विश्व चैम्पियनशिप टीम में एथलीट चित्रा का चयन न करने पर केंद्र से जवाब तलब
Advertisement

विश्व चैम्पियनशिप टीम में एथलीट चित्रा का चयन न करने पर केंद्र से जवाब तलब

केरल के पल्लकड़ की रहने वाली चित्रा के माता-पिता खेतों में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर हैं.

लंबी दूरी की धाविका चित्रा ने 2014 में रांची में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता से लोकप्रियता हासिल की थी. (फाइल फोटो)

कोच्ची: केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार (27 जुलाई) को केंद्र सरकार से राज्य की स्टार एथलीट पी. यू. चित्रा को विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए भारतीय दल में शामिल न करने पर सफाई मांगी है. उल्लेखनीय है कि अगले माह आयोजित होने वाले विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के लिए चित्रा ने क्वॉलीफाई किया है. अदालत ने चित्रा के कोच एन. एस. सिजिन की ओर से दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
केंद्र को इस मामले में शुक्रवार (28 जुलाई) को क्वॉलीफाई करने वाली प्रक्रिया पर जानकारी देने के लिए कहा गया है.

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि अगर केंद्र के पास इस प्रकार के मामलों में हस्तक्षेप करने के अधिकार हैं, तो इसके नियमों में प्रासंगिक प्रावधान को विस्तार से बताया जाए. अदालत ने केंद्र से विभिन्न खेल संगठनों के धन के स्त्रोत की व्याख्या करने के लिए भी कहा है. चित्रा ने इसी महीने की शुरुआत में भुवनेश्वर में हुई एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में महिलाओं की 1500 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है. उन्होंने यहां चार मिनट 17.92 सेकेंड का समय निकालते हुए पहला स्थान हासिल किया था.

अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के चयन मानदंडों के अनुसार, कोई खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वॉलीफाई तभी कर सकता है जब वह क्वालीफिकेशन के मापदंडों को पूरा करे या उप-महाद्वीप में होने वाली प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते. इस पैमाने पर चित्रा चार अगस्त से लंदन में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में क्वॉलीफाई करने को पूरी तरह खरी उतरती हैं, हालांकि एशियन चैम्पियनशिप में हासिल किया गया उनका समय क्वालीफाइंग सीमा से कम है. क्वालिफाइंग की न्यूनतम सीमा चार मिनट 7.5 सेकेंड है.

चित्रा को भारतीय दल में शामिल न किए जाने से केरल में नाराजगी का मौहाल है. चित्रा ने और उनके कोच ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) पर आरोप लगाया है कि एएफआई ने चित्रा की जगह अन्य अधिकारियों को लंदन ले जाने का फैसला किया है. चित्रा ने कहा कि लक्ष्मणन गोविंदन ने भुवनेश्वर में हुई एशियन चैम्पियनशिप में पुरुषों की 10,000 मीटर और 5,000 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था, जबकि उनकी समय सीमा भी क्वालीफाइंग के लिए तय समयसीमा से कम ही थी.

इस सप्ताह की शुरुआत में केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने चित्रा को टीम से बाहर किए जाने की प्रक्रिया पर निराशा जताते हुए केंद्र को पत्र भी लिखा था. विजयन ने इस बात की भी जानकारी दी कि राज्य सरकार चित्रा की मदद के लिए हर कोशिश करेगी, क्योंकि वह आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं. केरल के पल्लकड़ की रहने वाली चित्रा के माता-पिता खेतों में दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूर हैं. चित्रा के माता-पिता को गुरुवार (27 जुलाई) को भी मजदूरी करते देखा गया था और वे दोनों इस मामले से अनजान हैं. लंबी दूरी की धाविका चित्रा ने 2014 में रांची में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता से लोकप्रियता हासिल की थी. इसके बाद से ही उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं. एएफआई के एक अधिकारी ने हालांकि अपनी चयन प्रक्रिया को सही बताया है, और अपना बचाव किया है. 

एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरीवाला ने महासंघ की वेबसाइट पर बुधवार को इस फैसले पर सफाई दी है और लिखा है कि यह फैसला पूरी चयनसमिति की आम सहमति से लिया गया, जिसमें जी. एस. रंधावा, परमजीत सिंह, प्रवीण जॉली और उदय प्रभु शामिल थे. एएफआई ने कहा कि वह चयन समिति की बैठक में सरकारी पर्यवेक्षक और कोच पी. टी. ऊषा, द्रोणाचार्य अवॉर्ड विजेता जे. एस. सैनी, सहायक कोच राधाकृष्णन नायर, कोच बहादुर सिंह और एएफआई सचीव सी. के. वाल्सन के साथ उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि चित्रा एशियन चैम्पियनशिप के बाद से खराब फॉर्म से जूझ रही हैं. उन्होंने 15 से 18 जुलाई के बीच आयोजित अंतर्राज्यीय चैम्पियनशिप में 4:28:87 का समय निकाला. सुमरीवाला ने लिखा, "एएसी के बाद अंतर्राज्यीय चैम्पियनशिप में उनके प्रदर्शन में गिरावट देखी गई है. उन्होंने इस प्रतियोगिता में अच्छा समय नहीं निकाला. उनकी समय सीमा विश्व चैम्पियनशिप के क्वालीफाइंग मार्क के करीब नहीं थी. अंतर्राज्यीय चैम्पियनशिप प्रतियोगिता उनके लिए क्वालीफिकेशन मार्क हासिल करने के लिए अंतिम टूर्नामेंट था. वह इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहीं. ऊषा ने कहा कि चित्रा नियमित अंतराल पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं.

ऊषा ने बुधवार (26 जुलाई) को कोझिकोड में कहा, "एशियन चैम्पियनशिप जीतने वाला खिलाड़ी विश्व चैम्पियनशिप में प्रवेश के लिए बाध्य होता है, लेकिन यह फैसला महासंघ को करना होता है. मैं इस बात से खुश नहीं हूं कि चित्रा और दो अन्य खिलाड़ी टीम से बाहर हैं. लेकिन हमें समझना होगा कि चित्रा का प्रदर्शन क्वालीफाइंग मानकों से निचले स्तर का रहा है." उन्होंने कहा, "एक पर्यावेक्षक के रूप में मैंने उनसे कहा कि चित्रा एक युवा खिलाड़ी हैं और विश्व चैम्पियनशिप उनके लिए अच्छा अनुभव लेकर आएगी. लेकिन चित्रा का नया स्कोर दुनिया के शीर्ष 200 खिलाड़ियों से भी खराब रहा. तो किस आधार पर मैं चयन समिति से उन्हें टीम में शामिल करने को कहूं? समिति का मानना था कि चित्रा अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं रख पाती हैं."

Trending news