इतिहास में आज: ऋद्धिमान साहा ने जिताया था न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच, बने थे मैन ऑफ द मैच
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इतिहास में आज: ऋद्धिमान साहा ने जिताया था न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच, बने थे मैन ऑफ द मैच

 Wriddhiman Saha: एमएस धोनी के टेस्ट संन्यास के बाद साहा ने तीन साल तक लगातार टेस्ट टीम इंडिया में विकेटकीपर की भूमिका निभाई थी. 

ऋद्धिमान साहा को क्रिकेट विशेषज्ञ ऋषभ पंत से बेहतर विकेटकीपर मानते हैं. (फोटो: PTI)

नई दिल्ली: इस समय भारत और दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के बीच विशाखापत्तनम में टेस्ट सीरीज का पहला मैच चल रहा है. टीम इंडिया इससे पिछली सीरीज के बाद कई बदलावों के साथ इस सीरीज में उतरी है. इन बदलावों चर्चित बदलावों में से एक विकेटकीपर को लेकर बदलाव है. विशाखापत्तनम टेस्ट की प्लेइंग इलेवन में ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) शामिल किए जाने से खासे चर्चा में हैं. गुरुवार को जब टीम इंडिया इस मैच का दूसरा दिन खेलने जा रही है, आज ही दिन दो साल पहले साहा ने टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. 

टेस्ट में धोनी की विरासत को संभाला था साहा ने
जब साल 2014 में धोनी ने अचानक ही सभी को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर चौंका दिया था, उस समय साहा धोनी के उत्तराधिकारी विकेटकीपर के दावेदारों में से एक थे. चयनकर्ताओं ने साहा पर भरोसा किया और साहा ने अगले तीन सालों तक 28 टेस्ट खेले. साहा ने निराश नहीं किया. 2018 में टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका दौरे से साहा की चोटों का सिलसिला शुरू हुआ और उसके बाद वे विशाखापत्तनम में ही टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर सके. 

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कोलकाता में मैच विनिंग परफॉर्मेंस दिया था साहा ने
साहा के सामने भले ही अभी वापसी करने का दबाव हो, लेकिन उन्होंने दो साल पहले भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था. यह तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट था जो 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक खेला गया था. कोलकाता में हुए इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया 1-0 से आगे चल रही थी. इस मैच में साहा पहली पारी में तीसरे और दूसरी पारी में दूसरे बड़े स्कोरर थे. लेकिन वे दोनों पारियों में नाबाद रहे थ.  इसके बाद भी मैच में वे मैन ऑफ द मैच करार दिए गए.

पहली पारी में सारा की फिफ्टी
इस मैच में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. टीम ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे जिसमें चेतेश्वर पुजारा ने 87, अजिंक्य रहाणे ने 77 रन की पारी खेली थी. इसके बाद साहा ने 54 रन की पारी खेली थी. इसके जवाब में मेहमान टीम 204 रन पर आउट हो गई थी. इस पारी में भुवनेश्वर कुमार ने पांच और मोहम्मद शमी ने तीन विकेट लिए थे.

 मैच में साहा का सर्वोच्च स्कोर
दूसरी पारी में रोहित शर्मा और साहा ने फिफ्टी जमाई थी. 376 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड की टीम 197 पर ढेर हो गई. इस बार शमी, अश्विन और जडेजा ने 3-3 विकेट लिए थे. साहा ने पहली पारी में 54 और दूसरी पारी में 58 रन बनाए थे और मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले प्लेयर बनने के साथ मैन ऑफ द मैच का खिताब भी हासिल करने वाले खिलाड़ी बने. 

यह संयोग ही है कि साहा की टेस्ट क्रिकेट में वापसी उसी समय हो रही है जब दो साल पहले उन्होंने भारत की जीत में विशेष योगदान दिया था. अपने 33 टेस्ट के करियर में साहा ने 46 पारियों में 30.63 के औसत से 1164 रन बनाए हैं जिसमें तीन सेंचुरी शामिल हैं. साहा ने इन मैचों में 75 कैच और 10 स्टंपिंग भी की हैं. 

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