EXCLUSIVE: सिद्धार्थ कौल ने कोहली को बताया 'विराट', बोले- क्रिस गेल से लगा था डर
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EXCLUSIVE: सिद्धार्थ कौल ने कोहली को बताया 'विराट', बोले- क्रिस गेल से लगा था डर

सिद्धार्थ, विराट कोहली की नेतृत्व वाली 2008 की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे और उन्होंने टूर्नामेंट की आखिरी गेंद भी फेंकी थी, जिस पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के ब्रैड बार्न्स को आउट कर भारत को जीत दिलाई थी.

सिद्धार्थ कौल ने 9 साल पहले विराट कोहली के साथ मिलकर अंडर-19 विश्वकप में भारत को विश्वविजेता बनाया था

नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ भारत की वनडे टीम का सलेक्शन हो चुका है. वनडे सीरीज से कप्तान विराट कोहली को आराम मिला है तो वहीं उपकप्तान रोहित शर्मा टीम की कमान संभालेंगे. इस टीम में जहां विराट की जगह श्रेयर अय्यर को शामिल किया गया है, वहीं टीम में एक नया चेहरा सिद्धार्थ कौल भी शामिल हुआ है. सिद्धार्थ कौल वही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 9 साल पहले विराट कोहली के साथ मिलकर अंडर-19 विश्वकप में भारत को विश्वविजेता बनाया था. अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के खास सदस्य रहे सिद्धार्थ कौल को 9 साल बाद टीम इंडिया में एंट्री मिली है. अपनी इस कामयाबी पर सिद्धार्थ काफी खुश हैं. उन्होंने टीम इंडिया में अपने चयन, जूनियर से सीनियर टीम में आने के अपने 9 साल के इंतजार और कप्तान कोहली के साथ बिताए पलों के बारे में बताया. 

  1. सिद्धार्थ कौल को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका मिला
  2. सिद्धार्थ 2008 की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे, जिसने वर्ल्ड कप जीता था
  3. सिद्धार्थ टीम इंडिया में अपनी एंट्री को लेकर काफी खुश हैं

सिद्धार्थ, विराट कोहली की नेतृत्व वाली 2008 की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे और उन्होंने टूर्नामेंट की आखिरी गेंद भी फेंकी थी, जिस पर उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के ब्रैड बार्न्स को आउट कर भारत को जीत दिलाई थी. उन्होंने इस टूर्नामेंट में 15.40 की औसत से 10 विकेट झटके थे. 

सिद्धार्थ की इस कामयाबी की चर्चा आज हर कहीं हो रही है. सिद्धार्थ को खूब बधाइयां मिल रही हैं. क्रिकेट को अपना पैशन मानने वाले सिद्धार्थ ने Zee News हिंदी ऑनलाइन से खास बातचीत की और अपनी इस कामयाबी और जिंदगी से जुड़ी कई बातें शेयर कीं. 

पंजाब के पठानकोट में 19 मई 1990 को जन्मे सिद्धार्थ कौल श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज से अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. देश में ऐसे गेंदबाज बहुत ज्यादा नहीं है, जो नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकें और साथ ही अंतिम ओवरों में तेज यॉर्कर फेंक सकें, लेकिन सिद्धार्थ उन कम नामों में से एक हैं जो हर मौके पर ऐसा कर सकते हैं. आईपीएल में उनका यह हुनर सबने देखा है. 

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सलेक्शन पर रिएक्शन...
सिद्धार्थ ने टीम इंडिया में अपने सलेक्शन पर अपनी फीलिंग्स के बारे में बताते हुए कहा, ''टीम इंडिया में आने की खबर सुनते ही सबसे पहले मैं तो चुप ही हो गया. एकदम साइलैंट.. इस खबर को सुनते ही बस रोंगटे खड़े हो गए थे. कुछ था ही नहीं था दिमाग में... एकदम ब्लैंक था. रणजी खेल रहा था तो उस वक्त अगला ओवर भी डालना था. दिमाग बिल्कुल खाली था. बस भाग रहा था और बॉल डाल रहा था. भाग रहा था और बस बॉल डाल रहा था.'' 

