भैंसा दौड़ में रिकॉर्ड बनाने वाले इंडियन ‘उसैन बोल्ट’ को तराशेगा साई, कोच लेंगे टेस्ट
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भैंसा दौड़ में रिकॉर्ड बनाने वाले इंडियन ‘उसैन बोल्ट’ को तराशेगा साई, कोच लेंगे टेस्ट

Kambala Race: श्रीनिवास गौड़ा ने 145 मीटर की दूरी 13.62 सेकंड में तय की थी. यह कंबाला रेस के इतिहास में अब तक का रिकॉर्ड है. 

भैंसा दौड़ में रिकॉर्ड बनाने वाले इंडियन ‘उसैन बोल्ट’ को तराशेगा साई, कोच लेंगे टेस्ट

नई दिल्ली: कर्नाटक में बफेलो रेस (भैंसा दौड़) में रिकॉर्ड बनाने वाले श्रीनिवास गौड़ा (Srinivasa Gowda) सोशल मीडिया में छाए हुए हैं. उनका वीडियो वायरल होता हुआ खेल मंत्री किरेन रिजीजू (Kiren Rijiju) तक भी पहुंच गया है. प्रो-एक्टिव रहने वाले खेल मंत्री ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए श्रीनिवास गौड़ा में ओलंपिक की संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं. उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) अधिकारियों को श्रीनिवासन का ट्रायल लेने का आदेश दिया है. 

28 साल के श्रीनिवास गौड़ा ने पारंपरिक खेल ‘कंबाला रेस’ में 145 मीटर की दूरी 13.62 सेकंड में तय की थी. यह कंबाला रेस के इतिहास में अब तक का रिकॉर्ड है. कंबाला रेस के दौरान श्रीनिवासन की रफ्तार दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट से भी अधिक थी. जमैका के बोल्ट के नाम 100 मीटर की रेस 9.58 सेकंड में जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है. 

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श्रीनिवास गौड़ा ने कंबाला रेस में 100 मीटर की दूरी करीब 9.55 सेकंड में ही पार कर ली थी. यानी, उन्होंने 100 मीटर की दूरी तय करने में बोल्ट से भी कम समय लिया था. गौड़ा की इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें बेहतर ट्रेनिंग देने और ओलंपिक में भेजने की मांग सरकार से कर रहे थे. 

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खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को ट्वीट कर श्रीनिवास गौड़ा को ज्यादा सुविधाएं देने की पेशकश की, ताकि उनकी प्रतिभा को सही मंच दिया जा सके. खेल मंत्री ने लिखा, ‘मैंने साई (SAI) के प्रशिक्षकों से कहा है कि वे श्रीनिवासन गौड़ा का ट्रायल लें. देश के कई हिस्सों में ओलंपिक को लेकर पर्याप्त जागरूकता या जानकारी नहीं है. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि भारत की कोई भी प्रतिभा वंचित ना रह जाए.’

कम्बाला रेस या बफेलो रेस कर्नाटक का पारंपरिक खेल है. यह मंगलौर और उडुपी में काफी प्रचलित है. इस खेल में युवा जॉकी दो भैंसों के साथ कीचड़ वाले इलाके में दौड़ लगाते हैं. हालांकि, जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोग  इस खेल का विरोध भी करते रहे हैं. उनका आरोप है कि तेज दौड़ने के लिए भैंसों को मजबूर किया जाता है. 

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