रियो पैरालंपिक में देश का नाम रोशन करने वाली दीपा मलिक इसलिए हुईं निराश
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रियो पैरालंपिक में देश का नाम रोशन करने वाली दीपा मलिक इसलिए हुईं निराश

ओलंपिक वर्ष में हालांकि चार खिलाड़ियों को देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार से नवाजा गया था जिसमें बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, जिम्नास्ट दीपा करमाकर, महिला पहलवान साक्षी मलिक और निशानेबाज जीतू राय शामिल थे. 

मलिक की प्रतियोगिता अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: रियो पैरालंपिक की रजत पदक विजेता दीपा मलिक इस साल खेल रत्न के लिए अनदेखी से अब भी निराश हैं और उनका मानना है कि पुरस्कार समिति को 2016 की तरह इस बार के मामले को भी अपवाद के रूप में लेना चाहिए था. अगस्त में खेल रत्न दो बार के पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झझारिया और भारतीय पुरुष हाकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह को दिया गया.

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ओलंपिक वर्ष में हालांकि चार खिलाड़ियों को देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार से नवाजा गया था जिसमें बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, जिम्नास्ट दीपा करमाकर, महिला पहलवान साक्षी मलिक और निशानेबाज जीतू राय शामिल थे. जीतू रियो ओलंपिक में विफल रहे थे लेकिन विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया.

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मलिक ने यहां ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘पिछले साल उन्होंने सभी चार लोगों को यह पुरस्कार दिया. वे इस बार भी कुछ ऐसा कर सकते थे. हालांकि मैं आवेदन करना जारी रखूंगी और उन्हें कभी ना कभी मुझे यह देना होगा. वैसे भी नियम यह है कि चार साल के दौरान मेरे प्रदर्शन पर विचार किया जाएगा.’’ मलिक की प्रतियोगिता अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं है और ऐसे में उन्हें अपनी अगली बड़ी प्रतियोगिता के लिए अक्टूबर 2018 में होने वाले पैरा एशियाई खेलों तक इंतजार करना होगा.

इस साल पद्म श्री और 2012 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजी गई मलिक ने कहा, ‘‘काश एशियाई खेलों में मैं विश्व रिकार्ड तोड़ सकूं और इसके बाद उन्हें मुझे खेल रत्न देना होगा.’’ एक साल से भी अधिक समय बीतने के बावजूद मलिक को नकद पुरस्कार के कुछ वादे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. उन्होंने कहा, ‘‘मध्य प्रदेश सरकार ने हमें पत्र लिखकर बताया है कि वे राज्य पुरस्कारों के दौरान हमें सम्मानित करेंगे. लेकिन हमें अब तक दिल्ली गोल्फ क्लब से कोई जानकारी नहीं मिली है. क्लब ने घोषणा की थी लेकिन अब तक उन्होंने संपर्क नहीं किया है.’’

एमजी मेहता ह्यूमन स्पिरिट पुरस्कार होंगी सम्मानित

रियो पैरालम्पिक की रजत पदक विजेता दीपा मलिक को मुंबई अगले महीने होने वाले एक समारोह में एमजी मेहता ह्यूमन स्पिरिट पुरस्कार दिया जायेगा. इससे पहले पद्मश्री अरूणिमा सिन्हा को यह पुरस्कार दिया जा चुका है जिन्होंने 2013 में माउंट एवसेस्ट पर चढाई की थी. पैरालम्पिक साइकिलिस्ट आदित्य मेहता भी रत्ना निधि ट्रस्ट का यह पुरस्कार पा चुके हैं.

दीपा ने एक विज्ञप्ति में कहा ,‘‘ रत्ना निधि ट्रस्ट विकलांगों के लिये काफी काम कर रहा है. इसके संस्थापक महेंद्र भाई मेहता की स्मृति में यह पुरस्कार पाकर मैं काफी गौरवान्वित हूं.’’ पुरस्कार के तहत उन्हें एक लाख रूपये और एक स्मृति चिन्ह दिया जायेगा.

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