VIDEO: भुवनेश्वर कुमार का 'ब्रह्मास्त्र', जिससे बल्लेबाज पकड़ लेते हैं पवेलियन की राह
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VIDEO: भुवनेश्वर कुमार का 'ब्रह्मास्त्र', जिससे बल्लेबाज पकड़ लेते हैं पवेलियन की राह

जहीर खान ने नकल बॉल में वैरिएशन पैदा की तो भुवनेश्वर कुमार ने नकल बॉल में मास्टरी हासिल की है. 

 भुवनेश्वर कुमार ने इस मैच में 24 रन देकर 5 विकेट हासिल किए (PIC : BCCI)

नई दिल्ली: क्रिकेट में 'नकल बॉल' के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. भारत में जहीर खान पहले ऐसे गेंदबाज थे, जिन्होंने नकल बॉल पर विकेट लेने की प्रतिभा का प्रदर्शन किया था. अब टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार भी नकल बॉल पर विकेट निकाल रहे हैं. अब तक दक्षिण अफ्रीका की जिन पिचों पर स्पिनर्स का जादू बोल रहा था, उसी पिच पर पहले टी-20 मैच में तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने अपना कमाल दिखाया. भुवनेश्वर कुमार ने जोहानिसबर्ग में खेले गए इस टी-20 मैच में 24 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे. 

  1. 6 गेंदबाजों के खास क्लब में शामिल हुए भुवनेश्वर कुमार
  2. टी-20 में 5 विकेट लेने वाले टीम इंडिया के पहले तेज गेंदबाज
  3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ओवर में चार विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज

अपनी इस कामयाबी पर भुवनेश्वर कुमार का कहना है कि मुझे कठिन परिस्थितियों में गेंदबाजी करना अच्छा लगता है. भुवनेश्वर कुमार ने इस मैच में भी अपनी नकल बॉल का कमाल दिखाया. नकल बॉल के बारे में बात करते हुए भुवी का कहना है कि नकल बॉल वह गेंद है, जिस पर मैंने लगभग सालभर काम किया है.  

VIDEO : टी20 में 5 विकेट लेकर भुवनेश्वर ने रचा इतिहास, खास क्लब में हुए शामिल

भुवनेश्वर कुमार हैं नकल बॉल के मास्टर 
नकल बॉल तीसरे बाउंस पर बल्लेबाज तक पहुंचती है और कई बार गेंद चौथे बाउंस पर भी बल्लेबाज तक पहुंचती है. चार्ल लेंगवेल्डेट ने घरेलू सेशन में पहली बार नकल बॉल फेंकी थी, तब इसे मूर्खतापूर्ण और हास्यास्पद बताया गया था, लेकिन गेंदबाज ने यह प्रयोग जारी रखा. वह प्रैक्टिस के दौरान इस तरह की गेंद फेंकते रहे. जहीर खान ने 2011 वर्ल्ड कप में क्रिकेट प्रशंसकों को नकल बॉल से वाकिफ कराया. जहीर ने नकल बॉल में वैरिएशन पैदा की. भुवनेश्वर कुमार ने नकल बॉल में मास्टरी की. भुवनेश्वर कुमार की नकल बॉल पर लेंगवेल्डेट भी हैरान हैं. लेंगवेल्डेट का कहना है कि किसी डिलीवरी भी में परफेक्शन लाना कठिन होता है, लेकिन नकल बॉल में परफेक्शन लाना काफी कठिन है.  

ऐसे काम करता है भुवनेश्वर का 'ब्रह्मास्त्र'
भुवनेश्वर कुमार का गेंद पकड़ने का तरीका बिलकुल बुकिश है. वह कलाई के जरिए गेंद को रिलीज करते हैं और उसमें वैरिएशन लाते हैं. लेकिन उन्होंने दो महीने से भी कम समय में नकल बॉल करना सीख लिया. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के साथ हुई सीरीज में उन्होंने नकल बॉल का का इस्तेमाल किया था. उस समय भुवनेश्वर यॉर्कर स्किडी बाउंसर, स्लोअर बॉल और लेग कटर गेंदें फेंक रहे थे. भुवनेश्वर का कहना है कि, आजकल बल्लेबाज बहुत जल्द ही गेंदों को पहचानने और पढ़ने लगते हैं. इसलिए गेंदबाज को लगातार कुछ नया करना होता है. 

