वर्ल्ड कप: पहली जीत के बाद भारत के सामने अब बेल्जियम की मुश्किल चुनौती
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वर्ल्ड कप: पहली जीत के बाद भारत के सामने अब बेल्जियम की मुश्किल चुनौती

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आक्रामक हॉकी खेली और इस लय को कायम रखना चाहेगा. वैसे प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव भारतीय हॉकी की पुरानी समस्या रही है. 

दुनिया की तीसरे नंबर की टीम है बेल्जियम (PIC : PTI)

भुवनेश्वर : वर्ल्ड कप में शानदार शुरुआत के बाद भारतीय हॉकी टीम के सामने रविवार (2 दिसंबर) को दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम के रूप में कठिन चुनौती होगी, जिसे हराने पर सेमीफाइनल में जगह पक्की है. पिछले 43 साल में पहली बार वर्ल्ड कप में पदक जीतने की प्रबल दावेदार भारतीय हॉकी टीम ने 16 देशों के टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत करते हुए पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया. रियो ओलंपिक की सिल्वर मेडल विजेता बेल्जियम टीम ने कनाडा को 2-1 से मात दी लेकिन उसका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं रहा. आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय टीम अभी तक सिर्फ एक बार 1975 में वर्ल्ड कप जीत सकी है.

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आक्रामक हॉकी खेली और इस लय को कायम रखना चाहेगा. वैसे प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव भारतीय हॉकी की पुरानी समस्या रही है. उसे लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही बेल्जियम टीम को हराने के लिये हर विभाग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. 

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, आकाशदीप सिंह और ललित उपाध्याय ने फॉरवर्ड पंक्ति में उम्दा प्रदर्शन किया. सिमरनजीत ने दो गोल किये जबकि बाकी तीन स्ट्राइकर ने एक एक गोल दागा. मनप्रीत सिंह की अगुवाई में मिडफील्ड और डिफेंस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा लेकिन डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह, बीरेंद्र लाकड़ा, सुरेंदर कुमार और गोलकीपर पी आर श्रीजेश को आक्रामक बेल्जियम के खिलाफ हर पल चौकन्ना रहना होगा. 

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दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत बेल्जियम के खिलाफ अपना रिकॉर्ड भी बेहतर करना चाहेगा. पिछले पांच साल में दोनों टीमों के बीच हुए 19 मुकाबलों में से 13 बेल्जियम ने जीते और एक ड्रॉ रहा. आखिरी बार दोनों का सामना नीदरलैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी में हुआ था जिसमें आखिरी पलों में गोल गंवाने के कारण भारत ने 1-1 से ड्रॉ खेला.

दोनों टीमों के लिये पेनल्टी कॉर्नर समस्या बना हुआ है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत पांच में से एक ही पेनल्टी को तब्दील कर सका जबकि बेल्जियम ने कनाडा के सामने दो पेनल्टी कॉर्नर गंवाए. भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह पेनल्टी कॉर्नर से सीधे गोल नहीं हो पाने से निराश नहीं हैं. उन्होंने कहा, ''हमने खूबसूरत फील्ड गोल और पेनल्टी कार्नर पर गोल किए. पेनल्टी कॉर्नर पर सीधे गोल नहीं कर सके लेकिन गोल करना अहम है, कैसे हुए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.'' 

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बेल्जियम ने पिछले एक दशक में विश्व हॉकी में अपना परचम लहराया है और बिना कोई बड़ा खिताब जीते वह शीर्ष टीमों में शामिल है. बेल्जियम के कोच शेन मैकलियोड ने कहा, ''भारत के खिलाफ यह मैच हमें हर हालत में जीतना है और पूरे अंक लेने हैं. हमारा गोल औसत उतना नहीं है जितना हम चाहते थे तो हमें जीतना ही होगा.'' वहीं, पूल सी के अन्य मैच में कनाडा का सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा. 

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