मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को लेकर भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने राज की बात बताई है, कि सचिन ने कैसे उन्हें इंप्रेस किया था.
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नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के स्कूल के दिनों की बल्लेबाजी पर बड़ा खुलासा किया है. वेंगसरकर ने बताया कि सचिन की बल्लेबाजी की पहली झलक देखने के बाद वो उनकी प्रतिभा के कायल हो गए थे. दरअसल यह घटना साल 1988 की है जब सचिन मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ एक मैच से पहले प्रैक्टिस कर रहे थे और उस मैच को देखने के लिए वेंगसरकर मैदान पर पहुंचे थे. सचिन की बल्लेबाजी देखकर वेंगसरकर को ऐसा लगा था कि ये खिलाड़ी कुछ खास है और आने वाले समय में बल्लेबाजी के ऐसे रिकॉर्ड स्थापित करेगा जैसे पहले न किसी ने कभी सुने और न ही कभी देखे होंगे. वेंगसरकर का सचिन को लेकर ये विश्वास आखिरकार सच साबित हुआ और आज सचिन को क्रिकेट का महानतम खिलाड़ी माना जाता है.
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एक खेल वेबसाइट के साथ फेसबुक पर लाइव चैट के दौरान वेंगसरकर ने इन सब बातों का खुलासा किया और कहा, 'मैंने सचिन के बारे में सुना था, क्योंकि वह उस समय स्कूल टूर्नामेंट्स में काफी सारे रन बना रहे थे. वे टूर्नामेंट 100 साल पुराने हैं और उन्होंने मुंबई और भारतीय टीम को कई सारे खिलाड़ी दिए हैं. उस समय मैं भारतीय टीम का कप्तान था और न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने जा रहा था. हम वहां अभ्यास कर रहे थे. हमारे कोच वासुदेव परांजपे सचिन से काफी प्रभावित थे और उन्होंने कहा था इस लड़के को देखना वह अलग टैलेंट है.'
वेंगसरकर ने आगे बताया कि परांजपे सचिन को मैदान पर ले आए. बस फिर क्या था सचिन ने नेट्स पर बल्लेबाजी करनी शुरू कर दी जिसे देखकर वेंगसरकर मंत्रमुग्ध हो गए. वेंगसरकर ने इस किस्से को याद करते हुए कहा, 'वे सचिन को मैदान पर ले आए. मुझे उन्हें नेट्स पर बल्लेबाजी करते देखना था. मैंने कपिल देव, अरशद अयूब, मनिंदर सिंह, चेतन शर्मा से गेंदबाजी करने को कहा. उन्होंने कहा कि ये क्या हो रहा है. हम अंडर-15 के लड़के को गेंदबाजी क्यों करें. तो मैंने उनसे कहा कि वह स्कूल टूर्नामेंट्स में लगातार रन बना रहे हैं. इसलिए हमें उसे बल्लेबाजी करते देखना है. उन्होंने बल्लेबाजी की. वे सभी गेंदबाज जान-माने क्रिकेटर थे, लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि वे गेंदबाजी करेंगे, लेकिन सचिन ने काफी प्रभावित किया. उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की.'
सचिन की बल्लेबाजी देखने के बाद वेंगसरकर उन्हें टीम इंडिया में शामिल करना चाहते थे और इसके लिए उन्होनें भारतीय चयनकर्ताओं से बात की. चयन समिति की उस बैठक को याद करते हुए वेंगसरकर ने कहा, 'उसी शाम को हमारी मुंबई टीम की चयन समिति की बैठक होनी थी. मैंने उसमें हिस्सा लिया. मैंने उन्हें सचिन के बारे में बताया. मैंने उन्हें बल्लेबाजी करते देखा है वह बेहतरीन हैं इसलिए उन्हें 15 सदस्यीय टीम में चुनें. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए जल्दबाजी होगी. अगर वह चोटिल हो गए तो हम पर दोष आएगा. इसलिए कुछ दिन इंतजार करते हैं. मैंने उनसे कहा कि आप उन्हें 15 सदस्यीय टीम में रखें ताकि वह टीम के साथ रहें और टीम के वातावरण के बारे में सीख सकें.'
वेंगसरकर ने बताया कि उनकी लाख कोशिशों के बावजूद चयनकर्ताओं ने सचिन को भारतीय टीम में मौका नहीं दिया, लेकिन जल्द ही सचिन की बल्लेबाजी का लोहा चयनकर्ताओं ने भी मान लिया. वेंगसरकर ने कहा, 'दलीप ट्रॉफी में सचिन ने शतक जमाया, ईरानी ट्रॉफी में उन्होंने शतक जमाया. इसके बाद वह 1989 में पाकिस्तान गए. सचिन तेंदुलकर इस तरह से आए, बाकी इतिहास है.'