युवराज ने कहा है कि धोनी और विराट ने गांगुली की तरह नहीं किया सपोर्ट, कितना सच है ये तथ्य?
Advertisement

युवराज ने कहा है कि धोनी और विराट ने गांगुली की तरह नहीं किया सपोर्ट, कितना सच है ये तथ्य?

युवराज ने गांगुली की कप्तानी में 110 और धोनी की कप्तानी में 104 वनडे मैच में शिरकत की है, धोनी के नेतृत्व में युवराज सिंह का प्रदर्शन बेहतर था. 

साल 2002 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान युवराज और गांगुली (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत के आईसीसी टी 20 वर्ल्ड कप 2007 और आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 की जीत के हीरो रहे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने अभी हाल ही में कहा था कि उन्हें सौरव गांगुली की कप्तानी में एमएस धोनी और विराट कोहली की तुलना में अधिक समर्थन मिला. साल 2000 में चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गांगुली की कप्तानी में डेब्यू करने वाले युवराज ने अलग-अलग वक्त में राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है. युवराज हालांकि, गांगुली को एक कप्तान के तौर पर धोनी और विराट से ऊपर रेट करते हैं.

  1. युवराज ने की थी गांगुली के सपोर्ट की बात.
  2. धोनी, विराट से ज्यादा गांगुली ने किया सपोर्ट.
  3. इस बयान का पूरा विश्लेषण तथ्यों के साथ.

उन्होंने कहा, '' मैं सौरव (गांगुली) के अंडर में खेल चुका हूं और उनसे काफी सहयोग मिला है. फिर माही (एमएस धोनी) ने कमान संभाली. सौरव और माही में से कौन बेहतर है यह कहना काफी मुश्किल है. मेरे पास सौरव के समय की अधिक यादें हैं क्योंकि उन्होंने मुझे समर्थन दिया. मैंने माही और विराट (कोहली) से इस तरह का समर्थन कभी नहीं पाया, ” युवराज ने एक बातचीत के दौरान ये बताया.

यह भी पढ़ें- जब श्रेयस अय्यर को राहुल द्रविड़ ने 'बॉस' कह कर पुकारा था, जानिए असली वजह

युवराज ने  टीम इंडिया के लिए 304 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें से 110 गांगुली की कप्तानी में थे, धोनी की कप्तानी में युवराज ने 104 वनडे मैच खेले हैं जिनमें उनका प्रर्दशन बेहतरीन रहा है. दिलचस्प बात यह है कि युवराज का धोनी की कप्तानी में रिकॉर्ड सबसे बेहतर है. धोनी की कप्तानी में उन्होंने 104 वनडे मैचों में 37 की औसत के साथ 3077 रन बनाए हैं जबकि गांगुली की कप्तानी में उन्होंने 110 वनडे मैचों में 30 की औसत से 2,640 रन बनाए हैं.

आपको क्या लगता है य़ क्या वाकई धोनी और विराट ने युवराज को सपोर्ट नहीं किया होगा? अगर धोनी ने  युवराज का साथ नहीं दिया था तो फिर वे कैसे 2012 के आईसीस टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में सलेक्ट हुए. जबकि उन दिनों उनकी फॉर्म कुछ खास नहीं थी. ये वो दौर था जब युवराज अपनी कैंसर से जंग जीतने के बाद भारतीय टीम में वापसी के लिए जी जान से कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी. धोनी ने साल 2014 के टी 20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर से युवी को मौका दिया. इस टूर्नामेंट में युवराज का प्रर्दशन खराब रहा और उन्हें श्रीलंका के हाथों भारत की फाइनल में हार का मुख्य दोषी माना गया. ऐसे में ये कहना कहां तक सही है कि धोनी ने युवराज का साथ नहीं दिया?

अब बात करते हैं विराट की युवराज को समर्थन देने की, क्या सच में विराट ने युवराज को सपोर्ट नहीं किया? अगर ऐसा है तो साल 2016 में युवराज की भारतीय वनडे टीम में वापसी कैसे हुई?  इसके अलाव युवराज सिंह 2017 की आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में शामिल किए गए, वो भी 35 साल की उम्र में. असलियत ये है कि युवराज कभी अपनी खराब फॉर्म, तो कभी खराब फिटनेस के की वजह से भारतीय टीम में वापसी के बाद लंबे समय तक नहीं टिक पाए. कैंसर से उबरने के बाद उनका शरीर ज्यादा साथ देता हुआ नहीं दिख रहा था.

Trending news