VIDEO: रोहित शर्मा चले धोनी की राह, खलील अहमद को थमाई सेलिब्रेशन में ट्रॉफी
Advertisement

VIDEO: रोहित शर्मा चले धोनी की राह, खलील अहमद को थमाई सेलिब्रेशन में ट्रॉफी

एशिया कप में रोहित शर्मा ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी की तरह ही एक मिसाल पेश की जब उन्होंने एशिया कप की ट्रॉफी खुद न लेते हुए  खलील अहमद को लेने को कहा. 

एशिया कप मे समारोह में पूरे समय ट्रॉफी खलील अहमद के साथ दिखी. (फोटो:PTI)

नई दिल्ली: यूएई में हुए एशिया कप के रोमांचक फाइनल में टीम इंडिया ने आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को हरा दिया. इस एशिया कप में टीम इंडिया की जीत काफी अहम बताई जा रही है. यह जीत टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली के बिना हासिल हुई. इस जीत के बाद टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एक अनोखी मिसाल पेश की. रोहित ने विजेता कप्तान होने के नाते खुद ट्रॉफी लेने के साथ ही यह मौका इस टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेले युवा गेंदबाज खलील अहमद को दिया. 

  1. टीम इंडिया ने जीता सातवां एशिया कप
  2. रोहित ने खलील अहमद को थमाई ट्रॉफी
  3. सबसे पहले धोनी ने शुरू की थी यह परंपरा

रोहित के इस रवैये की हर तरफ तारीफ हो रही है. रोहित के इस काम को देख कर सभी को एमएस धोनी की याद आई जिन्होंने अपनी कप्तानी में इस तरह की परंपरा शुरू की थी. इस परंपरा का निर्वाह विराट कोहली भी कर चुके हैं. विराट कोहली की कप्तानी में जब टीम इंडिया ने पिछले साल जब न्यूजीलैंड के भारत दौरे की टी20 सीरीज जीती थी, तब उन्होंने युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिहाज को विजयी ट्रॉफी लेने का मौका दिया था. विराट ऐसा कई बार कर चुके हैं. 

पूरे समय खलील के पास ही रही ट्रॉफी
रोहित ने खलील को केवल ट्रॉफी लेने का मौका ही खलील को नहीं दिया. जब अमिताभ चौधरी ने टीम इंडिया को विजेता ट्रॉफी दी तब बतौर कप्तान रोहित तो ट्रॉफी लेने पहुंचे ही लेकिन उन्होंने अकेले इस ट्रॉफी को न लेते हुए खलील अहमद के साथ ट्रॉफी ली. इसके बाद जब ट्रॉफी टीम इंडिया के पास पहुंची तब ट्रॉफी केवल खलील अहमद के पास दिखी. टीम की पहली तस्वीर खिंचने के बाद भी ट्रॉफी खलील के पास ही थी और वे इसे लेकर कोच रवि शास्त्री के पास लेकर पहुंचे. शास्त्री ने उन्हें बधाई दी और खलील स्टाफ सहित पूरी टीम इंडिया के फोटो सेशन के लिए आगे बढ़ गए. यहां भी ट्रॉफी खलील के पास ही दिखाई दी. इस दौरान खलील कई बार ट्रॉफी को चूमते भी दिखाई दिए. 

धोनी ने यह वजह बताई थी ऐसा करने की
इस परंपरा की शुरुआत करने वाले एमएस धोनी से एक बार पूछा गया था कि वे सेलिब्रिशेन के दौरान ट्रॉफी को युवाओं को क्यों दे देते हैं. तब धोनी ने कहा था, “बात केवल इतनी है कि यदि टीम में कोई युवा है जो सीरीज में बढ़िया प्रदर्शन करे और आप उसे ट्रॉफी देते हैं तो यह उसके प्रदर्शन की प्रशंसा के तौर पर काम करता है. उस खिलाड़ी ने जो किया है, आप उसकी तारीफ ही करते हैं. यह उनमें काफी विश्वास पैदा करता है. यह मायने नहीं रखता कि ट्रॉफी किसने थामी है, लेकिन अगर यह मौका किसी युवा को दिया जाता है, तो मुझे लगता है कि वह आगे बेहतर प्रदर्शन कर सकता है.”

रोहित की हो रही है तारीफ
रोहित के इस तरह धोनी की परंपरा को जारी रखने की काफी तारीफ हो रही है. खलील ने इस टूर्नामेंट में दो ही वनडे खेले जिसमें उन्होंने 23.25 की औसत से 4 विकेट लिए थे. खलील को फाइनल में खेलने का मौका नहीं मिल सका था. फाइनल मैच काफी रोमांचक तरीके से खत्म हुआ. इस मैच में टीम इंडिया को आखिरी ओवर में केवल 6 रनों की जरूरत थी और अंतिम गेंद पर केवल एक रन की. केदार जाधव ने इस घायल होने के बावजूद अंतिम गेंद पर रन टीम इंडिया को जीत दिला दी. 

Trending news