कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने वाले खिलाड़ियों के दल में अपना नाम शामिल न होने से निराश पेरा पावर लिफ्टर सकीना खातून ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के सामने आत्महत्या करने की धमकी दी थी.
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नई दिल्ली: आईओए ने पैरा पावरलिफ्टर सकीना खातून के गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की टीम से बाहर होने के लिए भारतीय पैरालम्पिक समिति को दोषी ठहराया जबकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने कहा कि उसे विलंब से शामिल करने की संभावना तलाशी जाएगी. भारतीय ओलंपिक संघ ने पूरा दोष पीसीआई पर मंढा है. आईओए ने स्वीकार किया कि खातून ने काफी पहले खेलों के लिए क्वालीफाई कर लिया था, लेकिन पीसीआई ने उनका नाम समय पर नहीं भेजा.
आईओए सचिव राजीव मेहता ने पीसीआई सीईओ ग्रुप कैप्टन शाहरूख शमशाद (रिटायर्ड) को लिखे पत्र में कहा ,‘‘ भारतीय पैरालम्पिक समिति को पता होना चाहिए था कि नाम भेजने की अंतिम तारीख 31 अक्तूबर 2017 थी. आईओए ने सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को इस बारे में चार बार ईमेल भेजे थे लेकिन पीसीआई ने समय से नाम नहीं भेजे.’’
इस बीच सीजीएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘सीजीएफ को किसी भारतीय महिला पावरलिफ्टर का नाम नहीं भेजा गया है लेकिन हम उसे देर से जगह दिए जाने के अनुरोध पर विचार करेंगे बशर्ते कोई जगह उपलब्ध हो.’’
पावरलिफ्टर सकीना ने दी थी सुसाइड की धमकी
कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने वाले खिलाड़ियों के दल में अपना नाम शामिल न होने से निराश पेरा पावर लिफ्टर सकीना खातून ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के सामने आत्महत्या करने की धमकी दी थी. इसी साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने वाले भारतीय दल में सकीना का नाम शामिल नहीं है. इसी बात से निराश सकीना ने धमकी दी है कि यदि उनका नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया तो वह इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के सामने आत्महत्या कर लेंगी.
खातून ने एएनआई से बातचीत में कहा कि वह अब तक इस बात का इंतजार कर रही हैं कि उनका नाम इस लिस्ट में शामिल किया जाएगा. मैं इसके लिए अंतिम प्रयास तक लड़ूंगी. अगर मेरा नाम शामिल नहीं किया गया तो मैं कोर्ट जाऊंगी. इन लोगों ने मेरे जीवन की तपस्या खत्म की है. मैं इन्हें छोड़ूंगी नहीं. अगर जरूरत हुई तो मैं IOA के सामने सुसाइड भी करूंगी.