Ind vs Aus Video: युजवेंद्र चहल ऑस्ट्रेलिया में 6 विकेट लेने वाले पहले भारतीय स्पिनर बने, देखें कैसे किए शिकार
लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट झटके. इसके साथ ही वे वनडे सीरीज में भारत के सबसे सफल गेंदबाज भी बन गए.
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नई दिल्ली: अगर आप किसी टीम में शामिल हैं, लेकिन प्लेइंग XI में जगह नहीं मिल रही है, तो कई बार निराशा होती है और कई बार गुस्सा भी आता है. लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल भी एक हफ्ते से शायद इसी मनोदशा से गुजर रहे थे. उन्हें जैसे ही दो मैचों में बाहर रहने के बाद तीसरे मैच में मौका मिला, वे भूखे शेर से ‘दुश्मन’ पर टूट पड़े. गेंदबाजी तो उन्होंने साथी गेंदबाजों के बराबर ही की, लेकिन जब उनका स्पेल खत्म हुआ तो उनके नाम छह विकेट दर्ज हो चुके थे. इसके साथ ही वे वनडे सीरीज में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी बन गए. मोहम्मद शमी (5) दूसरे नंबर पर हैं.
हरियाणा के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे (Melbourne ODI) में 42 रन देकर छह विकेट झटके. उन्होंने सबसे पहले पिछले मैच के शतकवीर शॉन मार्श को स्टंप आउट करवाया. फिर उस्मान ख्वाजा को खुद ही लपक लिया. स्टोइनिस उनके तीसरे शिकार बने, जो स्लिप में रोहित शर्मा को कैच थमाकर पैवेलियन लौटे.
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28 साल के युजवेंद्र चहल के अगले तीन शिकार जाय रिचर्डसन, पीटर हैंड्सकॉम्ब और एडम जंपा रहे. उन्होंने रिचर्डसन को मिडऑन पर केदार जाधव के हाथों लपकवाया. फिर अर्धशतक लगाने वाले हैंड्सकॉम्ब को एलबीडब्यू किया. हैंड्सकॉम्ब ऑस्ट्रेलिया के टॉप स्कोरर रहे. युजवेंद्र मैच में पांच विकेट लेकर भी नहीं थमे. उन्होंने एडम जंपा को अपनी फ्लाइट में फंसाया. जंपा लॉन्गऑन पर खड़े विजयशंकर को लड्डू कैच थमाकर पैवेलियन लौटे.
Yuzvendra Chahal ripped through the Aussies to claim the equal best-ever ODI figures on Aussie soil with 6-42!#AUSvIND | @toyota_aus pic.twitter.com/Jf4gpD5W1i
— cricket.com.au (@cricketcomau) January 18, 2019
युजवेंद्र चहल का यह 35वां वनडे मैच है. इन छह शिकार के साथ ही उनके अब इन मैचों में कुल 62 विकेट हो गए हैं. चहल ने अपने इस शानदार प्रदर्शन से टीम प्रबंधन को यह संदेश दे दिया है कि उन्हें टीम से बाहर रखना आसान नहीं है. प्लेइंग XI में उनका मुकाबला कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा से रहता है. कुलदीप चाइनामैन गेंदबाज होने के नाते कई बार टीम की पहली पसंद बन जाते हैं. जडेजा को ऑलराउंडर होने का फायदा मिल जाता है.