एक बार फिर साबित हुआ कि क्रिकेट चमत्कारों का खेल है. शायद तभी एक टीम ने ऐसी जीत दर्ज की, जिसकी उसे भी उम्मीद ना रही हो.
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नई दिल्ली. क्रिकेट में आखिरी बॉल से जुड़े कई किस्से हैं. लेकिन भारतीय क्रिकेटरों के जेहन में आखिरी बॉल का किस्सा याद करने पर पाकिस्तान का जावेद मियादाद का छक्का ही आता है. 1980 के दशक के इस मैच में इस पाकिस्तानी दिग्गज ने शारजाह में खेले गए मैच में चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का लगाकर मैच जीत लिया था. लेकिन क्या ऐसा संभव है कि आखिरी गेंद पर छह रन की जरूरत हो और बल्लेबाज शॉट ना लगाए, तब भी टीम जीत जाए. अगर यकीन नहीं हो रहा हो तो आपको यह वीडियो देखना चाहिए.
यकीन मानिए आपने ना तो ऐसा वीडियो पहले कभी देखा होगा और न ही सुना होगा. दरअसल, बैटिंग करने वाली टीम को जीत के लिए मैच की आखिरी गेंद पर 6 रन की दरकार थी. उसने यह मैच जीता और मजेदार बात यह रही कि जब उसने जीत दर्ज की, तब भी मैच में एक गेंद फेंकी जानी बाकी थी.
आखिरी गेंद. जीतने के लिए चाहिए 6 रन. गेंद सिर्फ एक बाकी. गेंद बाकी रह गई और बल्लेबाजी करने वाली टीम जीत गई. इस जीत को देखने के लिए आपको यह वीडियो देखना चाहिए. वीडियो में साफ है कि गेंदबाज इस आखिरी गेंद को छह बार फेंकता है. सभी ऑफ स्टंप के बाहर, लेकिन बल्लेबाज से दूर. इसे मैच का दबाव ही कहा जाएगा कि उसकी हर गेंद वाइड बॉल करार दी जाती है और मैच खत्म होते-होते वह इस मुकाबले का सबसे बड़ा विलेन बन गया.
6 runs needed off 1 ball and the team scored it with 1 ball to spare pic.twitter.com/XOehccVBzA
— Amit A (@Amit_smiling) January 8, 2019
यह मैच मुंबई के आदर्श क्रिकेट क्लब के ग्राउंड पर देसाई और जुनी डोम्बीवली के बीच खेला गया था. डोम्बीवली ने देसाई की टीम को 76 रन का लक्ष्य दिया था. जीत से हर कोई खुश होता है. देसाई की टीम भी इस जीत के बाद जश्न में डूब गई. वहीं, जुनी डोम्बीवली के खिलाड़ी मैच खत्म होते ही आखिरी ओवर फेंकने वाले गेंदबाज को डांटते नजर आए.