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हर गेंदबाज अपनी डिलीवरी के लिए खास तरीके का प्रयोग करता है. उदाहरण के लिए स्लोअर बॉल के लिए हाथ को पीछे रखकर ही गेंद को छोड़ देता है. कुछ अन्य गेंदों में वह कलाई का प्रयोग करता है. कुछ गेंदें वह ऑफ स्पिनर की तरह फेंकता है. भुवनेश्वर की नकल बॉल पर विकेट लेने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

क्या है 'नकल बॉल'
यह गेंद क्रिकेट की नहीं बल्कि चर्चित अमेरिकी खेल बेसबॉल की देन है. वहां गिने-चुने कुछ ऐसे पिचर्स (गेंद फेंकने वाले खिलाड़ी) हैं जो इस गेंद को करने में माहिर हैं. 'नकल' यानी अंगुलियों के जोड़. नाम से तो लगता है कि इसे उस गेंद को कहते होंगे जो नकल के उपयोग से फेंकी जाती हो लेकिन ऐसा है नहीं. दरअसल, इस गेंद को गेंदबाज अपनी अंगुलियों के अंतिम छोर से पकड़कर फेंकते हैं.

इस डिलीवरी की खास बात ये है कि ये गेंद हवा में घूमती हुई नजर नहीं आएगी, बल्कि किसी एक दिशा में बिना हरकत के बिलकुल सीधी जाती नजर आएगी. ठीक किसी पत्थर के गिरने जैसा प्रभाव. बाउंस के बाद ये गेंद हवा के दबाव और गेंदबाज के जोर को देखते हुए किसी भी दिशा में रुख कर सकती है. बल्लेबाजों के लिए इस गेंद पर शॉट का चयन करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है.

18वें ओवर में भुवनेश्वर ने ऐसे पलटा मैच का पासा
भुवनेश्वर ने 18वें ओवर में भारतीय टीम के लिए मैच का रुख पूरी तरह से बदल दिया. भुवनेश्वर ने भारत के लिए परेशानी का सबब बने हैंड्रिक्स को 18वें ओवर की पहली गेंद पर ही उड़ा कर मेहमान टीम को बड़ी सफलता दिलाई. हैंड्रिक्स भुवनेश्वर की गेंद पर विकेट के पीछे खड़े महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए. उन्होंने 50 गेंदों पर आठ चौके और एक छक्का लगाया. 

भुवनेश्वर यहीं नहीं रुके. उन्होंने इसके बाद आए टी-20 प्रारूप में पदार्पण करने वाले क्लासेन को 18वें ओवर की चौथी और क्रिस मोरिस को पांचवीं गेंद पर रैना के हाथों कैच आउट करवाया. इसके बाद इस ओवर की आखिरी गेंद पर डेन पीटरसन (1) का रन आउट करवाया. क्लासेन और मोरिस खाता खोलने बिना पवेलियन लौट गए. एक ओवर में दक्षिण अफ्रीका के चार गेंदबाजों को घर भेजने के साथ ही भुवनेश्वर ने भारत को जीत के कगार पर ला खड़ा किया.

भुवनेश्वर कुमार की नकल बॉल का एक नमूना

भारत  ने 28 रनों से जीता पहला टी-20 मैच
भुवनेश्वर कुमार (5/24) की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने रविवार को खेले गए पहले टी-20 मैच में दक्षिण अफ्रीका को 28 रनों से हरा दिया. न्यू वांडर्स स्टेडियम में मिली इस जीत के साथ ही भारत ने तीन टी-20 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने शिखर धवन (72) की अर्धशतकीय पारी के दम पर पांच विकेट के नुकसान पर 203 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका को 204 रनों का लक्ष्य दिया. भुवनेश्वर कुमार की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत ने दक्षिण अफ्रीका को लक्ष्य तक नहीं पहुंचने दिया और उसे 20 ओवरों में नौ विकेट पर 175 रनों पर सीमित कर दिया.

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