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रियो डि जिनेरियो : महान तैराक माइकल फेल्प्स ने कहा कि छह ओलंपिक पदक जीतकर अपने करियर का अंत करने से बेहतर कोई दूसरा तरीका नहीं हो सकता। फेल्प्स ने रियो ओलंपिक में पांच स्वर्ण और एक रजत के साथ अपने करियर का अंत किया। फेल्प्स ओलंपिक में 23 स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य सहित कुल 28 पदक जीत चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अपने आखिरी ओलंपिक में हिस्सा लेते समय वह 200 मीटर बटरफ्लाई का स्वर्ण पदक जीतने के लिए व्याकुल थे। फेल्प्स ने कहा, ‘मुझे हमेशा से लगता था कि मैं कुछ चीजों में सुधार कर सकता हूं। मैंने ऐसे ही हमेशा अपनी जिंदगी में काम किया है। कोई विश्व रिकार्ड तोड़ना या सर्वश्रेष्ठ समय निकालना बेहद शानदार होता। मैंने सर्वश्रेष्ठ समय निकाला, लेकिन मैंने विश्व रिकार्ड नहीं तोड़ा। मैंने रिले में अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन कुल मिलाकर मैं ऐसा हीं चाहता था।’
अमेरिकी खिलाड़ी ने कहा, ‘मुझे पता था कि इस ओलंपिक में मैंने खुद को सबसे अच्छे तरीके से तैयार किया और तैरने के लिए तैयार था। जो एक चीज जो बेहद व्याकुलता से चाहता था, वह 200 मीटर में जीत थी। मैं स्वर्ण पदक के साथ संन्यास लेना चाहता था। मैं पांच ओलंपिक खेलों में इस रेस में रहा और शीर्ष पर आने के साथ इसे खत्म करना चाहता था। पांच और स्वर्ण तथा एक और रजत पदक जीतने के साथ करियर का अंत करने से बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता।’
आखिरी बार प्रतिस्पर्धा करने के बाद फेल्प्स ने कहा कि वह रियो में ओलंपिक खेलों के दौरान वह कई बार भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘मेरे दिमाग में था कि यह मेरा आखिरी ओलंपिक है। यह मेरी अंतिम प्रतिस्पर्धा, अंतिम अभ्यास, आखिरी रेस हैं। पूरे समय यह मेरे दिमाग में चलता रहा और मेरे अतीत का, पिछले 24 वर्षों के मेरे तैराकी करियर का काफी हिस्सा मुझे याद आ रहा था। इसने मुझे भावुक कर दिया।’