भारतीय महिला टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने खुलासा किया कि वह महिला विश्व कप के पहले दो मैचों में अपने प्रदर्शन से इतना अधिक निराश थी कि उन्होंने कोच तुषार अरोठे से उन्हें अंतिम एकादश से बाहर करने के लिये कह दिया था. अरोठे ने हालांकि न सिर्फ इस अनुभवी तेज गेंदबाज का समर्थन किया बल्कि उन्हें कप्तान मिताली राज का भी पूरा समर्थन मिला और आखिर में भारत को फाइनल तक पहुंचाने में झूलन ने अहम भूमिका निभायी.
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कोलकाता: भारतीय महिला टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने खुलासा किया कि वह महिला विश्व कप के पहले दो मैचों में अपने प्रदर्शन से इतना अधिक निराश थी कि उन्होंने कोच तुषार अरोठे से उन्हें अंतिम एकादश से बाहर करने के लिये कह दिया था. अरोठे ने हालांकि न सिर्फ इस अनुभवी तेज गेंदबाज का समर्थन किया बल्कि उन्हें कप्तान मिताली राज का भी पूरा समर्थन मिला और आखिर में भारत को फाइनल तक पहुंचाने में झूलन ने अहम भूमिका निभायी.
झूलन को यहां नेताजी इंडोर स्टेडियम में बंगाल क्रिकेट संघ के वार्षिक पुरस्कार समोराह में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सम्मानित किया.इस तेज गेंदबाज ने इस अवसर पर कहा, ‘‘विश्व कप के शुरूआती चरण में अपने प्रदर्शन से मैं बेहद निराश थी. वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच के बाद मैंने कोच तुषार से कहा कि मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रही हूं और आप मुझे अगले मैच से बाहर कर सकते हो. लेकिन उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं तुम्हें टीम में चाहता हूं और तुम आक्रमण की अगुवाई करोगी.’’
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झूलन ने कहा कि कोच के प्रेरणादायी शब्दों से उन्हें मजबूती मिली और उन्होंने मिताली की मदद से अपने खेल पर विशेष ध्यान दिया तथा आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन गेंदबाजी करके एक खूबसूरत गेंद पर उसकी कप्तान मेग लैनिंग को शून्य पर आउट किया. भारत ने सेमीफाइनल का यह मैच 36 रन से जीता.
उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया मैच हमारे लिये महत्वपूर्ण था. वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है. लैनिंग सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक है. मैं चाहती थी कि मैं उन्हें सही क्षेत्र में गेंद कराऊं. मैंने मिताली से कहा कि मैं उन्हें वैसी ही गेंद करना चाहती हूं जैसे कि लैनिंग को करना चाहूंगी और उसने मुझे फीडबैक दिया. सौभाग्य से सब कुछ हमारे हिसाब से हुआ.’’