इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच लो स्कोरिंग था. इस पर टिकने वाला खिलाड़ी चाहिए था, जो आसानी से बॉल को छोड़ सके.
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नई दिल्ली : इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले ही मुकाबले में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के बाद सबसे ज्यादा सवाल टीम की बल्लेबाजी को लेकर उठ रहे हैं. खासकर एक बल्लेबाज को टीम में जगह न मिलने को लेकर. टीम में मध्यक्रम के सबसे मजबूत बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का बाहर होना टीम को सबसे ज्यादा खला. राहुल द्रविड़ के बाद चेतेश्वर पुजारा को टीम इंडिया की नई दीवार कहा जाता है. लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा को जगह नहीं दी गई. उनकी जगह केएल राहुल को टीम में शामिल किया गया है. ध्यान से देखें तो चेतेश्वर पुजारा को केएल राहुल के कारण नहीं बल्कि शिखर धवन के कारण अपनी जगह गंवानी पड़ी है.
दरअसल केएल राहुल मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं ही नहीं. वह ज्यादातर ओपन करते हुए ही कामयाब रहे हैं. हकीकत ये है कि वह ओपन करते हुए ज्यादा सहज रहते हैं. लेकिन फिर भी शिखर धवन को टीम से बाहर करने की बजाए कप्तान विराट कोहली ने चेतेश्वर पुजारा को बाहर कर दिया. वैसे भी शिखर की जगह केएल राहुल का चुना जाना ज्यादा संतुलन देता, बजाए पुजारा के.
इस मैच में ज्यादा कारगर होते चेतेश्वर पुजारा
ये मैच लो स्कोरिंग मैच था. मुश्किल पिच थी, जिस पर बल्लेबाजों का टिकना इस बात पर निर्भर करता था कि वह बॉल को छोड़ते कैसे हैं. पुजारा इस काम के सबसे माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. वह मुश्किल से मुश्किल बॉल को आसानी और कुशलता से से छोड़ते हैं. जिस समय विराट कोहली को एक साथी की तलाश थी, जो उनके साथ सिर्फ विकेट पर टिक सके. 194 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट का साथ पुजारा सबसे कामयाब हो सकते थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट की एक गलती भारी पड़ गई. चेतेश्वर पुजारा लंबे समय से इंग्लिश कंडीशन में खेल रहे हैं. ऐसे में वह टीम को लाभ पहुंचा सकते थे.
माइकल होल्डिंग ने साधा विराट पर निशाना
वेस्ट इंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने इस टीम चयन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि पुजारा शानदार बल्लेबाज हैं. विराट कोहली अगर आउट ऑफ फॉर्म हैं तो क्या टीम उन्हें बाहर कर देगी. पहले कई बार गांगुली, लक्ष्मण या द्रविड़ आउट ऑफ फॉर्म रहते थे, तो क्या उन्हें बाहर कर दिया जाता था. उन्होंने सवाल किया अगर शिखर धवन, केएल राहुल, मुरली विजय या अजिंक्य रहाणे खराब फॉर्म के बावजूद टीम में जगह बना लेते हैं तो पुजारा क्यों नहीं.
बेहद अहम होते हैं पुजारा के रन
जब तक पुजारा टीम में रहते हैं, टीम इंडिया को ज्यादातर जीत ही मिलती है, लेकिन उनके टीम में न रहने पर टीम इंडिया ट्रैक से उतर जाती है. पुजारा के साथ टीम इंडिया ने 58 टेस्ट मैच खेले हैं. इसमें 33 में उसे जीत मिली है. सिर्फ 12 टेस्ट मैचों में हार. इसमें 13 टेस्ट ड्रॉ रहे हैं. इस दौरान टीम इंडिया की जीत का प्रतिशत 56.90 फीसदी रहा. वहीं बिना पुजारा के टीम इंडिया ने 23 टेस्ट मैच खेले हैं. इसमें से सिर्फ 6 टेस्ट मैच में जीत हासिल हुई है. 10 में उसे हार मिली है. 7 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे हैं.