IND vs AUS: इयान चैपल की मांग, मैदान पर बातचीत और डीआरएस के इस्तेमाल में कमी हो
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IND vs AUS: इयान चैपल की मांग, मैदान पर बातचीत और डीआरएस के इस्तेमाल में कमी हो

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कड़ी लेकिन तनावपूर्ण श्रृंखला के समाप्त होने के बाद मैदान पर बातचीत में कमी लाने और टेस्ट मैचों में डीआरएस के इस्तेमाल को सीमित करने की मांग की है. चैपल ने ऑस्ट्रेलिया पर भारत की 2-1 से जीत के दौरान मैदान पर लगातार बयानबाजी को मुकाबले का ‘भद्दा’ पहलू करार दिया और कहा कि ये ‘बेहूदा टिप्पणियां’ खेल का हिस्सा नहीं होनी चाहिए.

चैपल ने ऑस्ट्रेलिया पर भारत की 2-1 से जीत के दौरान मैदान पर लगातार बयानबाजी को मुकाबले का ‘भद्दा’ पहलू करार दिया. (फाइल फोटो)

मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कड़ी लेकिन तनावपूर्ण श्रृंखला के समाप्त होने के बाद मैदान पर बातचीत में कमी लाने और टेस्ट मैचों में डीआरएस के इस्तेमाल को सीमित करने की मांग की है. चैपल ने ऑस्ट्रेलिया पर भारत की 2-1 से जीत के दौरान मैदान पर लगातार बयानबाजी को मुकाबले का ‘भद्दा’ पहलू करार दिया और कहा कि ये ‘बेहूदा टिप्पणियां’ खेल का हिस्सा नहीं होनी चाहिए.

मैदान की बेहूदा टिप्पणियों से बल्लेबाज पागल हो सकता है

चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, ‘मैदान पर होने वाली बेहूदा टिप्पणियों में कमी होनी चाहिए. इससे बल्लेबाज पागल हो सकता है लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह टेलीविजन दर्शक के लिए अच्छी स्थिति नहीं होती.’ 

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टैस्ट सिरीज में लगातार छींटाकशी हुई

श्रृंखला विवादों से भरी रही और इस दौरान लगातार छींटाकशी होती रही. इस सब की शुरुआत आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के डीआरएस फैसले पर ड्रेसिंग रूम की मदद लेने की कोशिश करते हुए पकड़े जाने के बाद हुई जिसके बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी उन्हें लगभग धोखेबाज बता दिया था.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के निशाने पर कोहली

विरोधी खिलाड़ियों और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी इसके बाद कोहली पर निशाना साधा और उनकी तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से की. क्रिकेट आस्ट्रेलिया भी विवाद में कूद गया जब उसके सीईओ जेम्स सदरलैंड ने कहा कि कोहली को शायद नहीं पता कि माफी शब्द कैसे लिखते हैं.

धर्मशाला में अंतिम टेस्ट तक चली छींटाकशी 

यह छींटाकशी धर्मशाला में अंतिम टेस्ट तक चली जिसमें रविंद्र जडेजा और मैथ्यू वेड को बहस करते देखा गया जबकि स्मिथ को मुरली विजय के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग करते सुना गया जबकि भारतीय खिलाड़ी ने कैच का दावा किया था लेकिन यह स्पष्ट कैच नहीं लग रहा था. 

डीआरएस का सीमित इस्तेमाल हो

चैपल ने साथ ही डीआरएस के सीमित इस्तेमाल की वकालत भी की. उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से अंपायर के नियंत्रण में होना चाहिए. डीआरएस में ऐसे रिव्यू का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए जिसमें फैसला किया जाए कि क्षेत्ररक्षण ने गेंद को सही तरह से कैच किया है या नहीं. मुरली विजय ने धर्मशाला में जोश हेजलवुड का कैच लपका. कोई भी समझदार स्लिप क्षेत्ररक्षक पुष्टि कर सकता है कि यह वैध कैचा था. क्षेत्ररक्षक मैदान की ओर अंगुलियां करते हुए कैच नहीं लपक सकता. यह सिर्फ कैमरे का प्रभाव था कि एक रीप्ले में इसके उलट लग रहा था.’ 

रहाणे की तारीफ

चैपल ने कोहली और स्मिथ की नेतृत्व शैली पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन धर्मशाला टेस्ट में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ की. रहाणे कोहली की जगह कार्यवाहक कप्तान थे जो रांची टेस्ट के दौरान कंधे में लगी चोट के कारण इस मैच में नहीं खेल पाए थे.

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