27 मार्च 1994 को अजरुद्दीन ने दिया था ये तोहफा, कहलाया 'क्रिकेट का भगवान'
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27 मार्च 1994 को अजरुद्दीन ने दिया था ये तोहफा, कहलाया 'क्रिकेट का भगवान'

27 मार्च 1994 भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजरुद्दीन ने एक ऐसा फैसला लिया था, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है. आज से ठीक 23 साल पहले 27 मार्च 1994 के दिन भारत को वनडे फॉर्मेट का एक ऐसा ओपनर पाया, जिसे दुनिया आज 'क्रिकेट का भगवान' मानती है. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अजरुद्दीन के दिए इस मौके का बेकार नहीं जाने दिया और कई कीर्तिमान अपने नाम किए. 

23 साल पहले अजरुद्दीन के इस फैसले ने बदल दी थी सचिन की जिंदगी

नई दिल्ली : 27 मार्च 1994 भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजरुद्दीन ने एक ऐसा फैसला लिया था, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है. आज से ठीक 23 साल पहले 27 मार्च 1994 के दिन भारत को वनडे फॉर्मेट का एक ऐसा ओपनर पाया, जिसे दुनिया आज 'क्रिकेट का भगवान' मानती है. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अजरुद्दीन के दिए इस मौके का बेकार नहीं जाने दिया और कई कीर्तिमान अपने नाम किए. 

23 मार्च को अपनी जिंदगी का सबसे बुरा दिन मानते हैं सचिन तेंदुलकर

आज ही के दिन अजहर ने अपनी कप्‍तानी में सचिन तेंदुलकर को बतौर ओपनर पहला मौका दिया था. सचिन ने भी अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और क्रिकेट में ऐसा धमाका मचाया कि आज उन्हें सचिन रिकॉर्ड तेंदुलकर के नाम से लोग जानते हैं.

सचिन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला मैच खेला था भारत के खिलाफ!

दरअसल, रिकॉर्ड बुक के हिसाब से तो सचिन तेंदुलकर ने 24 साल लंबे अपने इंटरनेशनल करियर का डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को किया था. लेकिन उनके करियर में 27 मार्च 1994 को अहम मोड़ आया था. क्रिकेट की दुनिया को सचिन का असली अवतार देखने के लिए 69 मैचों तक इंतजार करना पड़ा था.

 सचिन को सुबह उठने में हुई परेशानी तो ले लिया संन्यास

जब सिद्धू की जगह सचिन से करवाई गई ओपनिंग 

1994 में टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे पर थी और भारत के नियमित ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू अनफिट थे. सिद्धू के गर्दन में परेशानी थी, जिसके कारण उन्हें ओपनिंग नहीं करने दिया गया और कप्तान अजहर ने सचिन को मौका दिया. सचिन भी इसी दिन के इंतजार में थे, उन्होंने कई बार पहले भी कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और मैनेजर अजीत वाडेकर से ओपनिंग करने की बात कही थी

न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली 82 रनों की शानदार 

न्यूजीलैंड के खिलाफ चार वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में सचिन ने पहली बार ओपनिंग की. उन्होंने 49 गेंदों पर 82 रनों की धुआंधार पारी खेली, जिसमें उनके 15 चौके और दो छक्के शामिल थे. न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर गेविन लारसन इस मैच को कभी याद नहीं करना चाहेंगे. सचिन ने उनके पहले ही ओवर में तीन चौके जड़े और एक छ्क्का भी लगाया. आखिरकार दो ओवर बाद ही उन्हें गेंदबाजी से हटा लिया गया. 143 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इस मैच को भारत ने सात विकेट से जीत लिया. सचिन प्लेयर ऑफ द मैच रहे. 

सचिन पर क्या कहा था अजहर ने

कप्तान अजहर ने एक इंटरव्यू में कहा था- मेरे दिमाग में पहले से ही था कि सचिन से ओपनिंग करवाऊं. पांचवें या छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उसे 5 या 6 ओवर ही खेलने को मौका मिलता था. मैंने सोचा सचिन जैसे आक्रामक बल्लेबाज को निचले क्रम में उतार कर उसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इसी के बाद मैंने उससे ओपन करने को कहा.

79वें वनडे में पहला शतक

सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ष 1994 में श्रीलंका के कोलंबो में खेले गए मुकाबले में पहला शतक जमाया था. कमाल की बात ये है कि सचिन के पहले शतक के बाद उनके खेल में बहुत बड़ा फ़र्क दिखने लगा. पहले 78 मैचों में सचिन का औसत 32.71 के क़रीब था और तब तक उनके नाम 17 अर्द्धशतकीय पारियां थीं. सचिन ने उन 78 मैचों में 2126 रन जोड़े थे. लेकिन 79वें मैच से लेकर अगले 385 मैचों में यानी सचिन ने अपने आख़िरी 463वें मैच तक 16300 रन और जोड़ लिए. उनका औसत इन 385 मैचों में 47.11 रहा.

ओपनिंग में शानदार रहे सचिन 

- ओपनर के रूप में सचिन ने 344 मैचों में 48.29 की औसत से सर्वाधिक 15310 रन बनाए.
- जबकि निचले क्रम पर उन्होंने 119 मैचों में 33 की औसत से 3116 रन बनाए.
- सचिन के वनडे करियर के कुल 49 में से 45 शतक ओपनिंग करते हुए आए.
- वनडे का उनका पहला शतक 79वें मैच में आया, वह भी ओपनिंग करते हुए.

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