भी गेंदबाजी के कीर्तिमान की बात की जाती है तो आकंडों में मुरलीधरन का राज होता है. उन्होंने टेस्ट और वनडे में वो कारनामा किया है जिसे दोहरा पाना बेहद मुश्किल है. उन्होंने दोनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं.
#OnThisDay in 2010, Muttiah Muralitharan ended his red-ball career in style, removing Pragyan Ojha to reach the milestone of 800 Test wickets! pic.twitter.com/XKQfsEVhmb
— ICC (@ICC) July 22, 2019
वनडे क्रिकेट में उन्होंने 534 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है जो अब तक नहीं टूट पाया है, इससे पहले पाकिस्तान के वसीम अकरम के नाम 502 विकेट लेने का रिकॉर्ड था. अपने आखिरी टेस्ट में मुरली ने 800वां विकेट लेकर धमाल मचा दिया. ये वो रिकॉर्ड है जिसे दशकों तक तोड़ पाना मुश्किल है. क्योंकि कोई भी मौजूदा गेंदबाज मुरली के रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं भटक पा रहा है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए किसी भी खिलाड़ी को बेहद लंबे वक्त तक के लिए और लगातार टेस्ट मैच खेलना पड़ेगा, जो कि बेहद मुश्किल है.
Most wickets in Tests: 800
Most wickets in ODIs: 534He represented in 487 games before finishing a spectacular career with 1,347 international wickets, including 77 five-fors and a career-best spell of 9/51.
Happy birthday to legendary spinner Muttiah Muralitharan! pic.twitter.com/oygjlZUv7j
— ICC (@ICC) April 17, 2019
इसके अलावा मुरलीधरन ने सबसे ज्यादा, 67 बार टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट लिया है. इतना ही नहीं वो 22 टेस्ट मैच में 10 या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले एकलौते गेंदबाज हैं. भले ही मुरली के नाम इतने वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं, लेकिन उनके एक्शन को लेकर हमेशा विवाद रहा है. कई क्रिकेट एक्सपर्ट और अंपायर ने इस पर सवाल उठाए हैं, भारत के बिशन सिंह बेदी को भी मुरली के एक्शन में गड़बड़ी अंदेशा था, लेकिन फिर आईसीसी ने उन्हें हरी झंडी दे दी थी. मुरली ने 2011 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था.