मैरी कॉम ने एशियाई खेलों से नाम वापस लिया, यह बताई वजह
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मैरी कॉम ने एशियाई खेलों से नाम वापस लिया, यह बताई वजह

मैरी कॉम ने एशिायई खेलों में अपने पसंदीदा भार वर्ग की कैटेगरी न होने पर एशियाई खेलों से नाम वापस ले लिया है.

मैरी कॉम ने कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान भी इशारा किया था कि वे एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगीं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : भारत की दिग्गज महिला बॉक्सर और पांच बार की विश्व विजेता मैरी कॉम ने इसी साल अगस्त में होने वाले एश्यिाई खेलों से अपना नाम वापस ले लिया है. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने शुक्रवार को एशियाई खेलों की टीम का ऐलान किया. मैरी के स्थान पर मणिपुर की सरजू बाला देवी एशियाई खेलों में 51 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

  1. अपने पसंदीदा वर्ग में ही खेलना चाहती हैं मैरी
  2. मैरी की पसंद का 48 किलो वर्ग नहीं है चैम्पियनशिप में
  3. युवाओं को भी मौके देना चाहती हैं मैरी

बीएफआई ने एक बयान जारी कर बताया, "सरजू बाला देवी ने पिंकी को मात देकर टीम में अपना स्थान पक्का किया. दोनों खिलाड़ियों ने पिछले दो महीनों में बराबर अंक और जीत हासिल की थी. ट्रायल्स इसलिए कराए गए, ताकि इन दोनों में से किसी एक का नाम फाइनल किया जा सके."

बयान के मुताबिक, "सरजू बाला देवी ने मैच में अपना रूतबा दिखाया और जीत हासिल कर एशियाई टीम में जगह पक्की की."  मैरी ने कहा कि उनका लक्ष्य 48 किलोग्राम भारवर्ग में नवंबर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतना है. मैरी ने कहा, "मैंने अपना नाम वापस ले लिया, क्योंकि एशियाई खेलों में 48 किलोग्राम भारवर्ग नहीं है. इस समय मैं अपने भारवर्ग में विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीतने पर ध्यान दे रही हूं."

उन्होंने कहा, "मैं पहले ही एशियाई खेलों में 51 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण और कांस्य पदक जीत चुकी हूं. अब मैं आने वाले युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहती हूं." जब मैरी के टीम में न होने पर बीएफआई ने कहा, "उन्हें टीम से बाहर नहीं किया गया है. एशियाई खेलों में महिलाओं की सिर्फ तीन श्रेणियां (51, 57 और 60 किलोग्राम भारवर्ग) हैं, जहां संबंधित खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे."

 कॉमनवेल्थ खेलों में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड जिता था मैरी ने
उल्लेखनीय है कि कॉमनवेल्थ 2018 के खेलों में शानदार प्रदर्शन कर बॉक्सिंग में मैरी कॉम ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया था. मैरी कॉम ने  महिला मुक्केबाजी की 45-48 किलोग्राम भारवर्ग के स्पर्धा का स्वर्ण अपने नाम किया था. उन्होंने फाइनल में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से मात देकर पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल किया. 

 मैरी कॉम ने राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोवर्ग के फाइनल में प्रवेश करने के बाद मैरी कॉम ने कहा था, ‘‘मैं सोच रही हूं कि एशियाई खेलों में भाग नहीं लूं. मुझसे कहा गया तो मैं जाऊंगी लेकिन बाद में फैसला लूंगी. मुझे देखना है कि विश्व चैम्पियनशिप के लिए पूरी तरह फिट रहूं लिहाजा एशियाई खेलों से बाहर रहकर छोटा ब्रेक ले सकती हूं.’’ 

 मैरी कॉम कॉमनवेल्थ खेलों से पहले पांच महीने से लगातार खेल रहीं थी. पिछले साल ही नवंबर में एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. इसके बाद जनवरी में इंडिया ओपन में स्वर्ण जीता और बुल्गारिया में फरवरी में स्ट्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में रजत पदक हासिल किया. इसके अलावा तैयारियों के लिए आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया गई थी. 

मैरी कॉम ने तब कहा था, ‘‘शरीर को आराम भी चाहिए. मैं एशियाई खेलों में भाग लेने से पूरी तरह से इंकार नहीं कर रही लेकिन मेरे जेहन में है कि इससे बाहर भी रह सकती हूं.’’ विश्व चैम्पियनशिप इस साल नवंबर में दिल्ली में होनी है और मैरी कॉम इसका मुख्य आकर्षण होगी. भारत ने 2006 में महिलाओं की विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी की थी जिसमें मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक जीता था. 

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