भारतीय हॉकी टीम के पास सुनहरा मौका, रच सकती है इतिहास : दिलीप टिर्की
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भारतीय हॉकी टीम के पास सुनहरा मौका, रच सकती है इतिहास : दिलीप टिर्की

कभी भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान डिफेंडर टिर्की ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है.

भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं टिर्की. (फाइल फोटो)

भुवनेश्वर : आखिरी मिनटों में गोल गंवाने की कमजोरी से बचने के लिये डिफेंडरों को ‘पोजिशनिंग’ दुरुस्त रखने की सलाह देते हुए भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने कहा कि मौजूदा टीम 43 वर्षों के बाद विश्व कप में पदक जीतकर इतिहास रच सकती है.

मौजूदा विश्व कप में अभी तक अपराजेय भारतीय हॉकी टीम ने लीग चरण में शीर्ष पर रहकर क्वार्टर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया जहां उसका सामना दुनिया की चौथे नंबर की टीम नीदरलैंड से होगा जिसने क्रॉस ओवर मैच में कनाडा को 5-0 से हराया.

कभी भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान डिफेंडर टिर्की ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम दुनिया की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है लेकिन उसे आक्रामक हॉकी खेलने के साथ अपने डिफेंस को भी मजबूत रखना होगा.

टिर्की ने कहा, ‘‘अभी तक हमने शानदार हॉकी खेली है और बेल्जियम जैसी मजबूत टीम के पूल में रहते सीधे क्वार्टर फाइनल के लिये क्वालीफाई किया जो अच्छा संकेत है. हमने मैदानी गोल के साथ अहम मैचों में पेनल्टी कार्नर पर भी गोल किये हैं लिहाजा हर विभाग में प्रदर्शन विश्व स्तरीय रहा है.’’ 

उन्होंने कहा कि कोच हरेंद्र सिंह की इस टीम की खूबी उसकी फिटनेस है जो उसे अतीत की टीमों से बेहतर करती है. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम की फिटनेस काबिले तारीफ है. खिलाड़ियों की मूवमेंट, रनिंग और रिफ्लैक्सेस अच्छे हैं और इससे प्रदर्शन में काफी फर्क आया है.’’ 

भारत के लिये सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके टिर्की ने कहा, ‘‘नीदरलैंड दुनिया की सबसे आक्रामक टीमों में से है लेकिन भारतीय टीम अब शीर्ष टीमों को हरा रही है. हमें बस आखिरी क्षणों में गोल गंवाने से बचना होगा जिसके लिये डिफेंडरों की पोजिशनिंग दुरूस्त रहनी जरूरी है. ऐसा करने पर विरोधी स्ट्राइकरों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनेगा और वे हमला करने से पहले सोचेंगे.’ 

यह पूछने पर कि टीम को नीदरलैंड के खिलाफ क्या टिप्स देंगे, उन्होंने कहा, ‘‘डच खिलाड़ियों को गोल करने के लिये जगह देने से बचना होगा. इसके अलावा गेंद पर नियंत्रण में भी उनसे बेहतर रहना होगा.’’ 

उन्होंने हॉकी के गढ़ बने भुवनेश्वर के दर्शकों को भी इस प्रदर्शन का श्रेय देते हुए कहा, ‘‘भुवनेश्वर के दर्शक हॉकी के मुरीद है और भारतीय टीम के लिये तो उनका जोश टानिक का काम करता है. अब भारतीय टीम को चाहिये कि वे पदक जीतकर उन्हें तोहफा दे और मुझे लगता है कि यह टीम 43 वर्षों के बाद विश्व कप में पदक जीतकर इतिहास रच सकती है. यह मौका उसे गंवाना नहीं चाहिये.’ 

ओडिशा पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष टिर्की ने टूर्नामेंट को ओडिशा पर्यटन के लिये वरदान बताते हुए कहा कि इससे विश्व पर्यटन के मानचित्र पर ओडिशा की अलग पहचान बनी है. उन्होंने कहा, ‘‘खेल पर्यटन के जरिये यहां आ रहे पर्यटकों को ओडिशा के विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक स्थानों को देखने और ओडिया संस्कृति को समझने का मौका मिल रहा है. इससे निश्चित तौर पर पर्यटन को बल मिलेगा.’’

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