सलेक्शन के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ ने आगे कहा कि मैच के बीच में ही उनको ऐसा लगा कि वे अपने भाई को गले लगा लें, लेकिन उन्होंने अपनी भावनाओं पर काबू रखा. 

उन्होंने कहा, ''जब बॉलिंग खत्म हो गई उसके बाद सबसे पहले मैंने आसमान की तरफ देखकर ऊपर वाले को धन्यवाद दिया. मेरा भाई वहीं मेरे सामने खड़ा था. मैंने उसे मैदान से ही इशारों में बताया कि टीम इंडिया में मेरा सलेक्शन हो गया है. वैसे तो मेरा दिल कर रहा था कि भाग कर अपने भाई को गले मिल आऊं, लेकिन मैच खेल रहे थे तो ऐसा नहीं कर सकता था. बाउंड्री लाइन के बाहर नहीं जा सकता था. तो दूर से ही इशारा कर दिया कि टीम इंडिया में मेरा नाम आ गया है. भाई भी इस खबर को सुनकर बहुत खुश था.''  

सिद्धार्थ कौल के पिता तेज कौल SAI स्पोर्ट्स से रिटायर हैं. वह क्रिकेट कोच थे. उन्होंने जम्मू कश्मीर के लिए रणजी ट्रॉफी भी खेली है सिद्धार्थ की मां जिमनास्टिक कोच रह चुकी हैं. भाई उदय कौल पंजाब के रणजी ट्रॉफी प्लेयर हैं और आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से भी खेल चुके हैं. सिद्धार्थ ने 1996 में अपने पिता और भाई से प्रभावित होकर ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था. 

चयन से पहले 9 सालों का सफर
सिद्धार्थ कौल 9 साल पहले टीम इंडिया की अंडर-19 का हिस्सा थे. 9 साल के इंतजार के बाद टीम इंडिया में उन्हें यह मौका मिला. अपने इन नौ सालों के सफर के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ कहते हैं, ''यह नौ सालों का सफर काफी अच्छा रहा. काफी एक्सपीरियेंस मिला. इस इंतजार को मैं अच्छा कहूंगा, क्योंकि इस बीच मुझे अपने बारे में बहुत कुछ जानने का मौका मिला है.'' 

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उन्होंने कहा, ''इस इंतजार के बीच मुझे यह समझने का मौका मिला कि खुद को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. अपनी कमियों पर कैसे जीत हासिल की जा सकती है. सुधार की गुंजाइश कहां है और कैसे इसे किया जा सकता है. इन सालों में यह सब चीजें इंप्रूव हो रही थीं. साथ ही कई मौके भी मिल रहे थे. इंडिया ए में मौका मिला. आईपीएल में मौका मिला. आईपीएल में मैं 5 सालों से खेल रहा था. काफी अच्छा एक्सपीरियेंस था. काफी मदद भी मिल रही थी. सीनियर खिलाड़ी काफी मदद कर रहे थे. जितने खिलाड़ी मेरे साथ हैं या मेरे साथ खेलते हैं उन सभी ने काफी मदद की.''

साथी आगे बढ़े तो हुआ और पॉजिटिव
अंडर-19 की तब की टीम से विराट कोहली और रवींद्र जडेजा आज एक शानदार मुकाम पर हैं. जब सिद्धार्थ से साथी खिलाड़ियों की सफलता को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें किस्मत और मेहनत का रोल होता है. उन्होंने इन सबसे प्रेरणा ली. खासतौर से विराट कोहली ने उन्हें खासा प्रभावित किया. 

सिद्धार्थ ने अपनी फीलिंग जाहिर करते हुए कहा, ''सभी की अपनी किस्मत और मेहनत होती है. हर इंसान की किस्मत अलग लिखी हुई है. किसी को जल्दी मिलता है, किसी को देर से मिलता है, लेकिन मिलता सभी को है. अगर मैं मन में कोई भी नेगेटिव फीलिंग लाता तो या ऐसा सोचता तो कभी खेल ही नहीं पाता. मुझे क्रिकेट से प्यार है. मुझे इस खेल को लेकर जुनून है. पैशन है. हमारे परिवार में भी स्पोर्ट्स है तो कभी ऐसी कोई नेगेटिव फीलिंग दिमाग में नहीं आई. बचपन से ही स्पोर्ट्समैनशिप रही है. हमेशा यही सीखा है कि अपने जुनून को लेकर आगे बढ़ना है और बस खेलना है, इसलिए हमेशा पॉजिटिव ही रहा हूं. जब भी मैदान पर गया हूं अपना बेस्ट करने की कोशिश की और अपना बेस्ट दिया है.''  

