जब हर तरफ से जर्मनी को निराशा मिल रही थी, तब टॉनी क्रूस ने उसमें जान भरी.
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सोची : टॉनी क्रूस ने दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम के पांचवें मिनट में गोल दागकर मौजूदा चैंपियन जर्मनी को स्वीडन पर 2-1 से जीत दिलाकर उसकी फीफा विश्व कप 2018 के नॉकआउट में पहुंचने की उम्मीदों को बरकरार रखा. 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रहा मौजूदा चैंपियन पहले दौर से बाहर होने की स्थिति में पहुंच गया था लेकिन तभी क्रूस ने अंतिम सीटी बजने से एक मिनट पहले फ्री किक पर गोल दागकर जर्मनी की टीम और प्रशंसकों में जोश भर दिया.
इससे पहले क्रूस की गलती का फायदा उठाकर ही ओला टोइवोनेन ने स्वीडन को 32 वें मिनट में बढ़त दिलाई थी. मार्को रेयुस (48 वें मिनट) ने दूसरे हाफ के शुरू में जर्मनी को बराबरी दिला दी थी लेकिन इसके बावजूद जोकिम लियु की टीम को राहत नहीं मिली. जर्मन टीम मध्यपंक्ति में जूझती रही इस बीच आखिरी क्षणों में जेरोम बोटेंग को भी दूसरा पीला कार्ड मिल गया जिसके कारण उन्हें बाहर बैठना पड़ा. ऐसे में क्रूस का गोल जर्मनी के लिए संजीवनी साबित हुआ.
अब जर्मनी अपने दम पर अंतिम 16 में जगह बना सकता है. उसे ग्रुप एफ में अपना आखिरी मैच बुधवार को दक्षिण कोरिया से खेलना है. जब हर तरफ से जर्मनी को निराशा मिल रही थी तब क्रूस ने उसमें जान भरी.
When you bag a stoppage-time stunner at the #WorldCup @ToniKroos
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यह गोल इतना शानदार था कि इसे देखने वाले एक बार को तो यकीन ही नहीं कर पाए, लेकिन यह गोल होते ही जर्मनी के फैन्स के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई.
TONI KROOS! WHAT A FANTASTIC GOAL! pic.twitter.com/04tTKCJxxe
— Old Days Football (@OldDaysFootball) June 23, 2018
जर्मन के जश्न मनाने के तरीके से स्वीडिश नाराज
हार से निराश स्वीडन के कोच फ्यूमिंग एंडरसन ने जर्मनी के आखिरी क्षणों के गोल के बाद जश्न मनाने के तरीके पर सवाल उठाए. टॉनी क्रूस के इंजुरी टाइम के पांचवें मिनट में किए गए गोल से जर्मनी ने स्वीडन को 2-1 से हराकर अंतिम 16 में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखा. मौजूदा विश्व चैंपियन ने इसके बाद जमकर जश्न मनाया लेकिन उनका यह तरीका विरोधी टीम को अच्छा नहीं लगा.
एंडरसन ने कहा, ‘‘जर्मन स्टाफ के सदस्यों ने हमारी तरफ दौड़ लगाकर जश्न मनाया और हमें चिढ़ाया जिससे मुझे गुस्सा उठा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे 90 मिनट तक उन्हें कड़ी चुनौती दी और जब अंतिम सीटी बजती है तो आप हाथ मिलाते हो और मैदान छोड़ते हो इसलिए उनके इस तरह के व्यवहार से मैं बहुत गुस्से में था.’’