भारत ने चीन को मैत्री मैच में गोलरहित ड्रॉ पर रोका, कोच बोले हमें हराना अब आसान नहीं
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भारत ने चीन को मैत्री मैच में गोलरहित ड्रॉ पर रोका, कोच बोले हमें हराना अब आसान नहीं

भारत ने ऐतिहासिक मैत्री मैच में चीन से गोलरहित ड्रा खेला

भारत-चीन मैच का ड्रॉ होना भारत के लिए उपलब्धि से कम नहीं है.(फोटो: Twitter/@IndianFootball)

शुजोऊ (चीन): 21 सालों बाद भारत और चीन के बीच हुआ पहला मुकाबला जब ड्रॉ रहा तो भारतीय फुटबॉल टीम ने इसे एक जशन की तरह मनाया.  भारत ने शनिवार को चीन के खिलाड़ियों के हमलों का मजबूती से सामना करते हुए दोनों टीमों के बीच 21 साल बाद खेले गये पहले अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैत्री मैच में गोलरहित ड्रा खेला. दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों की टीमों के बीच खेले गये इस मुकाबले में निश्चित रूप से चीन का दबदबा रहा जिसमें उसने कई मौके भी बनाये लेकिन भारत ने इन्हें गोल में तब्दील नहीं होने दिया. 

  1. दोनों देशों के बीच पहला इंटरनेशनल मैच था
  2. 21 साल बाद हुआ था दोनों के बीच मैच
  3. भारतीय कोच ने माना ड्रॉ को उपलब्धि

चीन के फारवर्ड गोल कराने की कोशिश में जुटे रहे जबकि भारतीय खिलाड़ी विशेषकर कप्तान संदेश झिंगन, नारायण दास, प्रीतम कोटल और सुभाशीष बोस ने अंत तक डटकर सामना किया. घरेलू टीम ने कम से कम तीन अच्छे मौके बनाये जिसे भारतीयों ने रोक दिया जबकि उसका स्टार स्ट्राइकर गाओ लिन कई बार निशाना लगाने से चूक गया. भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू गोलपोस्ट के सामने चट्टान की तरह डटे रहे और चीन की टीम को कम से कम चार मौकों पर रोका. 

भारत ने खेला ड्रॉ फिर भी उपलब्धि
भारत के लिये यह शानदार उपलब्धि है, उसने महाद्वीप की शीर्ष टीम चीन को उसकी मांद में गोल नहीं करने दिया और मैच 0-0 से ड्रर कराया. भारतीय टीम पहली बार चीन की सरजमीं पर खेल रही थी और मैच के दौरान कुछ ऐसे भी पल आये, हालांकि ये बहुत कम थे जिसमें मेहमान टीम ने जवाबी हमलों से विपक्षी टीम को हैरान किया. इस ड्रा से भारत को फीफा रैंकिंग में फायदा मिलने की उम्मीद है. अभी टीम 97वें जबकि चीन 76वें स्थान पर डटी है. 

उम्मीद के मुताबिक चीन ने दिखाया आक्रमक खेल
भारत को दोनों हाफ में दो बहुत अच्छे मौके मिले जिसमें एक प्रीतम कोटल और दूसरा स्थानापन्न खिलाड़ी फारूख चौधरी का प्रयास रहा. दूसरे हाफ में भी टीम ने दो मौके बनाए. भारत के मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा था कि चीन की टीम आक्रामक होकर खेलेगी और ऐसा ही हुआ. चीन ने पहले ही सत्र में तेज तर्रार खेल दिखाया. लेकिन भारतीय टीम ने चीन के स्ट्राइकरों को जरा भी मौका नहीं दिया और गोलकीपर गुरप्रीत ने भी कुछ बेहतरीन बचाव किए. 

वर्ष 2006 विश्व कप विजेता इटली के कोच मार्सेलो लिप्पी चीन को कोचिंग दे रहे हैं. टीम हाल के दिनों में काफी जूझ रही है क्योंकि वह लगातार तीन मैचों में गोल करने में असफल रही है. चीन की टीम पिछले महीने कम अनुभवी कतर की टीम से 0-1 से हार गयी थी. इसके बाद बहरीन से भी उसका मैच 0-0 से ड्रा रहा था. जून में टीम ने थाईलैंड को 2-0 से हराने के बाद कोई गोल नहीं किया है.

इस मैच से पहले भारत और चीन के बीच 17 मैच खेले जा चुके हैं जिसमें से अंतिम मुकाबला कोच्चि में 1997 में खेला गया था. चीन ने 12 बार जीत दर्ज की है जबकि पांच अन्य मैच ड्रा रहे थे. 

भारतीय कोच बोले, हमें हराना अब काफी मुश्किल है
 भारतीय फुटबाल टीम को कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने मैच के बाद कहा कि भले ही उनकी टीम मैत्री मैच के दौरान एशिया की शीर्ष टीम चीन की बराबरी नहीं कर सकी हो लेकिन अब उसे हराना काफी मुश्किल हो गया है. कांस्टेनटाइन को गर्व है कि उनकी टीम इस मैच को गोलरहित ड्रा कराने में सफल रही.

कांस्टेनटाइन ने कहा, ‘‘हमने पिछले चार वर्षों में दिखा दिया कि हमें हराना अब मुश्किल हो गया है. हम भले ही उतने मजबूत नहीं हों जितनी एशिया की अन्य टीमें हैं. लेकिन एशिया की किसी भी टीम के खिलाफ मेरी टीम शारीरिक और प्रतिस्पर्धी रूप से डटकर सामना करेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी रोमांचक मुकाबला रहा. दोनों टीमों ने गोल करने का प्रयास किया. निश्चित रूप से चीन ने गेंद पर ज्यादा कब्जा बनाए रखा और उसने काफी मौके बनाए, हमें इसकी उम्मीद थी. हम यहां अच्छा प्रदर्शन करने आए थे और हमारे लिये मुख्य चीज थी कि हम फुटबाल की उस चुनौती के आदी हो सकें जिसका सामना हमें एएफसी एशिया कप यूएई 2019 में करना है.”

(इनपुट भाषा)

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