बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जंग तेज, अमिताभ चौधरी को आगे कर सकता है ईस्ट
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बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जंग तेज, अमिताभ चौधरी को आगे कर सकता है ईस्ट

अनुभवी प्रशासक जगमोहन डालमिया के निधन से बीसीसीआई में अध्यक्ष पद को लेकर फिर से जंग शुरू हो गई है। ईस्टर्न क्रिकेट बोर्ड्स ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है, जिससे डालमिया के उत्तराधिकारी की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है।

बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जंग तेज, अमिताभ चौधरी को आगे कर सकता है ईस्ट

नई दिल्ली: अनुभवी प्रशासक जगमोहन डालमिया के निधन से बीसीसीआई में अध्यक्ष पद को लेकर फिर से जंग शुरू हो गई है। ईस्टर्न क्रिकेट बोर्ड्स ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है, जिससे डालमिया के उत्तराधिकारी की लड़ाई में नया मोड़ आ गया है।

ईस्ट जोन की इकाइयां बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए झारखंड के संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को अपने उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है। हालांकि शरद पवार और राजीव शुक्ला के नामों को लेकर भी कयास लगाये जा रहे हैं, लेकिन इन दोनों धुरंधरों को ईस्ट जोन से प्रस्तावक और अनुमोदक मिलना आसान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि ईस्ट जोन में बंगाल, असम, झारखंड, ओडिशा, त्रिपुरा और नेशनल क्रिकेट क्लब शामिल हैं।

फिलहाल माना जा रहा है कि अगर शुक्ला या पवार अपनी उम्मीदवारी पेश करते हैं तो चुनाव कराना पड़ेगा और चयन सर्वसम्मति से नहीं होगा। आईसीसी और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष पवार तभी अपनी उम्मीदवारी पेश करेंगे जब उन्हें कम से कम 16 वोट मिलना तय हो और इसके लिए उन्हें सरकार के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। वैसे भी अनुभवी राजनेता पवार को लंबी और विस्तृत चर्चा के बाद फैसला करने के लिए जाना जाता है।

पूर्व क्षेत्र के अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में एक-दूसरे के साथ अनौपचारिक चर्चा की है और इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि 2017 तक अध्यक्ष उनके क्षेत्र से होना चाहिए। पूर्व क्षेत्र से बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पूर्व क्षेत्र के राज्य चाहते हैं कि कोई उनके क्षेत्र से अध्यक्ष बने। इस समय अमिताभ चौधरी इसमें फिट बैठते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह आईपीएस अधिकारी हैं, झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) को चला रहे हैं, उन्होंने एजीएम में हिस्सा लिया है और पदाधिकारी हैं।

उन्होंने कहा, "पूर्व क्षेत्र की कम से कम चार इकाइयां उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेंगी। हमारा कहना है कि 2017 से इस पद के लिए पूर्व क्षेत्र से ही कोई होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो चुनाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आपको आश्वासन दिया जा सकता है कि अगर पवार चुनाव लड़ते हैं तो कैब (बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन) और एनसीसी (डालमिया के पारिवारिक क्लब की तरह) उनके पक्ष में मतदान नहीं करेगा।’’

सूत्रों के अनुसार बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बड़ी भूमिका होगी क्योंकि 30 में से 10 वोटों पर उनका नियंत्रण है जो कुल वोट का एक तिहाई है। कोषाध्यक्ष हरियाणा के अनिरूद्ध चौधरी की तरह अमिताभ चौधरी भी श्रीनिवासन के विश्वासपात्र माने जाते हैं। पूर्व क्षेत्र में अब भी श्रीनिवासन को असम, बंगाल, ओडिशा और झारखंड के रूप में काफी समर्थन हासिल है।

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