CWG 2018 : जोश पर होश की जीत, नंबर-1 सिंधु-श्रीकांत पर ऐसे भारी पड़े साइना और चोंग
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CWG 2018 : जोश पर होश की जीत, नंबर-1 सिंधु-श्रीकांत पर ऐसे भारी पड़े साइना और चोंग

कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी दिन गोल्ड की रेस में पुरुष और महिला वर्ग में नंबर वन खिलाड़ी ही मैच हारे.

CWG 2018 : जोश पर होश की जीत, नंबर-1 सिंधु-श्रीकांत पर ऐसे भारी पड़े साइना और चोंग

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स के अंतिम दिन सबसे ज्यादा रोमांच बेडमिंटन कोर्ट पर देखने को मिला. आखिरी दिन बेडमिंटन में महिला और पुरुष दोनों में गोल्ड का फैसला होना था. महिला सिंगल्स में वर्ल्ड नंबर 1 पीवी सिंधु के सामने उनसे कहीं कम रैंकिंग की साइना नेहवाल थीं तो दूसरी ओर पुरुष वर्ग में अभी हाल में नंबर वन बने के श्रीकांत के सामने मलेशियाई लिजेंड और दुनिया में नंबर 7 के खिलाड़ी ली चोंग वी थे.

  1. सिंधु को 5 मैचों में 4 बार हरा चुकी हैं साइना नेहवाल
  2. श्रीकांत ने टीम इवेंट में चोंग ली को हराया था
  3. साइना और चोंग ली ने जीता बेडमिंटन में गोल्ड

मुकाबले रोमांचक होने की उम्मीद थी, और हुआ भी बहुत कुछ ऐसा ही. दोनों मुकाबलों ने इस खेल के फैंस को कमाल के मैच देखने केा मिले. लेकिन अंत में जोश पर होश की ही जीत हुई. महिला सिंगल्स में सिंधु सीनियर साइना भारी रहीं तो दूसरी ओर पुरुष वर्ग में पहला गेम जीतने के बावजूद गोल्ड मलेशियाई खिलाड़ी ने जीता.

अब तक रहा है साइना का पलड़ा भारी
अब तक साइना और सिंधु के 5 मुकाबले हुए हैं. इसमें से 4 मैचों में साइना विजयी रही हैं. गोल्ड के लिए ये मुकाबला एक घंटे चला. मैच में साइना ने 21-18, 23-21 से जीत दर्ज की. इस जीत से साइना का वर्तमान कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार अभियान का भी अंत हुआ. उन्होंने भारत को इससे पहले टीम चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. सिंधू की चोट के कारण उन्हें टीम स्पर्धा में प्रत्येक एकल मैच खेलना पड़ा था.

ऐसा रहा एक घंटे का रोमांच
मैच में दोनों खिलाड़ियों ने अच्छी शुरूआत की लेकिन धीरे धीरे साइना ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कोर्ट पर आक्रामकता दिखायी। सिंधू के कुछ करारे स्मैश का हालांकि उनके पास जवाब नहीं था. दूसरी तरफ सिंधू को उनके साइना के सधे हुए शाट से जूझना पड़ा. लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने पहले गेम में 9-4 की बढ़त बनायी. इसके बाद भी उन्होंने अंतर बनाये रखा और नेट के साथ साथ बेसलाइन पर भी अपनी पकड़ बना दी. दोनों खिलाड़ियों की अलग अलग शैली के कारण मैच रोमांचक बन गया था.

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सिंधू अपने शाट पर ताकत तो लगा रही थी लेकिन उन पर उसका नियंत्रण नहीं था, उन्होंने शटल बाहर मारकर कम से कम चार अंक गंवाये और वह ब्रेक तक 6-11 से पीछे चल रही थी. ब्रेक के बाद सिंधू ने अच्छी वापसी की, लेकिन उनका स्ट्रोकप्ले साइना की तरह सधा हुआ नहीं था. साइना ने इसके अलावा प्रभावी तरीके से कोर्ट को भी संभाला. साइना जब 20-14 से आगे थी तब सिंधू ने अपना नैसर्गिक खेल दिखाया और वह 18-20 से अंतर कम करने में सफल रही. साइना ने हालांकि 23 मिनट में पहला गेम अपने नाम किया.

दूसरे गेम में सिंधू ने अपने स्मैश में सुधार किया और कोर्ट पर कवरेज भी उनकी बेहतर थी, जिससे वह 9-7 से आगे हो गयी जिसे ब्रेक तक उन्होंने 13-8 कर दिया. स्टेडियम खचाखच भरा था और दर्शकों को दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला. सिंधू एक समय 19-16 से आगे थे लेकिन 64 स्ट्रोक की रैली से यह 18-19 हो गया. साइना ने इसके बाद स्कोर 19-19 से बराबर किया लेकिन सिंधू फिर से 20-19 से बढ़त बनाने में सफल रही. उनके पास पहली बार गेम प्वाइंट था। उन्होंने हालांकि शाट बाहर मार दिया जिससे साइना ने स्कोर बराबर कर दिया.

इसके बाद जब सिंधू का रिटर्न बाहर गया तो साइना के पास चैंपियनशिप प्वाइंट था लेकिन कोई भी खिलाड़ी हार मानने को तैयार नहीं थी और स्कोर फिर से 21-21 से बराबर हो गया. लेकिन साइना के क्रास कोर्ट स्मैश का सिंधू के पास जवाब नहीं था. इसके बाद स्वर्ण पदक के लिये सर्विस करते हुए साइना ने सिंधू को शाट बाहर मारने के लिये मजबूर किया और फिर जीत का जश्न मनाने लगी.

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पहला गेम जीतने के बावजूद श्रीकांत ने गंवाया गोल्ड  
श्रीकांत ने इससे पहले मिश्रित टीम चैंपियनशिप में ली को हराया था, लेकिन विश्व का पूर्व नंबर एक खिलाड़ी यहां 19-21, 21-14, 21-14 से जीत दर्ज करके उसका बदला चुकता करने में सफल रहा. भारतीय खिलाड़ी से लगभग दस साल बड़े ली ने अपना सर्वश्रेष्ठ आखिर के लिये बचाया था.  उन्होंने अपने शानदार रिफलेक्स का बेजोड़ नमूना पेश किया. श्रीकांत ने पहले गेम में 0-4 से पिछड़ने के बाद 10-7 से बढ़त बनायी. भारतीय खिलाड़ी ने ड्राप शाट में बेहतर प्रदर्शन किया और ब्रेक तक 11-9 से बढ़त बनाये रखी. शुरू में ली की चिरपरिचित चपलता भी देखने को नहीं मिली और श्रीकांत यह गेम 25 मिनट में 21-19 से जीतने में सफल रहे.

दूसरे गेम में तब नाटकीय मोड़ आया जब लगा कि ली ने एक अंक बनाने के लिये दो बार शटल पर रैकेट मारा है. श्रीकांत के विरोध के बावजूद ली को इसके लिये जुर्माना नहीं लगा और मैच चलता रहा.

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