विधि आयोग ने जनता से मांगी राय: भारत में सट्टेबाज़ी और जुए को वैध कर देना चाहिए?
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विधि आयोग ने जनता से मांगी राय: भारत में सट्टेबाज़ी और जुए को वैध कर देना चाहिए?

भारत में सट्टेबाजी और जुए को वैध कर देना चाहिए? जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाला विधि आयोग यह जानना चाहता है. पैनल जानना चाहता है कि क्या सट्टेबाजी और जुए को वैधता प्रदान करने से देश में अवैध गतिविधियों के नियंत्रण में मदद मिलेगी.

विधि आयोग जानना चाहता है कि क्या ऐसी गतिविधियों को लाइसेंस देने से सरकार राजस्व कमा सकती है?

नई दिल्ली: भारत में सट्टेबाजी और जुए को वैध कर देना चाहिए? जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाला विधि आयोग यह जानना चाहता है. पैनल जानना चाहता है कि क्या सट्टेबाजी और जुए को वैधता प्रदान करने से देश में अवैध गतिविधियों के नियंत्रण में मदद मिलेगी.

विधि आयोग जानना चाहता है कि क्या ऐसी गतिविधियों को लाइसेंस देने से सरकार राजस्व कमा सकती है और रोजगार सृजन होगा? आयोग ने आम जनता से भी यह जानना’ होगा. उसने सवाल किया है, ‘ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को दिवालिया होने से बचाने का क्या संभव तरीका हो सकता है? यदि इन्हें वैधता प्रदान की जाती है, तो क्या विदेशी सट्टेबाजी और जुए वाली कंपनियों को भी देशी बाजार में मौका दिया जाना चाहिए.’ 

बीसीसीआई बनाम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के मुकदमे की सुनवायी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 2016 में विधि आयोग को भारत में सट्टेबाजी को वैधता प्रदान करने की संभावनाओं पर अध्ययन करने को कहा था. इस मामले पर जनता की राय मांगते हुए आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) बीएस चौहान ने अपनी अपील में लिखा है, ‘इस मुद्दे पर विचार करते हुए आयोग ने पाया कि जुए का मामला भी बेहद करीब से सट्टेबाजी से जुड़ा हुआ है. जुए के बगैर सिर्फ सट्टेबाजी को वैधता प्रदान करने से पूरी कवायद बेकार हो जायेगी.’ न्यायमूर्ति चौहान फरवरी में जुआ, लॉटरी और सट्टेबाजी पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन गये थे.

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