कोहली ने हर चीज में 'विराट' किया 
अंडर-19 के विराट और अब के कप्तान विराट में आए बदलाव के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, ''विराट में काफी बदलाव आया है. तब हम यंग थे, बच्चे थे. अब विराट ने भारत के लिए इतना कुछ किया है. कप्तान के तौर पर वह बहुत अच्छा कर रहे हैं. मैच्योरिटी लेवल बहुत बढ़ गया है. फिटनेस, खेल, मैच्योरिटी हर चीज में कोहली ने 'विराट' (XL) ही किया है तो उन्हें देखकर मुझे और ज्यादा मोटिवेशन मिलता है. विराट को देखकर मुझे हमेशा से मोटिवेशन मिलता था, मिलता है और मिलता रहेगा कि मुझे अब और अच्छा करना है.'' 

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2008 में अंडर -19 विश्वकप जीतने का बाद खुशी से झूम उठे थे खिलाड़ी

विराट से हर खिलाड़ी को सीखने की जरूरत 
उन्होंने कहा, ''जब आपका साथी खिलाड़ी पूरे देश के सामने ऐसी मिसाल रख रहा हो तो और अच्छा करके दिखाने की प्रेरणा मिलती है. विराट शुरू से ही पॉजिटिव हैं और तब भी उनमें लीडरशिप के गुण थे, जो आज पूरी दुनिया के सामने हैं. हम सभी को उनसे प्रेरणा लेने और अपने क्रिकेट को बेहतर करने की जरूरत है.'' 

भज्जी को दिया पूरा क्रेडिट
सिद्धार्थ कौल अपना आदर्श जहीर खान और डेल स्टेन को मानते हैं लेकिन उनका कहना है, ''मुझे ग्रोथ करने में सबसे ज्यादा मदद कोच की तरह मेरे पिता और मेंटोर के तौर पर हरभजन सिंह ने की. हरभजन सिंह ने डोमेस्टिक के दौरान उन्होंने मुझे एक-एक बारीकी सिखाई और बताया कि कैसे खेलना है. किस बल्लेबाज के सामने किस तरह गेंदबाजी करनी चाहिए. किस बल्लेबाज को किस तरह से गेंदबाजी करके उन पर दबाव बनाया जा सकता है. यह सब हरभजन ने बहुत अच्छी तरह से सिखाया है. जब हरभजन सिंह डोमेस्टिक क्रिकेट में हमारे साथ थे, तो उन्होंने मेरी बहुत मदद की.''  

आईपीएल की 3 टीमों का रहे हिस्सा
सिद्धार्थ का आईपीएल में केकेआर, दिल्ली डेयरडेविल्स और हैदराबाद सनराइजर्स तीनों टीमों के साथ एक्सपीरियेंस शानदार रहा. तीनों टीमों के साथ अपने अनुभव के बारे में सिद्धार्थ कहते हैं, ''अलग-अलग टीमें थी. किसी के साथ एक साल रहा किसी के साथ दो साल और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ तीन सालों से हूं. हैदराबाद के साथ मैंने सबसे ज्यादा परफॉर्मेंस की है. इस टीम के साथ मुझे काफी एक्सपोजर मिला है और मौका मिला है. इस टीम के साथी खिलाड़ियों ने काफी मदद की. वैसे तो जब-जब भी जिस टीम के साथ रहा सभी ने मौका भी दिया और उनसे सीखने को भी बहुत कुछ मिला है.'' 

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उन्होंने बताया, ''इन टीमों के साथ मुझे पूरी दुनिया के दिग्गज के खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला. सभी बहुत अच्छे हैं. सभी से कुछ न कुछ सीखने का मौका मिला है. सभी डाउन टू अर्थ है. यह मौका आपको बहुत कुछ सिखाता है. जब आप ऐसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ बैठे होते हैं और खेलते हैं तो यह खिलाड़ी अपने एक्पीरियेंस शेयर करते हैं, उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है. यह एक्सपीरियेंस सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि लाइफ में भी काफी मददगार साबित होते हैं.'' 

