ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड बने भारतीय हॉकी टीम के कोच
54 साल के ग्राहम रीड ऑस्ट्रेलियाई टीम के मुख्य कोच रह चुके हैं. वे 2018 में विश्व कप का सिल्वर मेडल जीतने वाली डच टीम के असिस्टेंट कोच भी थे.
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नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड भारतीय पुरुष हॉकी टीम के नए मुख्य कोच होंगे. हॉकी इंडिया ने सोमवार को यहां उन्हें इस टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है. रीड ऑस्ट्रेलिया की पुरुष टीम के मुख्य कोच रह चुके हैं. उनके मार्गदर्शन में टीम ने 2012 में लगातार पांचवीं बार चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया था. रीड ऑस्ट्रेलिया के लिए 1984, 1985, 1989 और 1990 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं.
कोच बनाए जाने की खबर पर रीड ने कहा, ‘भारतीय हॉकी टीम का मुख्य कोच बनना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है. इस खेल में किसी टीम के इतिहास की तुलना भारत से नहीं की जा सकती. मैं विपक्षी टीम के कोच के रूप में भारतीय हॉकी का लुत्फ उठा चुका हूं. भारतीय टीम धीरे-धीरे दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में शुमार होती जा रही है. मुझे भारतीय टीम की तेज और आक्रामक हॉकी पसंद है. यह ऑस्ट्रेलियाई अंदाज के काफी करीब है. मैं हॉकी इंडिया के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं.’
54 साल के ग्राहम रीड 130 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं. वे भुवनेश्वर में होने वाले एफआईएच हॉकी सीरीज फाइनल से पहले टीम से जुड़ जाएंगे. रीड बेंगलुरू स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में जारी कैंप में भारतीय टीम से जुड़ेंगे. इस कैंप के लिए 60 खिलाड़ियों का चयन किया गया है. ग्राहम रीड बार्सिलोना ओलंपिक (1992) में सिल्वर मेडल जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य भी रह चुके हैं.
ग्राहम रीड 2017 में नीदरलैंड के एम्सटर्डम क्लब के हेड कोच बने थे. नीदरलैंड ने जब 2018 में विश्व कप का सिल्वर मेडल जीता, तब भी रीड उसके असिस्टेंट कोच थे. वे पूर्व भारतीय कोच हरेंद्र सिंह की जगह लेंगे, जिन्हें भुवनेश्वर में पिछले साल के आखिर में खेले गये विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद हटा दिया गया था. भारतीय टीम तब से मुख्य कोच के बिना खेल रही थी. हॉकी इंडिया तभी से कोच की तलाश कर रहा था. रीड शुरू से इस पद के मुख्य दावेदारों में शामिल थे और हॉकी इंडिया ने सोमवार को इसकी औपचारिक घोषणा की.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने कहा, ‘ग्राहम रीड बेहद सफल खिलाड़ी रहे हैं और उन्हें कोचिंग का भी बहुत अच्छा अनुभव है. वे ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की राष्ट्रीय टीमों के साथ काम कर चुके हैं. हमें उम्मीद है कि उनका अनुभव और विशेषज्ञता भारतीय पुरुष हॉकी टीम को 2020 टोक्यो ओलंपिक और उससे पहले की प्रतियोगिताओं में अपेक्षित सफलताएं हासिल करने में मदद करेगी.’
(इनपुट: भाषा/आईएएनएस)