World Chess Championship 2024 Game 11: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने लगातार सात बाजियां ड्रॉ खेलने के बाद वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप के 11वें दौर में डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को हरा दिया। उन्होंने 6-5 की बढ़त हासिल करके इतिहास रचने की ओर मजबूत कदम बढ़ाए. क्लासिकल फॉर्मेट में खेली जा रही इस 14 रौंद की प्रतियोगिता में अब केवल तीन बाजियां खेली जानी बाकी हैं. भारतीय खिलाड़ी के इस जीत से छह अंक हो गए हैं जबकि चीन के खिलाड़ी के पांच अंक हैं. जो भी खिलाड़ी पहले 7.5 अंक बनाएगा, वह वर्ल्ड चैंपियनशिप का विजेता बन जाएगा. अगर गुकेश जीत जाते हैं तो वह इतिहास रच देंगे. वह सबसे कम उम्र का क्लासिकल शतरंज चैंपियन बन जाएंगे.


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इतिहास रचने के करीब गुकेश


इतिहास अब गुकेश के पक्ष में है, क्योंकि आधुनिक शतरंज में किसी भी चैलेंजर ने 10वीं बाजी के बाद 5-5 से बराबरी के बाद जीत दर्ज नहीं की है. लिरेन के लिए एकमात्र राहत की बात यह हो सकती है कि उन्होंने रूस के इयान नेपोमनियाच्ची के खिलाफ पिछले वर्ल्ड चैम्पियनशिप मुकाबले में 12वीं बाजी जीती थी. लिरेन पर समय का दबाव था. चीन के खिलाड़ी ने इस दबाव में गलतियां कीं जिसका फायदा उठाकर गुकेश ने प्रतियोगिता में अपनी दूसरी जीत हासिल की.


आठ ड्रॉ के बाद मिली जीत


गुकेश की जीत लगातार सात और कुल मिलाकर आठ ड्रॉ के बाद आई है. गुकेश ने घोड़े को आगे बढ़ाकर शुरुआत की, लेकिन लिरेन ने बेनोनी ओपनिंग अपनाकर उन्हें हैरान कर दिया. ऐसा लग रहा था कि उन्होंने यह चाल अपनी रणनीति के तहत नहीं चली और ऐसा करने का तात्कालिक निर्णय लिया. पांच चाल के बाद ही गुकेश को एक घंटे की बढ़त हासिल हो गई और इस तरह के महत्वपूर्ण मुकाबले में ऐसी स्थिति से बाहर निकलना मुश्किल होता है. लिरेन पर समय कम होने का यह दबाव स्पष्ट दिख रहा था और ऐसे में उन्होंने गलतियां कीं. 


लिरेन की शुरुआत नहीं रही अच्छी


चीन के खिलाड़ी के पास जब केवल सात मिनट बचे हुए थे, तब उन्होंने 28वीं चाल में बड़ी गलती की और इसके तुरंत बाद ही हार स्वीकार कर ली. लेकिन शतरंज विशेषज्ञों का मानना है कि लिरेन की शुरुआत अच्छी नहीं थी. उनकी निगाह मिडिल गेम में गुकेश की गलतियों पर टिकी थी. मौजूदा चैंपियन के पास बीच में बेहतर स्थिति बनाने का मौका था, लेकिन वह इससे चूक गए. गुकेश ने भी मिडिल गेम में काफी समय लिया, लेकिन तब भी उनका पलड़ा भारी दिख रहा था. 


गुकेश ने बनाया दबाव


जब स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई थी तब गुकेश ने अपने हाथी को खुलकर आगे बढ़ने का मौका देने के लिए रानी के पास के प्यादे को गंवाया. इससे भी लिरेन पर दबाव बढ़ा और वह गलती कर बैठे. उन्हें जल्द ही अपनी गलती का अहसास हो गया और भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही विजयी चाल चल दी. लिरेन को बाकी बची तीन बाजियों में से दो बाजी सफेद मोहरों से खेलनी हैं और अगर उन्हें मुकाबले में वापसी करनी है तो इसका पूरा फायदा उठाना होगा. दूसरी तरफ गुकेश को वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए अब केवल तीन ड्रॉ की जरूरत है. लिरेन ने इस प्रतियोगिता में शुरुआती बाजी जीतकर बढ़त बनाई थी, लेकिन गुकेश ने तीसरी बाजी जीत कर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया था. इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच लगातार सात बाजियां ड्रॉ रही थी.