आरपार के मूड में वाडा, बीसीसीआई का दावा सिरे से खारिज
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आरपार के मूड में वाडा, बीसीसीआई का दावा सिरे से खारिज

विश्व डोपिंग रोधी संस्था ने बीसीसीआई के एंटी डोपिंग संबंधी दावों को सिरे खारिज कर रही है

   क्रिकेटर्स के डोपिंग टेस्ट के प्राधिकार को लेकर वाडा और बीसीसीआई में तनातनी जारी है (फोटो : nada.nic.in)

नई दिल्ली : क्रिकेट की दुनिया में सबसे अमीर खेल संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का विश्व डोपिंग रोधी संस्था (वाडा) से टकराव जारी है. मामला डोपिंग परीक्षण को लेकर नाक की लड़ाई जैसा बन गया है. पहले तो बीसीसीआई ने खुद को वाडा के एंटी डोपिंग समझौते का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया.

  1.  बीसीसीआई का वाडा के एंटी डोपिंग समझौते का हिस्सा बनने से इंकार
  2. इसके बाद कहा, नाडा का क्रिकेटरों का डोपिंग टेस्ट करने हक नहीं 
  3. वाडा ने बीसीसीआई के इसी दावे को सिरे से खारिज कर दिया है

वाडा को आईसीसी को कहना पड़ा कि वह (बीसीसीआई) इस संबंध में निर्देश दे ताकि भारतीय डोपिंग रोधी संस्था (नाडा) को भारतीय क्रिकेटर्स का ‘ड्रग टेस्ट’ कराने की अनुमति मिल सके. 

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यहां तक कि वाडा ने खेल मंत्रालय से बीसीसीआई के साथ एंटी डोपिंग मुद्दे पर त्वरित सहायता की मांग की. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बीसीसीआई एंटी डोपिंग कार्यक्रम लागू करने में नाडा का पूरा सहयोग करे. इस सहयोग के न होने पर भारतीय नाडा की मान्यता खतरे में पड़ सकती है.

नाडा के ऑडिट में पाया था कि बीसीसीआई को दायरे से बाहर 
गौरतलब है कि जब वाडा इस वर्ष अप्रैल में ने एंटी डोपिंग कार्यक्रम के तहत नाडा का ऑडिट किया था तब पाया कि बीसीसीआई नाडा के प्राधिकार को नहीं मानती. साथ ही बीसीसीआई वाडा अधीकृत किसी संस्था द्वारा क्रिकेट में एंटी डोपिंग कार्यक्रम को लागू करने की इजाजत नहीं देती है.
वाडा के खेल मंत्रालय को लिखे पत्र के बाद जैसा की उम्मीद ही थी बीसीसीआई ने फिर वाडा के पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि बीसीसीआई नाडा के न्याय क्षेत्र के दायरे से बाहर है क्योंकि बीसीसीआई राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण नहीं है. इसलिए नाडा को क्रिकेटरों का डोपिंग टेस्ट करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके अलावा बीसीसीआई का खुद का एंटी डोपिंग कार्यक्रम है जो आईसीसी के नियमों के संगत में है इसलिए नाडा से दोबारा डोप टेस्ट करवाने का कोई औचित्य नहीं है.

बीसीसीआई का दावा सिरे से खारिज
अब वाडा ने बीसीसीआई की यही दलील को खारिज कर दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया को भेजे ईमेल में वाडा ने कहा है कि नाडा के पास ही देश के खिलाड़ियों के डोपिंग टेस्ट करने का प्राधिकार है जिनमें क्रिकेटर्स भी शामिल हैं. नाडा के पास उन एथलीट्स, जो भारत के नागरिक, रहवासी, लाईसेंसधारी या खेल संस्थाओं सदस्य हैं या जो भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं,  के डोपिंग टेस्ट करने का प्राधिकार है. इसके मुताबिक भारतीय क्रिकेटर्स, जो भारत के नागरिक हैं और बीसीसीआई से संबंद्ध हैं जो कि तमिलनाडु सोसाईटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत खेल संस्था है, नाडा के दायरे में स्वतः आ जाते हैं.
वाडा ने बीसीसीआई के रूख को गंभीरता से लिया है.

 

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