आईपीएल ने बहुत कुछ सिखाया 
सिद्धार्थ ने बताया, ''जब आईपीएल खेलना शुरू किया, उस वक्त सिर्फ 19 साल का था. आप इस उम्र में छोटे ही होते हैं. सीखने के बहुत मौके होते हैं. मैंने भी बहुत सीखा. आईपीएल में नेट प्रैक्टिस सेशन में भुवनेश्वर कुमार, आशु भइया (आशीष नेहरा), शोएब अख्तर इन लोगों ने बहुत कुछ सिखाया. इन दिग्गज गेंदबाजों से मिला बॉलिंग के कई टिप्स मिले, जिनसे बहुत फायदा हुआ. अब जब मैच्योर हो गया हूं तब भुवनेश्वर, नेहरा और जहीर भाई (जहीर खान) से टिप्स लेता रहता हूं और अपने परफॉर्मेंस को और बेहतर करने की कोशिश करता हूं. जब यह लोग डोमेस्टिक में आते हैं, आईपीएल में होते हैं, मैं उनसे गेंदबाजी के गुरों के बारे में पूछता ही रहता हूं. क्योंकि जितना आप पूछोगे उतना ही आपको नई-नई चीजें सीखने को मिलेंगी. यह गेंदबाज भारत के लीजेंड हैं, इनसे जितना सीखने को मिल सकता है मैं उतना सीख लेना चाहता हूं. इन लोगों से छोटी सी भी बात सीखने को मिले तो वह आपके लिए बहुत बड़ी होती है.''

गेल के सामने लगा था डर 
किसी बल्लेबाज के सामने गेंदबाजी करने में असहज होने के सवाल पर सिद्धार्थ का कहना है, ''वैसे तो कभी भी गेंदबाजी करते हुए कोई नर्वसनेस नहीं होती. कोई भी बल्लेबाज हो, मुझे डर नहीं लगता. मैं अपना बेस्ट देता हूं. बस आईपीएल में क्रिस गेल के सामने गेंदबाजी करते हुए डर लग रहा था. उनके बारे में तो सभी पहले से जानते हैं कि वो किस तरह के बल्लेबाज हैं. बस उन्हीं के सामने घबराहट थी. जब पहली बार गेल के सामने गेंद डालनी तो डर लग रहा था. मुझे लगता है गेल के सामने तो शायद हर नए गेंदबाज को डर लगता होगा, वही मेरे साथ भी था, लेकिन जब पहली गेंद डाल दी थी तो उसके बाद सब नॉर्मल हो गया.''

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राहुल द्रविड़ ने आगे बढ़ने में काफी मदद की 
टीम इंडिया में चुने जाने के बाद सलेक्टर्स या कोच के रिस्पांस के सवाल पर सिद्धार्थ कौल ने कहा, ''अभी सभी लोग टेस्ट मैच में व्यस्त हैं तो अभी टीम से या कोच से कोई बात नहीं हो पाई है, लेकिन मुझे यकीन है कि उन लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया है. मुझे टीम में जगह दी हैं तो मुझे लेकर सभी पॉजिटिव ही होंगे.''

उन्होंने कहा, ''जब सलेक्टर्स कोच आप पर भरोसा जताते हैं तो आपको लेकर वह पॉजिटिव ही होते हैं. जब इंडिया ए में सलेक्शन हुआ था तो राहुल द्रविड़ सर ने काफी मोटिवेट किया था. राहुल सर काफी मदद करते हैं. उन्होंने बताया कि कैसे खेलना चाहिए, क्या करना चाहिए. किस मौके पर कैसे और क्या करना चाहिए. उन्होंने आगे बढ़ने और ग्रोथ करने में काफी मदद की है.'' 

