चैंपियंस ट्रॉफी 2017 : दक्षिण अफ्रीका की शानदार गेंदबाजी के आगे टिक पाएगी टीम इंडिया?
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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 : दक्षिण अफ्रीका की शानदार गेंदबाजी के आगे टिक पाएगी टीम इंडिया?

पूर्व चैंपियन भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार को होने वाला मैच विजेता को सेमीफाइनल का टिकट दिलाएगा. इस बार इंग्लैंड को छोड़कर सभी टीमों के प्रदर्शन में निरंतरता दिखाई नहीं दे रही. 

भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका: कौन किस पर भारी

नई दिल्ली : पूर्व चैंपियन भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार को होने वाला मैच विजेता को सेमीफाइनल का टिकट दिलाएगा. इस बार इंग्लैंड को छोड़कर सभी टीमों के प्रदर्शन में निरंतरता दिखाई नहीं दे रही. 

ग्रुप बी में पहले दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका को हराया. फिर भारत ने पाकिस्तान को. पाकिस्तान ने भारत का बदला दक्षिण अफ्रीका को हराकर लिया तो श्रीलंका ने भारत को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदें बरकरार रखी. रविवार के मैच में आईसीसी विश्व रैंकिंग पर नंबर नंबर एक पर विराजमान टीम दक्षिण अफ्रीका को नंबर तीन की टीम भारत से भिड़ना है. 

इतिहास और आंकड़े दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में हैं. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अब तक हुए 78 एकदिवसीय मैचों में भारत ने 28 मैचों में जीत दर्ज की जबकि अफ्रीका के खाते 45 जीत आई. 3 मैच बेनतीजा रहे. चैंपियंस ट्रॉफी में भारत 3बार अफ्रीका से भिड़ा और तीनों ही बार भारत विजयी रहा. आइए देखते हैं कौन सी टीम किस पर भारी पड़ सकती हैः

दोनों टीमों की ओपनिंग जोड़ी

शिखर धवन और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी ने अब तक चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया है. धवन ने श्रीलंका के खिलाफ शतक लगाया. रोहित शर्मा भी दोनों मैचों में 91 और 78 रन बना चुके हैं. इन्हीं की बदौलत भारत ने दोनों  बार 300 से अधिक रन बनाये. अफ्रीका के खिलाफ ये दोनों भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं. यदि इनका बल्ला चलता है तो अफ्रीका मुश्किल में पड़ सकता है. 

दक्षिण अफ्रीका के पास भी भारत की तरह ही शानदार बैटिंग लाइन अप है. हाशिम अमला और क्विंटन डिकॉक की ओपनिंग जोड़ी अगर अपना स्वाभाविक खेल खेल पाती है तो भारत के लिए यह मैच जीतना आसान नहीं होगा. इन दोनों ही बल्लेबाजों को स्पिन खेलने का खासा अनुभव है. साथ ही अगर अफ्रीका की ये ओपनिंग जोड़ी लंबी भागीदारी करती है तो बाद में उनके पास ऐसे बल्लेबाज हैं, जो स्कोर को 350 रनों तक ले जा सकते हैं. 

टीम इंडिया का मजबूत मध्यक्रम

भारत के पास मध्यक्रम में युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी, केदार जाधव और हार्दिक पांड्या जैसे बल्लेबाज हैं. इन सबके साथ विराट कोहली तो हैं ही. यह बल्लेबाजी क्रम भारत की ताकत है. युवराज सिंह अफ्रीका के खिलाफ अपना 300वां एकदिवसीय मैच खेलेंगे. जाहिर है वह मैच को शानदार बल्लेबाजी से यादगार बनाना चाहेंगे. श्रीलंका के खिलाफ भी भारत के सभी बल्लेबाजों ने अच्छी बल्लेबाजी की थी. भारत की मिली पराजय को अपवाद स्वरूप हार कहा जा सकता है. भारत को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.

टीम इंडिया की कमजोर गेंदबाजी

श्रीलंका के खिलाफ मैच में मजबूत दिखाई दे रही भारतीय गेंदबाजी की पोल खुल गयी. भुवनेश्वर, बुमराह और उमेश यादव तीनों ने मिलाकर एक विकेट लिया. रविंद्र जडेजा ने भी बहुत ज्यादा रन दिये. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि भारत प्लेइंग इलेवन में आर. आश्विन को शामिल करे. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाक स्पिनरों ने शानदार गेंदबाजी की थी. जाहिर है स्पिनर्स दक्षिण अफ्रीका की कमजोरी है. इसलिए भारत आश्विन और जडेजा दोनों को खिला सकता है. 

साउथ अफ्रीका की शानदार गेंदबाजी

गेंदबाजी अफ्रीका की ताकत है. रबादा, मोर्कल और परनेल बेहतरीन गेंदबाज हैं. इमरान ताहिर के रूप में उनके पास ट्रंफ कार्ड है. पाकिस्तान के खिलाफ मोर्कल ने बहुत ही उमदा गेंदबाजी की थी. दक्षिण अफ्रीका की फील्डिंग भी भारत के मुकाबले बेहतर है. यही वह क्षेत्र है जहां भारत दक्षिण अफ्रीका से कमजोर दिखाई देता है.

टीम इंडिया की खराब फील्डिंग

चैंपियंस ट्रॉफी के दोनों ही मैचों में भारत की फील्डिंग खराब रही है. रन आउट के मौके छोड़ना और कैच टपकाना भारत के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है. श्रीलंका के खिलाफ भारत ने दो रन आउट के मौके और दो कैच छोड़े. कमजोर फील्डिंग भारत को गेम से बाहर कर सकती है. 

डिविलियर्स पलट सकते हैं मैच का रुख 

चैंपियंस ट्रॉफी में खेले गए दो मुकाबले में भी डिविलियर्स कुछ खास नहीं कर पाए हैं, लेकिन वह अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं जो कभी भी पलड़ा दक्षिण अफ्रीका के पक्ष में झुका सकते हैं. 

साउथ अफ्रीका और चोकर्स का तमगा 

दुनिया की सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली दक्षिण अफ्रीका की टीम बड़े मैचों में चोकर्स साबित होती रही है. यह तमगा उन्होंने लंबे क्रिकेट इतिहास में हासिल किया है. बहुत कोशिशों के बावजूद यह तमगा उनका पीछा नहीं छोड़ रहा. विराट कोहली भी इस बात को जानते हैं. देखना है दक्षिण अफ्रीका क्या इस बार इस मिथ को तोड़ पाता है या नहीं. 

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