कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति के बचाव में उतरा आईओए
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कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति के बचाव में उतरा आईओए

भारतीय ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा है कि आईओए को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और आज का फैसला आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया। तरलोचन सिंह ने यह टिप्पणी खेल मंत्री विजय गोयल के उस बयान के बाद दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इस फैसले से हैरान हैं और इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। 

कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्ति के बचाव में उतरा आईओए

नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा है कि आईओए को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और आज का फैसला आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया। तरलोचन सिंह ने यह टिप्पणी खेल मंत्री विजय गोयल के उस बयान के बाद दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि वह इस फैसले से हैरान हैं और इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे। 

तरलोचन सिंह ने कहा, ‘आईओए आम सभा को किसी व्यक्ति को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाने के लिये किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। यह आईओए के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके अलावा सभी पूर्व अध्यक्षों को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाया गया है।’

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आईओए की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे। पुणे में जन्मे 72 वर्षीय कलमाड़ी कांग्रेस के पूर्व सांसद भी हैं। वह 2000 से 2013 तक एशियाई एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष रहे थे। उन्हें पिछले साल ही एशियाई एथलेटिक्स संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था। वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ  (आईएएएफ) के भी 2001 से 2013 तक सदस्य रहे। 

अभय सिंह चौटाला को मुक्केबाजी की पूर्ववर्ती संस्था भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ का भी अध्यक्ष चुना गया था जिसकी विश्व संस्था एआईबीए ने 2013 में मान्यता रद्द कर दी थी। हाल में उन्हें हरियाणा ओलंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया और रिपोर्टों के अनुसार उनके इस गुट को आईओए ने मान्यता दे दी है।

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