'विज्ञापन करने से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो 25 की उम्र से कर रहा हूं' : विराट कोहली
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'विज्ञापन करने से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं तो 25 की उम्र से कर रहा हूं' : विराट कोहली

विराट कोहली ने कहा, ''पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर बिजनेस के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है क्योंकि आप जब भी बिजनेस शुरू करते हो, आपको इसे बढ़ाना होता है.''

'क्रिकेट और विज्ञापनों में संतुलन बिठाना संभव है' (PIC : IANS)

नई दिल्ली : टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने उन विचारों को खारिज किया कि विज्ञापनों पर ज्यादा समय बिताना एक क्रिकेटर के लिए ध्यान भंग करने वाला हो सकता है. कोहली ने कई ब्रांड के विज्ञापन करते हैं और कुछ तो उनके खुद के बिजनेस हैं. कोहली ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ''जब मैं रोग्न (कपड़ों का उनका ब्रांड) से जुड़ा था तो मैं 25-26 साल का था. इसके बाद भी लोगों को लगता कि मैं 25 साल की उम्र में बिजनेस से जुड़ रहा हूं और मैं इसके लिए बहुत कम उम्र का हूं.'' 

उन्होंने कहा, ''पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर बिजनेस के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है क्योंकि आप जब भी व्यवसाय शुरू करते हो, आपको इसे बढ़ाना होता है. यह एक वाक्यांश है कि आपको एक विशेष उम्र के बाद ही व्यवसाय करना चाहिए. मैं इसमें विश्वास नहीं करता.'' 

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कोहली ने कहा कि खिलाड़ी के लिए क्रिकेट और व्यावसयायिक हितों में संतुलन बनाना अहम होता है. उन्होंने कहा, ''मैं नहीं मानता कि आप खेलते हुए प्रायोजन नहीं कर सकते. मैं इन सबमें विश्वास नहीं रखता. अगर आपके पास सीमित समय है तो आपको पता होना चाहिए कि आप इस सीमित समय में अपने उत्पाद को कैसे आगे बढ़ा सकते हो.'' 

अपने 30वें जन्मदिन पर विराट कोहली ने 'विराट कोहली ऑफिशियल ऐप' लॉन्च किया था. इस दौरान एक फैन ने उनसे बातचीत में भारतीय टीम के बजाय इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया टीम को महत्व दिया था. इस पर विराट कोहली ने इस फैन को भारत छोड़कर चले जाने की सलाह दे डाली थी. विराट कोहली के इस बयान के बाद उनकी जमकर आलोचना हो रही है. हालांकि, कुछ क्रिकेटर इस मुद्दे पर विराट कोहली के समर्थन में भी उतरे हैं.

दरअसल, फैन ने लिखा, "वह (विराट) एक क्षमता से बढ़ाकर आंका गया बल्लेबाज (ओवर रेटेड बैट्समैन) हैं. मुझे उनकी बल्लेबाजी में कुछ भी खास नहीं दिखता. मैं इन भारतीयों की तुलना में इंग्लैंड और आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को देखना पसंद करता हूं."  कोहली ने कहा था कि वह आलोचनाओं से निजी तौर पर प्रभावित नहीं होते हैं. लेकिन भारत में रहते हुए यदि कोई भारतीय खिलाड़ियों को पसंद नहीं करता है तो उन्हें देश में नहीं रहना चाहिए.

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उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगा कि तुम्हें भारत में रहना चाहिए. जाइए और कहीं जाकर रहिए. आप क्यों इस देश में रह रहे हैं और दूसरे देशों को पसंद कर रहे हैं? मुझे इस पर कोई ऐतराज नहीं है कि तुम्हें मेरा खेल पसंद नहीं है लेकिन मुझे नहीं लगता कि तुम्हें इस देश में रहकर दूसरी चीजों को पसंद करना चाहिए. अपनी प्राथमिकताओं को सही करिए." 

अपनी इस टिप्पणी के कारण आलोचना के घेरे में आए कोहली ने मुद्दे की गरमी को कम करने की कोशिश की और कहा कि उनकी बात को हल्के-फुल्के अंदाज में लिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि वह हर किसी की पसंद की आजादी के पक्षधर हैं. अपने ट्वीट के जरिए कोहली ने कहा- "मुझे लगता है कि ट्रोलिंग करना मेरे लिए नहीं हैं. मैं ट्रोल होने के साथ रहूंगा. मैंने तो यह कहा था टिप्पणी में 'इन भारतीयों' का उल्लेख कैसे किया गया था, बस. मैं पसंद की आजादी के चुनाव का पक्षधर हूं. इस चीज को अधिक गंभीरता से न लें और त्यौहार के सीजन का आनंद लें. सभी को प्यार."

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