10 वर्ष की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली चानू ने अपनी मेहनत और लगन से 11 साल बाद ही फुटबॉल की प्रतिष्ठित पुरस्कार अपने नाम कर लिया.
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नई दिल्ली. पिछले साल एआईएफएफ ईमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर चुनी गईं भारतीय महिला फुटबॉलर गोलकीपर पंथाई चानू ने बतौर डिफेंडर अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में वह गोलकीपर बन गईं. चानू स्पेन में होने वाले कोटिफ कप में हिस्सा लेने जा रही भारतीय टीम का हिस्सा हैं. चानू ने स्पेन रवाना होने से पहले कहा कि उन्होंने एक डिफेंडर के रूप में फुटबाल करियर की शुरुआत की थी.
चानू ने एआईएफएफ की वेबसाइट पर कहा, "बचपन में मैं एक डिफेंडर के रूप में खेला करती थी. वर्ष 2007 में मेरे पड़ोस में एक फुटबॉल शिविर का आयोजन हुआ और वहां कोई गोलकीपर नहीं था. कोच ने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी और फिर इसके बाद एक गोलकीपर के रूप में मेरी करियर की शुरुआत हुई, जिसका मैंने पूरा आनंद लिया."
10 वर्ष की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली चानू ने अपनी मेहनत और लगन से 11 साल बाद ही फुटबॉल की प्रतिष्ठित पुरस्कार अपने नाम कर लिया. उन्होंने यह पुरस्कार अपने परिवार को समर्पित किया है.
Moments from the Women's Team's practice session #BackTheBlue #WeAreIndia #ShePower pic.twitter.com/2Taq6DsV9l
— Indian Football Team (@IndianFootball) July 30, 2018
21 साल की गोलकीपर ने कहा, "घर पर मम्मी, पापा, दादी, भाई, बहन सब बहुत खुश है. सब मुझे हमेशा बहुत सपोर्ट करते हैं. यह पुरस्कार मैं उन सब को समर्पित करना चाहता हूं."
मणिपुर की रहने वाली युवा गोलकीपर चानू हीरो महिला लीग में ईस्टर्न स्पोर्टिंग यूनियन का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह महिला लीग के पिछले सीजन में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार भी जीत चुकी हैं.
चानू ने स्पेन दौरे के लिए उपकप्तान चुनी गईं अदिती चौहान की तारीफ करते हुए कहा, "वह मेरी बड़ी बहन की तरह है. किसी भी तरह के सलाह के लिए मैं हमेशा उनके पास जाती हूं. वह मैदान के अंदर और बाहर हमेशा अपना अनुभव हमारे साथ साझा करती हैं."
(इनपुट- आईएएनएस)