जब वेस्टइंडीज ने टेस्ट क्रिकेट में नामुमकिन लक्ष्य को किया था पार, कंगारू हो गए थे चारो खाने चित
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जब वेस्टइंडीज ने टेस्ट क्रिकेट में नामुमकिन लक्ष्य को किया था पार, कंगारू हो गए थे चारो खाने चित

13 मई 2003 को एंटीगा टेस्ट में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट के सबसे कामयाब लक्ष्य का पीछा करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.

शिवनारायन चंद्रपॉल ने इस मैच की दूसरी पारी में शानदार 104 रन की पारी खेली थी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: ये वाक्या उस दौर का है जब ऑस्ट्रेलियाई टीम स्टीव वॉ (Steve Waugh) की कप्तानी में वेस्टइंडीज के दौरे पर गई थी. उसी साल कंगारू की वनडे टीम ने जोहानिसबर्ग में टीम इंडिया को हराकर तीसरी बार आईसीसी वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. वेस्टइंडीज की टीम ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमर कस ली थी, लेकिन मेहमान टीम ने पहले 3 टेस्ट मैच जीतकर ये साबित कर दिया कि उन्हें वर्ल्ड चैंपियन क्यों कहा जाता है. चौथा और आखिरी मैच एंटीगा में खेला जाना था और मेजबान टीम अपनी लाज बचाने के अलावा और कुछ और नहीं कर सकती थी.

  1. 2003 में वेस्टइंडीज का कमाल.
  2. 418 रन के लक्ष्य को पार किया.
  3. टेस्ट क्रिकेट में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.

एंटीगा टेस्ट में कंगारू टीम पूरे जोश के साथ मैदान पर उतरी थी, उनका एक ही मकसद था 'क्लीन स्वीप.' लेकिन विंडीज के कप्तान ब्रायन लारा (Brian Lara) के इरादे कुछ और ही थे. मैच काफी दिलचस्प रहा दोनों ही टीम्स ने अपनी पहली पारी में 240 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की, जस्टिन लैंगर और मैथ्यू हेडन के शतकों की मदद से कंगारुओं ने 417 रनों का बड़ा स्कोर बना डाला. अब वेस्टइंडीज को जीत के लिए 418 रन की जरूरत थी, जो देखने में नामुमकिन सी लग रही थी. 

चौथी पारी में अब तक इतने बड़े लक्ष्य को किसी ने पार नहीं किया और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ ऐसा ख्बाव देखना भी मुश्किल है. लेकिन वेस्टइंडीज ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की है. रामनरेश सरवन और शिवनारायन चंद्रपॉल के शतक की बदौलत मेजबान टीम ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया. कंगारू चारो खाने चित हो चुके थे. भले ही ऑस्ट्रेलिया की टीम ने सीरीज पर 3-1 से कब्जा जमाया, लेकिन इस टेस्ट की हार को कंगारू सदियों तक नहीं भुला पाएंगे. 

 

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