आईपीएल सीजन 13 के बीच में केकेआर के कप्तान दिनेश कार्तिक ने कप्तानी पद से हटने का किया फैसला, इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन अब से संभालेंगे कोलकाता की कमान
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अबुधाबी: कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के कप्तान दिनेश कार्तिक (Dinesh Kartik) ने आईपीएल (IPL 2020) के बीच सीजन में कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है और अब इंग्लैंड के विश्व कप विजेता कप्तान और इंडियन प्रीमियर लीग की इस फ्रेंचाइजी में अब तक उप कप्तान की भूमिका निभा रहे इयोन मोर्गन (Eoin Morgan) को कप्तान नियुक्त किया गया है.
कार्तिक ने केकेआर प्रबंधन को कहा कि वह अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और टीम के लिए अधिक से अधिक योगदान देना चाहते हैं. कार्तिक ने कहा है कि यह फैसला उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने में मदद करेगा.
2018 में कप्तान निुयक्त किए गए 35 साल के इस खिलाड़ी ने 37 मैचों में टीम की अगुआई की है. मुंबई इंडियन्स के खिलाफ होने वाले मैच में मोर्गन ही टीम की अगुवाई करेंगे.
केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने बयान में कहा, ‘हम भाग्यशाली थे कि हमारे पास दिनेश कार्तिक जैसा नेतृत्वकर्ता है जिन्होंने हमेंशा टीम को सर्वोपरि रखा. उनके जैसे व्यक्ति के लिए इस तरह का फैसला करने के लिए काफी साहस चाहिए’.
उन्होंने कहा, ‘हम जहां उनके फैसले से हैरान हैं वहीं हम उनकी इच्छा का सम्मान भी करते हैं’.
केकेआर ने अभी तक जो सात मैच खेले हैं उनमें से चार में उसे जीत मिली और तीन में हार. उसकी टीम अंकतालिका में चौथे स्थान पर है. मैसूर ने कहा, ‘कार्तिक और इयोन ने इस टूर्नामेंट के दौरान मिलकर बहुत अच्छा काम किया. अब भले ही इयोन कप्तानी संभाल रहे हैं लेकिन यह एकतरह से भूमिकाओं की अदला बदली है और हमें उम्मीद है कि यह बदलाव सहजता से काम करेगा’.
उन्होंने कहा, ‘कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की तरफ से हम दिनेश कार्तिक का पिछले ढाई वर्षों में कप्तान के रूप में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हैं और इयोन को शुभकामनाएं देते हैं’.
टीम के अब तक के लचर प्रदर्शन के कारण कार्तिक की कप्तानी की आलोचना हो रही थी. अगर केकेआर ने अभी तक चार मैच खेले हैं तो इनकी संख्या आधी भी हो सकती थी क्योंकि उसने चेन्नई सुपर किंग्स और किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ करीबी जीत हासिल की.
किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अर्धशतकीय पारी को छोड़ दें तो कार्तिक का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। इसके अलावा उनकी रणनीति कई बार नाकाम रही. वह कुलदीप यादव जैसे बेहतरीन स्पिनर को शारजाह की धीमी पिच पर अंतिम एकादश शामिल करने को लेकर सहज नहीं थे जिससे भी कुछ सवाल उठे.
उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी करने वाले प्रसिद्ध कृष्णा के बजाय युवा तेज गेंदबाज शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी पर अधिक भरोसा दिखाया है जिनकी वैरिएशन लगभग समान है और इससे भी उनकी कप्तानी के फैसले की निंदा हुई.
(इनपुट-भाषा)