गावस्कर ने कहा, फ्लेचर के कार्यकाल में अनुशासित नहीं थे खिलाड़ी
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गावस्कर ने कहा, फ्लेचर के कार्यकाल में अनुशासित नहीं थे खिलाड़ी

डंकन फ्लेचर के 2011 से 2015 के कोचिंग कार्यकाल की आलोचना करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मंगलवार को कहा कि जिंबाब्वे के इस कोच के कार्यकाल के दौरान काम के प्रति नैतिकता काफी खराब थी और खिलाड़ी अभ्यास सत्र के लिए देर से पहुंचते थे। फ्लेयर अप्रैल 2011 में भारत के कोच बने थे और इस साल मार्च में विश्व कप के साथ उनका कार्यकाल खत्म हुआ। भारत 50 ओवर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा लेकिन आस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के प्रदर्शन की काफी आलोचना हुई। इस बीच गावस्कर ने टीम निदेशक के रूप में रवि शास्त्री के प्रयासों की तारीफ की। 

गावस्कर ने कहा, फ्लेचर के कार्यकाल में अनुशासित नहीं थे खिलाड़ी

नई दिल्ली: डंकन फ्लेचर के 2011 से 2015 के कोचिंग कार्यकाल की आलोचना करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने मंगलवार को कहा कि जिंबाब्वे के इस कोच के कार्यकाल के दौरान काम के प्रति नैतिकता काफी खराब थी और खिलाड़ी अभ्यास सत्र के लिए देर से पहुंचते थे। फ्लेयर अप्रैल 2011 में भारत के कोच बने थे और इस साल मार्च में विश्व कप के साथ उनका कार्यकाल खत्म हुआ। भारत 50 ओवर की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा लेकिन आस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के प्रदर्शन की काफी आलोचना हुई। इस बीच गावस्कर ने टीम निदेशक के रूप में रवि शास्त्री के प्रयासों की तारीफ की। 

 

गावस्कर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अब अधिक सकारात्मकता है। अभ्यास सत्र में अधिक जज्बा देखने को मिलता है। और यह महत्वपूर्ण है, काम के प्रति नैतिकता बेहद महत्वपूर्ण है। डंकन फ्लेचर के मार्गदर्शन में काम के प्रति नैतिकता काफी खराब थी। क्योंकि, खिलाड़ी मैदान पर काफी देर से आते थे। जब वे मैदान पर आते थे तो अंदर आकर वार्मअप और अभ्यास करने में उन्हें 15 से 20 मिनट लग जाते थे।’

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