IPL 2019: क्या बेंगलुरू में जीत दिला सकते थे धोनी, जानिए इस सवाल पर क्या बोले कोच फ्लेमिंग
आईपीएल में बेंगलुरू और चेन्नई की बीच मैच में एक रन से चेन्नई की एक रन की हार पर कोच स्टीफन फ्लेमिंग का कहना है कि वे अंतिम ओवरों में धोनी की मंशा पर सवाल नहीं कर सकते.
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बेंगलुरू: आमतौर पर जब कोई टीम मैच हारती है तो उसका विश्लेषण करते समय हार का जिम्मेदार किसी न किसी को तो बनाया ही जाता है. जाहिर जिम्मेदारी तो किसी को लेनी ही चाहिए. तभी कोई टीम बेहतर हो सकती है. इंडियन प्रीमियर लीग में जब बेंगलुरू के हाथों चेन्नई की टीम एक रन से हार गई तो जिन लोगों को हैरानी इस बात की हुई कि जब एमएस धोनी ने पांच गेंदों पर 24 ठोक दिए थे, तब वे आखिरी गेंद पर दो रन बनाने से कैसे चूक गए? लेकिन टीम के कोच स्टीवन फ्लेमिंग धोनी को दोष नहीं देना चाहते.
तीन बार सिंगल लेने से मना किया था धोनी ने
इस मैच में धोनी की इस बात पर आलोचना की जा रही है कि वे टीम को मैच जिता सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. धोनी ने इस मैच के 19वें ओवर में दूसरे छोर पर ड्वेन ब्रावो जैसे बड़े शाट खेलने वाले बल्लेबाज की मौजूदगी के बाद भी तीन बार एक रन लेने से मना किया लेकिन चेन्नई के कोच ने रविवार को यहां कहा कि वे अंतिम ओवरों में अपने कप्तान की मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते.
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19वें ओवर में मिले थे तीन बार ये मौके
चेन्नई को अंतिम दो ओवरों में जीत के लिए 36 रन चाहिए थे लेकिन नवदीप सैनी के 19 ओवर में धोनी ने तीन बार एक रन के लिए दौड़ने से मना कर दिया. इस ओवर में सिर्फ 10 रन बने जिसमें नो बाल पर छक्का शामिल था. आखिरी ओवर में टीम को 26 रन चाहिए थे और धोनी ने उमेश यादव की पहली पांच गेंद पर 24 रन बना लिए लेकिन अंतिम गेंद पर शारदुल ठाकुर रन आउट हो गये जिससे आरसीबी ने इस मैच को एक रन से जीत लिया.
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फ्लेमिंग ने यह दलील दी धोनी के लिए
देखा जाए तो गणित कहता है कि अगर धोनी वे तीन सिंगल्स ले लेते तो आखिरी गेंद पर दो रनों की ही जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा दूसरे छोर पर ब्रावो मौजूद थे लेकिन फ्लेमिंग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘धोनी चीजों का आकलन इतने सटीक तरीके से करते है कि अंतिम के ओवरों में आप उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठा सकते. हां, ब्रावो के पास भी बड़े शाट खेलने की क्षमता है लेकिन धोनी को लगा कि वह इस तरह से मैच जिता देंगे. मै हर समय उनका समर्थन करूंगा.’’
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ऐसा पहले भी कई बार कर चुके हैं धोनी
यह कोई पहली बार नहीं है कि धोनी ने अंतिम ओवरों में सिंगल्स से परहेज किया हो. वे इससे पहले कई बार ऐसा कर चुके हैं और अपनी टीम को मैच जिता भी चुके हैं लेकिन यह भी सच है कि वे हमेशा ऐसा कर सके हों ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने से पहले भी ऐसा (सफलता पूर्वक लक्ष्य का पीछा) कई बार किया है, आज (रविवार) भी वह हमें जीत के इतने करीब ले गये इसलिए मैं उनकी मंशा पर कभी सवाल नहीं करूंगा.’’
(इनपुट भाषा)