श्रीलंका के खिलाफ अपना बेस्ट दूंगा
सिद्धार्थ कौल कहते हैं, ''अगर श्रीलंका के खिलाफ गेंदबाजी का मौका मिलता है तो कोई खास रणनीति नहीं है. जो अभी तक करता आया हूं, जिस वजह से मुझे टीम में सलेक्ट किया गया है. मैं उसे ही फॉलो करना चाहूंगा. अभी मैं कुछ अलग नहीं करना चाहूंगा. मुझे मेरे अभी तक के परफॉर्मेंस के आधार पर सलेक्ट किया गया है. मैं इसे ही लेकर आगे बढ़ना चाहूंगा.'' 

उन्होंने कहा कि, ''मेरे लिए यही अच्छा रहेगा कि जो मेरे अंदर अभी सबसे अच्छा है, मैं उसका भरपूर इस्तेमाल करूं और उसी के दम पर विपक्षी बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करूं. अभी में टीम में अपने सलेक्शन को लेकर काफी खुश और पॉजिटिव हूं. अभी आगे के बारे में कुछ नहीं सोचा है. जब मौका मिलेगा अपना बेस्ट करूंगा और टीम को जीत दिलाने के लिए पूरी कोशिश करेगा.''

अंडर-19 के सभी खिलाड़ियों के साथ है अच्छा रिश्ता 
उन्होंने कहा, ''अंडर-19 की उस विश्वविजेता टीम से आज भी कॉन्टेक्ट में हूं. सभी खिलाड़ी एक-दूसरे के संपर्क में हैं. उस टीम के सभी खिलाड़ी कहीं न कहीं खेल रहे हैं. रणजी, डोमेस्टिक, आईपीएल हर खिलाड़ी कहीं ना कहीं क्रिकेट को फॉलो कर रहा है. सभी के साथ कॉन्टेक्ट में हूं. उस टीम में से अगर किसी खिलाड़ी ने क्रिकेट छोड़ा है तो वह पंजाब के पैरी गोयल हैं. उनके अलावा सभी कहीं ना कहीं क्रिकेट खेल रहे हैं.'' 

उन्होंने कहा, ''उस टीम के खिलाड़ी, जो भी जिस भी मुकाम पर हो. हर खिलाड़ी से मेरा संपर्क है. मैं जब भी अच्छा परफॉर्म करता हूं ये लोग मुझे मैसेज करते हैं. बधाई देते हैं और मोटिवेट करते हैं. यह सभी खिलाड़ी कहीं न कहीं मिलते भी रहते हैं. इंडिया ए में, कभी डोमेस्टिक में तो कभी आईपीएल में. इन सभी से मुलाकात भी होती रहती है.'' 

जिन लोगों ने मेरा साथ दिया उनका शुक्रिया 
सिद्धार्थ ने कहा, ''इन 9 सालों के सफर में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए सबसे पहले मैं अपने परिवार का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. फैमिली ने हमेशा सपोर्ट किया. पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने हर जगह मुझे सपोर्ट किया. मेरा साथ दिया. मेरे ट्रेनर्स और मेरे फिजियो को भी धन्यवाद कहना चाहूंगा, जिन्होंने हर मुश्किल में मेरा साथ दिया और मेरी फिटनेस को बनाए रखने में मेरी मदद की. इसके साथ ही भगवान और मेरे शुभचिंतकों को भी शुक्रिया कहूंगा, जिनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया हूं. जिन्होंने अपना आशीर्वाद मुझ पर बनाए रखा और विश्वास बनाए रखा.''

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बता दें कि सिद्धार्थ कौल ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 50 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 27 के औसत से 175 विकेट हासिल किए हैं. लिस्ट ए के 52 मैचों में 22.20 की औसत से उन्होंने 98 विकेट लिए हैं. वहीं, क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी-20 मैचों में उन्होंने अभी तक 57 मैंचों में 19.79 औसत और 6.84 की इकोनॉमी के साथ 69 विकेट लिए हैं. उन्हें इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड दौरे पर गई भारत 'ए' टीम में शामिल किया गया था और दक्षिण अफ्रीका में हुए 'ए' टीमों की त्रिकोणीय सीरीज का भी वह हिस्सा थे, जहां वह तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे. 

2007-08 के सत्र में ओडिशा खिलाफ पंजाब के लिए खेलते हुए अपने फर्स्ट के पदार्पण मैच में ही सिद्धार्थ कौल ने 5 विकेट हासिल किए थे और पहली पारी में उनका आकंड़ा 5/79 था.

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