वसीम अकरम ने किया खुलासा, कैसे साल 1999 में सचिन को आउट करने के लिए बनाई थी रणनीति
Advertisement

वसीम अकरम ने किया खुलासा, कैसे साल 1999 में सचिन को आउट करने के लिए बनाई थी रणनीति

साल 1999 के चेन्नई टेस्ट में अगर सचिन तेंदुलकर नाबाद रहते हो टीम इंडिया आसानी से मैच जीत सकती थी, लेकिन पाकिस्तान ने खास रणनीति के तहत सचिन को आउट किया था.

वसीम अकरम ने किया खुलासा, कैसे साल 1999 में सचिन को आउट करने के लिए बनाई थी रणनीति

नई दिल्ली: पाकिस्‍तान के पूर्व गेंदबाज वसीम अकरम (Wasim Akram) इन दिनों एक के बाद एक खुलासे कर रहे हैं. ऐसे में वसीम ने साल 1999 में भारत दौरे को लेकर बात की. वसीम अकरम ने बताया कि टीम इंडिया के शानदार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को आउट करने के लिए पाकिस्तान की टीम ने बहुत खास रणनीति बनाई थी. हाल ही में वसीम अकरम ने खुलासा किया है कि साल 1999 के भारत दौरे के दौरान हमारी टीम ने सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए स्पेशल रणनीति बनाई थी. इस बात का खुलासा अकरम ने टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान किया.

  1. सचिन को आउट करने के लिए पाक ने खास रणनीति बनाई थी.
  2. सचिन ने पाकिस्तान के गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया था.
  3. भारतीय क्रिकेट टीम महज 12 रनों से चेन्नई टेस्ट हार गयी थी.

यह भी पढ़ें- 2001 से 2010 के बीच रन बनाने वाले टॉप-5 क्रिकेटर, जानिए सचिन का क्या है नंबर

ये बात साल 1999 की है जब पाकिस्तान की टीम वसीम अकरम की अगुआई में भारत दौरे पर थी, दोनों टीमों के बीच चेन्‍नई में खेले गए उस टेस्‍ट मैच को आज भी क्रिकेट के दीवाने भूल नहीं पाए हैं.  चेन्नई में खेले गए उस मैच में भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने 136 रन बनाकर पाकिस्तान के गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया था. हालांकि इस मैच में पाकिस्तान की जीत हुई थी.

अब इसी मैच को याद करते हुए वसीम अकरम ने बताया कि उस वक्त सचिन को आउट करने के लिए उन्‍होंने और सकलैन मुश्‍ताक ने एक खास रणनीति बनाई थी, खास बात ये है कि उस रणनीति में वो सफल भी हो गए थे.  दरअसल, उस मैच में सचिन 136 रन पर खेल रहे थे और भारत की टीम को जीत के लिए केवल 17 रनों की जरूरत थी, लेकिन तभी सचिन आउट हो गए. सकलैन की बॉल पर अकरम के हाथों सचिन तेंदुलकर कैच आउट हो गए  थे. इस मैच की पहली पारी में पाकिस्तानी खिलाड़ी सकलैन ने सचिन को डक पर आउट किया था.

वसीम अकरम ने आकाश चोपड़ा से बात करते हुए कहा कि- 'उन्हें आज भी लगता है कि जैसे ये कल की ही बात है, अभी भी साल 1987 का बैंगलोर टेस्ट मुझे अच्छी तरह से याद है जहां सुनील गावस्कर ने 90 के करीब रन बनाए थे, फिर उसके बाद चेन्नई टेस्ट मैच. वसीम ने कहा कि उस वक्त भारत को जीत के लिए 20 रन के आसपास की जरूरत थी.' 

अकरम ने आगे बताते हुए कहा कि जीत के लिए उन्हें कुल 271 रन बनाने थे और टीम इंडिया ने 82 रनों पर ही अपने 5 विकेट गंवा दिए थे. ऐसे में सचिन तेंदुलकर और नयम मोंगिया ने मैदान संभाला. वसीम अकरम ने मोंगिया को एक तेज शॉट खेलने पर मजबूर किया. वसीम ने कहा कि अगर उस समय मोंगिया, सचिन के साथ होते तो उसका परिणाम कुछ और ही होता. उन्‍होंने उसी वक्त अपनी टीम को बोल दिया था कि यही मौका है, जब हम सचिन को आउट कर सकते हैं. जिसके बाद सकलैन उनके पास गए और बोले कि अब चांस ले सकते हैं, जिसके कारण सचिन उनके जाल में फंस गए.

जब सचिन तेंदुलकर सकलैन का सामना कर रहे थे तो लगभग सभी बाउंड्री पर थे. सिर्फ वसीम एक्‍स्‍ट्रा कवर पर खड़े हुए थे. उस वक्त वसीम अकरम ने सकलैन को 'दूसरा' फेंकने को कहा, ये जानते हुए कि इस बॉल पर वो छक्‍का भी मार सकते हैं. सकलैन ने बॉल को मिडिल और लेग पर फेंका जिसे खेलने के लिए सचिन आगे आए. सचिन के बल्‍ले का ऊपरी किनारा बॉल से लगा और बॉल सीधे वसीम के हाथों में पहुंच गई. इस तरह उन्होंने सचिन को आउट कर दिया और ये मैच अपने नाम कर लिया.

Trending news